बीते एक हफ्ते में बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. मंगलवार रात को भी प्रदेश के कई शहरों बीकानेर, जैसलमेर और बाड़मेर में बारिश हुई. मार्च महीने की शुरूआत से ही बिगड़े मौसम ने फसलों को बर्बाद करना शुरू कर दिया था. इससे पहले भी ओलों के कारण पश्चिमी राजस्थान में जीरा और ईसबगोल की फसलें खराब हो गई. कृषि विभाग ने इस हफ्ते में हुई बारिश से फसलों में 50-60 प्रतिशत तक खराबा होने का अनुमान जारी किया है.
टोंक जिले के डोडवाड़ी गांव के किसान गोपीलाल ने अपने 30 बीघा खेतों में गेहूं और चना बो रखा था. कुछ हिस्से में पछैती सरसों भी थी. इस हफ्ते की बारिश और ओलों के कारण उनकी गेहूं की फसल लेट गई. गोपीलाल कहते हैं कि गेहूं और चने में कम से कम 30 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है. इससे पहले आई बारिश में भी करीब 40 फीसदी फसल खराब हो गई. इस तरह मेरी पिछले चार महीने की पूरी मेहनत को मौसम ने खराब कर दिया. गोपी कहते हैं कि कृषि विभाग ने टोंक जिले में तो अनुमानित खराबा ही नहीं माना है. इससे बड़ा मजाक किसी किसान का और क्या हो सकता है?
कृषि विभाग ने फसल खराब होने को लेकर अनुमानित आंकड़े भी जुटाए हैं. सबसे ज्यादा असर प्रदेश के 20 जिलों में पड़ा है. इनमें ओलों और बारिश से सबसे प्रभावित जिले जोधपुर, नागौर, बूंदी, जयपुर, बीकानेर अजमेर, चित्तौड़गढ़, दौसा, जालोर, हनुमानगढ़, भरतपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, बांसवाड़ा, उदयपुर, कोटा, डूंगपुर, धौलपुर, चूरू और भीलवाड़ा शामिल हैं.
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कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार 16 मार्च से 20 मार्च के बीच हुई बारिश और ओलावृष्टि के कारण राजस्थान में इस रबी सीजन में हुई कुल बुवाई का पांच प्रतिशत तक का रकबा बारिश से खराब हुआ है. प्रदेश में रबी सीजन में कुल 109.55 लाख हेक्टेयर में गेहूं, जौ, चना, सरसों, जीरा, ईसबगोल और सब्जियां बोई गई थीं. इनमें से 6.24 लाख हेक्टेयर फसलें खराब हुई हैं. गोपी कहते हैं कि राज्य में लाखों किसानों की उम्मीदों पर मौसम ने पानी फेर दिया है.
राजस्थान में इस सीजन में गेहूं का कुल बुवाई क्षेत्र 29.65 लाख हेक्टेयर है. इसमें से 2.28 लाख हेक्टेयर में 10-60 प्रतिशत के नुकसान का अनुमान कृषि विभाग ने लगाया है. इसी तरह जौ 4.08 लाख हेक्टेयर में बोया. इसमें से 0.38 लाख हेक्टेयर में 10-60 फीसदी तक नुकसान हुआ है.
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चने का कुल बुवाई क्षेत्र 20.57 लाख हेक्टेयर में से 0.93 लाख हेक्टेयर खेती खराब हो गई. इसमें 10-45 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है. इसी तरह 37.98 लाख हेक्टेयर में बोई सरसों में से 0.95 लाख हेक्टेयर में 3-50 फीसदी नुकसान का अनुमान है.
साथ ही 5.79 लाख हेक्टेयर में इस साल किसानों ने जीरा बोया था. इसमें से 0.86 लाख हेक्टेयर में 10-60 प्रतिशत फसलें खराब हुई हैं. वहीं, ईसबगोल की कुल बुवाई 3.51 लाख हेक्टेयर थी. इसमें से 0.73 लाख हेक्टेयर में 80 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है. इसके अलावा सब्जी और अन्य फसलों का कुल बुवाई क्षेत्र 7.97 लाख हेक्टेयर था. इसमे से 0.11 लाख हेक्टेयर में 5-30 प्रतिशत तक नुकसान का आंकलन कृषि विभाग ने लगाया है.
मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी करते हुए कहा कि 23 से 25 मार्च के बीच कई जिलों में बारिश और ओले गिरने की संभावना है. इससे जोधपुर, अजमेर, भरतपुर, बीकानेर, भरतपुर और जयपुर संभाग में मौसम बिगड़ने की संभावना है. इससे किसानों की परेशानी बढ़ेगी. विभाग ने किसानों को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि किसान अपनी कटी हुई फसलों का भंडारण कर लें. फसल को ऊंचाई वाले स्थान पर तिरपाल से ढंक कर रखें.
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