राजस्थान में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत रबी सीजन की फसलों का बीमा 31 दिसंबर तक कराया जा सकता है. इसके लिए जरूरी अधिसूचना जारी कर दी गई है. पीएम फसल बीमा में बीमा कराने के लिए अधिसूचना एक बार ही जारी की जाती है जो साल 2023-24 के लिए 21 जुलाई को जारी की जा चुकी है. प्रदेश में रबी 2023-24 की फसलों के तहत गेहूं, चना, सरसों व धनिया को बीमा करवाने के लिए अधिसूचित किया गया है. राज्य सरकार की अधिसूचना के अनुसार फसल बीमा योजना के तहत फसली ऋण लेने वाले किसानों का पात्र माना गया है. इनमें 31 दिसंबर तक फसली ऋण स्वीकृति वाले किसान भी शामिल हैं. वहीं, जिन किसानों पर लोन है, उनके लिए यह योजना पूरी तरह स्वैच्छिक होती है. हालांकि जो किसान बीमा नहीं कराना चाहते वे 24 दिसंबर से 29 दिसंबर तक अपने बैंक में सूचना दे सकते हैं. अगर किसान सूचना नहीं देते हैं तो उनकी फसलों का बीमा कर दिया जाएगा.
साथ ही प्रीमियम काटने वाला बैंक किसान से यह सर्टिफिकेट लेंगे कि उसने बोई गई फसल का कहीं और बीमा नहीं करावाया हुआ है. साथ ही ऋणी किसानों को बीमित फसल में परिवर्तन की सूचना बैंक को 29 दिसंबर तक देनी होगी.
विभाग के अनुसार गैर ऋणी किसान और बंटाईदार किसान स्वैच्छिक या वह भू-स्वामित्व के साक्ष्य, भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र, बैंक खाता संबधी साक्ष्य, आधार कार्ड की प्रति जोकि अपना खाता पोर्टल से डाउनलोड की गई होनी चाहिए. इसके अलावा स्वयं प्रमाणित नवीनतम जमाबन्दी, जिन जिलों के गांव के लैण्ड रिकॉर्ड को भारत सरकार राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल से इंटीग्रेशन नहीं किया गया है उनके लिए पटवारी, गिरदावर, तहसीलदार द्वारा सत्यापित जमाबंदी की नकल ही मान्य होगी.
साथ ही स्वप्रमाणित फसल बुवाई घोषणा पत्र, बंटाईदार किसान की ओर से सम्बंधित खातेदार से प्राप्त 100 रुपये के स्टांप पर शपथ पत्र देना होगा. इस शपथ पत्र पर बोई गई फसल की डिटेल्स होंगी. इसके अलावा बंटाईदार कृषक का राजस्थान का मूल निवास प्रमाण पत्र, बंटाईदार कृषक एवं संबधित खातेदार दोनों कृषकों के स्वयं द्वारा संबधित आधार कार्ड की प्रति इत्यादि दस्तावेजों से गैर ऋणी कृषक के रूप में फसल बीमा करवाया जा सकता है.
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ऋणी किसानों का प्रीमियम उसके अन्य खातों से वसूल किया जाएगा. गैर ऋणी किसानों एवं बंटाईदार किसान अपनी फसलों का बीमा स्वैच्छिक आधार पर पास के केन्द्रीय सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, वाणिज्यिक बैंक की शाखाओं एवं सीएससी के माध्यम से करवा सकेंगे.
वहीं, गैर ऋणी कृषक बीमा कम्पनी के अधिकृत बीमा एजेन्ट, मध्यस्थ, प्राधिकृत प्रतिनिधि या राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल एनसीआईपी द्वारा भी फसल बीमा करवा सकते हैं. रबी 2023-24 के लिए गेंहु, चना, सरसों फसलों का बीमा जिले की सभी तहसीलों के किसानों द्वारा करवाया जा सकता है.
रबी 2023-24 के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत जिले में अधिसूचित फसलों की प्रति हेक्टेयर धनिया 168022 रूपए, चना 102021 रूपए, सरसों 106098 रूपए, व गेंहू 99260 रूपए बीमित राशि निर्धारित की गई है.
वहीं, गेहूं, चना व सरसों फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत एवं धनिया फसल के लिए 5 प्रतिशत कृषक हिस्सा राशि किसानों से ली जाएगी. किसानों की ओर से गेहूं फसल के लिए प्रीमियम राशि 1489 रूपए, चना 1530 रूपए, सरसों 1591 रूपए एवं धनिया के लिए 8401 रूपए वहन की जाएगी. शेष राशि राज्य व केन्द्र सरकार बराबर-बराबर अनुपात में वहन करते हैं.
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बीमा की हुई फसलों में प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कवर किया जाता है. इनमें फसल बुवाई से कटाई में सूखा, लम्बी सूखा अवधि, बाढ़, जल प्लावन, कीट एवं व्याधि, प्राकृतिक आग एवं बिजली का गिरना, तूफान, ओलावृष्ठि, चक्रवात से होने वाले उपज में नुकसान के लिए व्यापक जोखिम बीमा राज्य सरकार की ओर से की जाने वाली फसल कटाई प्रयोग से मिलने वाले उपज आंकडों के आधार पर दिया जाता है.
फसल कटाई के बाद सूखने के लिए खेत में काटकर फैलाकर छोड़ी गई फसल को चक्रवात, चक्रवाती वर्षा, असामयिक वर्षा तथा ओलावृष्टि से व्यक्तिगत आधार पर हुए नुकसान के लिए कटाई के बाद अधिकतम 14 दिन के लिए बीमा में कवर किया जाता है.
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