Rajasthan: एक हजार करोड़ रुपये से होगा सिंचाई तंत्र का विकास, सीएम ने दी वित्तीय स्वीकृति

Rajasthan: एक हजार करोड़ रुपये से होगा सिंचाई तंत्र का विकास, सीएम ने दी वित्तीय स्वीकृति

राजस्थान सरकार ने एक हजार करोड़ रुपये से प्रदेश के कई जिलों में सिंचाई तंत्र को विकसित करने और सुदृढ़ीकरण पर खर्च किए जाएंगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसकी वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी है.

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Rajasthan: एक हजार करोड़ रुपये से होगा सिंचाई तंत्र का विकास, सीएम ने दी वित्तीय स्वीकृतिराजस्थान में सिंचाई परियोजनाओं पर एक हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. फोटो- By Arrengement

राजस्थान के सिंचाई तंत्र को मजबूत करने के लिए सरकार ने एक हजार करोड़ रुपये की स्वीकृति जारी की है. इससे प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में सिंचाई से संबंधित कई तरह के काम होंगे.  साथ ही इस राशि को जल तंत्र के विकास और सुदृढ़ीकरण पर खर्च किया जाएगा. इसीलिए नहरों, जल एवं सिंचाई परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार ने 1003.19 करोड़ रुपये जारी करने की स्वीकृति दी है.

इस राशि से डूंगरपुर, उदयपुर, झालावाड़, बांसवाड़ा, बारां जैसे जिलों में सिंचाई संबंधी काम किए जाएंगे. 

इन जिलों में होंगे सिंचाई संबंधी काम

सिंचाई संबंधी परियोजनों के लिए जारी हुई इस राशि को राजस्थान के कई जिलों में सिंचाई परियोजनाओं पर खर्च किया जाएगा. इनमें डूंगरपुर जिले में मारगिया लघु सिंचाई परियोजना के तहत बांध एवं नहर का सुदृढ़ीकरण का काम किया जाएगा. इसके अलावा भीलवाड़ा में मेजा बांध की मुख्य नहरों की मरम्मत की जाएगी.

वहीं, बांसवाड़ा में अनास नदी पर साग डूंगरी एनिकट, थापड़ा एनिकट लिफ्ट सिंचाई परियोजना, सोलर आधारित सूक्ष्म सिंचाई परियोजना, दानपुर लिफ्ट सिंचाई परियोजना का निर्माण, कागदी पिकअपवियर के डाउन स्ट्रिप एक्सेस चैनल की क्षमता वृद्धि एवं सुदृढ़ीकरण जैसे काम किए जाएंगे.

साथ ही झालावाड़ में आहू नदी पर एनिकट व कॉजवे, कंठाली नदी के कटाव की मरम्मत कर पानी के बहाव को रोकने के कार्य भी होंगे. इसके अलावा चित्तौड़गढ़ में बड़ी, मानसरोवर व भावलिया बांध के एक्सेस पानी से 7.50 हैक्टेयर कमांड क्षेत्र में सोलर आधारित सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का निर्माण, बूंदी में घोड़ा पछाड़ नदी पर बैंक प्रोटेक्शन कार्य किए जाएंगे.

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लघु सिंचाई परियोजना, एनिकट बनाने के काम भी होंगे

जारी हुए एक हजार करोड़ रुपये से बारां के अटरू शहर को बाढ़ से बचाने के लिए बुधसागर तालाब डायवर्जन चैनल और मांडपुर लिफ्ट परियोजना के एनिकट से सोलर आधारित फव्वारा पद्धति से सिंचाई के काम शुरू होंगे. वहीं, प्रतापगढ़ में देवद कराडिया लघु सिंचाई परियोजना, कोटा की अलनिया मध्यम सिंचाई परियोजना की शेष रही कच्ची नहर की लाइनिंग व जीर्णोद्धार का काम किया जाएगा.

इसके अलावा सवाईमाधोपुर के भूखा में बनास नदी पर एनिकट, उदयपुर में जावर एनिकट पर निर्माण संबंधी कई काम शुरू किए जाएंगे. 

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स्प्रिंकलर सिंचाई सुविधा विकसित होगी

जम्भेश्वर लिफ्ट नहर (फलोदी लिफ्ट) के 10 हजार हैक्टेयर एवं नेता वितरिका के शेष रहे क्षेत्र में विभिन्न सिविल एवं मैकेनिकल कार्य किए जाएंगे. इसके अलावा स्प्रिंकलर सिंचाई सुविधा का विद्युतीकरण कराया जाएगा. इस काम में कुल 100 करोड़ रुपए लागत आएगी. इसमें से इस वित्तीय वर्ष में 30 करोड़ खर्च किए जाएंगे.

बता दें कि इस साल के बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के सुदृढ़ीकरण, एनिकट निर्माण तथा जीर्णोद्धार की घोषणा की थी. इसी घोषणा को जमीन पर उतारने के लिए यह काम किए जा रहे हैं. 

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