
सरसों की लगातार मिल रही कम कीमतों के बीच राजस्थान के सरसों किसानों के लिए सरकार ने एक राहत दी है. केन्द्र सरकार के आदेश के बाद अब प्रदेश में सरसों की खरीद सीमा 25 से बढ़ाकर 40 क्विंटल प्रति दिन कर दी है. अब राजस्थान के किसान एक दिन में 40 क्विंटल तक सरसों बेच पाएंगे. पहले यह 25 क्विंटल तक ही सीमित था. इस आदेश से सरसों किसानों में खुशी है. क्योंकि बाजार में फिलहाल सरसों के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी कम है. इसीलिए 5450 एमएसपी मूल्य पर जितनी ज्यादा उपज बिकेगी, किसानों को उतना ही फायदा होगा.
हालांकि राज्य सरकार ने अभी कोई आदेश जारी नहीं किया है, लेकिन सोमवार को आदेश जारी होने की संभावना है.
सरकार ने कुछ दिन पहले चने की खरीद सीमा भी 25 से बढ़ाकर 40 क्विंटल की थी. इसके बाद से ही सरसों किसान भी इसकी मांग कर रहे थे. इसीलिए केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार को खरीद सीमा बढ़ाने का नोटिफिकेशन जारी करने के लिए पत्र लिखा. किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट किसान तक से कहते हैं, “हम खरीद सीमा को 40 क्विंटल करने की मांग बीते तीन साल से कर रहे हैं. लेकिन सरकार ने फिलहाल इसी सीजन के लिए यह आदेश निकाला है. किसान महापंचायत इसका स्वागत करती है. क्योंकि इस साल सरसों का किसान बेहद खस्ता हालत में है. 40 क्विंटल सीमा होने से उसकी अधिकतम उपज एमएसपी पर बिक सकेगी.”
राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे देश में सरसों के दामों में बीते एक साल में भारी गिरावट आई है. पिछले साल रबी सीजन में सरसों 7700 रुपये प्रति क्विंटल तक बिकी थी, लेकिन इस साल बाजार भाव 4500 से 4700 रुपये प्रति क्विंटल के बीच में ही रहा. इससे पिछले साल की तुलना में किसानों को तीन हजार रुपए प्रति क्विंटल तक का घाटा हुआ है. वहीं, एमएसपी से तुलना में प्रति क्विंटल घाटा 700-900 रुपये तक हो रहा है.
ये भी पढ़ें- Mustard Procurement: एमएसपी पर सरसों खरीदने के मामले में सबसे पीछे क्यों पहुंचा राजस्थान?
सरसों की लगातार कम होती कीमत से किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है. इसका सबसे ज्यादा असर राजस्थान के सरसों किसानों पर हो रहा है. क्योंकि राजस्थान देश का करीब 48 प्रतिशत सरसों उगाता है. इसीलिए यहां सरसों किसानों की संख्या भी ज्यादा है. किसानों को सरसों की रेट कम मिलने से इस साल काफी नुकसान हुआ है.
ये भी पढ़ें- Mustard Procurement: हरियाणा को छोड़ सरसों की सरकारी खरीद में बाकी सब फिसड्डी
रामपाल जाट कहते हैं कि हम सरकार से लगातार एक मांग कर रहे हैं. वो ये कि सरकार किसानों से उनकी पूरी उपज एमएसपी पर खरीदे. फिलहाल सरकार ने 75 प्रतिशत उपज को खरीद सिस्टम से बाहर कर रखा है. इससे बाजार में बिचौलिए और जमाखोर किसानों से सस्ते में माल खरीदते हैं और खुद मोटा मुनाफा कमाते हैं. इसीलिए सरकार किसानों से एमएसपी पर पूरी उपज खरीदने की प्रक्रिया शुरू करे.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today