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एक्सपोर्ट बैन के बीच भारत का बड़ा फैसला, UAE को द‍िया जाएगा और प्याज, श्रीलंका को भी म‍िलेगा लाभ 

एक्सपोर्ट बैन के बीच भारत का बड़ा फैसला, UAE को द‍िया जाएगा और प्याज, श्रीलंका को भी म‍िलेगा लाभ 

Onion Export: महंगाई कम करने के नाम पर केंद्र सरकार ने 7 द‍िसंबर 2023 की देर रात प्याज का एक्सपोर्ट बैन कर द‍िया था. लेक‍िन उसके बाद से अब तक व‍िभ‍िन्न देशों को लगभग एक लाख मीट्र‍िक टन प्याज एक्सपोर्ट की अनुमत‍ि दे चुकी है. आख‍िर प्याज एक्सपोर्ट के मुद्दे पर सरकार के ख‍िलाफ क्यों हमलावार हैं क‍िसान और एक्सपोर्टर?  

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बैन के बाद क‍ितना प्याज एक्सपोर्ट हुआ. बैन के बाद क‍ितना प्याज एक्सपोर्ट हुआ.

भारत ने एक अहम फैसला लेते हुए दो देशों को 20 हजार टन प्याज एक्सपोर्ट करने का फैसला क‍िया है. इनमें संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और श्रीलंका शाम‍िल है. दोनों को 10-10 हजार टन प्याज एक्सपोर्ट होगा. खास बात यह है क‍ि भारत यूएई को इससे पहले भी दो बार में 24400 मीट्र‍िक टन प्याज के एक्सपोर्ट की अनुमत‍ि दे चुका है. एक्सपोर्ट बैन के बीच भारत अब तक करीब एक लाख मीट्र‍िक टन प्याज अलग-अलग देशों में एक्सपोर्ट करने का एलान कर चुका है. यह सभी एक्सपोर्ट सहकार‍िता मंत्रालय के अधीन आने वाली कंपनी नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल) के जर‍िए हो रहे हैं. हालांक‍ि, इस फैसले से न‍िजी क्षेत्र के एक्सपोर्ट सरकार से खासे नाराज हैं. उन्होंने सवाल पूछा है क‍ि क्या अब सरकार ही ब‍िजनेस भी करेगी?

केंद्र सरकार ने घरेलू महंगाई को काबू करने के ल‍िए 7 दिसंबर, 2023 की देर रात प्याज एक्सपोर्ट पर बैन लगा द‍िया था. इसका क‍िसानों और व्यापार‍ियों ने भारी व‍िरोध दर्ज करवाया था. मंड‍ियों को कुछ द‍िन तक बंद रखा था. जबक‍ि सरकार ने प्याज के वैश्विक आपूर्ति परिदृश्य और अल नीनो के तहत सूखे का हवाला देते हुए एक्सपोर्ट बैन को जायज ठहराया था. एक तरफ एक्सपोर्ट को पूरी तरह से बैन करने का एलान क‍िया गया लेक‍िन कुछ ही द‍िनों बाद एनसीईएल के जर‍िए कुछ देशों को प्याज एक्सपोर्ट करने की मंजूरी दी जाने लगी.  

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क‍िस देश को क‍ितना एक्सपोर्ट 

बहरहाल, श्रीलंका और यूएई को प्याज एक्सपोर्ट करने के ल‍िए डायरेक्टर जनरल ऑफ़ फॉरेन ट्रेड (DGFT) की ओर से 15 अप्रैल को नोट‍िफ‍िकेशन जारी क‍िया गया है. एक्सपोर्ट बैन होने के बाद से अब तक सरकार बांग्लादेश को 50,000 टन, संयुक्त अरब अमीरात को 34,400 टन, श्रीलंका को 10,000 मीट्र‍िक टन, बहरीन को 3,000 टन, मॉरीशस को 1,200 टन और भूटान को 550 टन प्याज एक्सपोर्ट करने की अनुमति दे चुकी है. सरकार से क‍िसान पूछ रहे हैं क‍ि आख‍िर यह प्याज कहां से खरीदा जा रहा है, क‍िन क‍िसानों से खरीदा जा रहा है, इसे स्पष्ट करना चाह‍िए. क्योंक‍ि एनसीईएल की स्थापना तो क‍िसानों को फायदा द‍िलाने के ल‍िए हुई थी. 

प्याज एक्सपोर्ट का नोट‍िफ‍िकेशन.

क‍म उत्पादन का है अनुमान 

प्याज पॉल‍िट‍िक्स में क‍िसान प‍िस रहे हैं. उन्हें एक्सपोर्ट बैन की वजह से लागत मूल्य भी नहीं म‍िल पा रहा है. इससे पहले सरकार ने अगस्त 2023 में प्याज पर 40 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी लगा दी थी. इसका क‍िसानों ने भारी व‍िरोध क‍िया था. उसके बाद सरकार ने एक्सपोर्ट बैन करके जैसे क‍िसानों पर वज्रपात ही कर द‍िया.

लेक‍िन क‍िसानों ने उसके बाद प्याज की खेती कम कर दी. इसकी तस्दीक कृष‍ि मंत्रालय भी कर रहा है. ज‍िसने बताया है क‍ि प‍िछले साल के लगभग 302.08 लाख टन के उत्पादन की तुलना में इस साल लगभग 254.73 लाख टन ही प्रोडक्शन होने का अनुमान है. यानी प्याज का उत्पादन करीब 47 लाख टन कम हो सकता है. यह आंकड़ा सरकार और उपभोक्ताओं दोनों के ल‍िए च‍िंता बढ़ाने वाला है. 

चुनावी सीजन में दाम पर अंकुश 

केंद्र सरकार चुनावी सीजन में प्याज जैसी जरूरी चीज का निर्यात बंद करके इसकी कीमतों को काबू में रखना चाहती है. क्योंक‍ि प्याज की महंगाई कई बार सत्ताधार‍ियों को कुर्सी से उतार चुकी है. इसील‍िए सरकार ने एक्सपोर्ट बैन को अन‍िश्च‍ितकाल के ल‍िए कर द‍िया. शुरुआत में जो आदेश आया था उसमें कहा गया था क‍ि 7 द‍िसंबर 2023 से 31 मार्च 2024 तक एक्सपोर्ट बैन रहेगा. लेक‍िन सरकार ने चुनावी सीजन को देखते हुए एक्सपोर्ट बैन को आगे बढ़ा द‍िया. 

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