राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लग चुकी है. अब ना तो सरकार कोई घोषणा कर पाएगी और ना ही किसी और तरह की मदद की जा सकेगी. लेकिन राजस्थान सरकार ने आचार संहिता लगने से पहले ही किसानों के लिए 1125 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि स्वीकृत की थी. इस राशि से बीते दिनों आंधी-बारिश से फसलों में हुए नुकसान की भरपाई की जा सकेगी. यह राशि फसलों के नुकसान के लिए किसानों को एसडीआरएफ नॉर्म्स के तहत तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के लिए जारी की गई है.
बता दें कि प्रदेश में सबसे ज्यादा फसलों में नुकसान श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ जैसे जिलों में हुई थी. इन जिलों में कपास में गुलाबी सुंडी और आंधी-बारिश से बड़ी मात्रा में फसलें खराब हुई थीं. किसान काफी दिनों से नुकसान की भरपाई के लिए धरना-प्रदर्शन कर रहे थे. हालांकि एसडीआरएफ नॉर्म्स के तहत उन्हीं किसानों को मुआवजा दिया जाएगा जिनकी फसलों में 33 या इससे अधिक प्रतिशत नुकसान हुआ हो. किसान नेताओं का दावा है कि ज्यादातर किसानों की फसलों में 50-90 फीसदी तक नुकसान हुआ है.
दो से 34 हजार रुपये तक मिलेगा किसानों को मुआवजा
एसडीआरएफ नॉर्म्स के मुताबिक किसानों को कम से कम दो हजार और अधिकतम 34 हजार रुपये तक मुआवजा मिल सकेगा. नियमों के मुताबिक जहां सिंचित क्षेत्र में फसलों का नुकसान 33 प्रतिशत से ज्यादा होता है, वहां 17 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाता है. मुआवजा अधिकतम दो हेक्टेयर तक दिया जाता है. इसीलिए प्रति किसान 34 हजार रुपये ही मुआवजा मिल सकेगा. हालांकि यह राशि प्रति किसान कम से कम दो हजार रुपये है और बोए गए क्षेत्र तक ही सीमित है. इसमें भी जिन किसानों का पीएम फसल बीमा योजना के तहत बीमा हो चुका है और उन्हें क्लेम मिल चुका है. उन किसानों को मुआवजा नहीं दिया जाएगा.
यहां जानें कैसे मिलेगा मुआवजा
एसडीआरएफ नियमों के मुताबिक मुआवजा राशि अधिकतम दो हेक्टेयर तक ही मिलेगी. मतलब किसानों को प्रति बीघा 4250 रुपये मुआवजा दिया जाएगा. ये राशि एक किसान को एक ही खाते में मिलेगी. चाहे उसकी जमीन दो-तीन हिस्सों में हो या बुवाई दो हेक्टेयर से अधिक में हो. जिस किसान ने नरमा यानी कपास दो हेक्टेयर में बोया हो और गिरदावरी में उसका नुकसान 33 प्रतिशत से अधिक दर्ज हुआ हो. इस नुकसान का उसे 34 हजार रुपये मुआवजा मिलेगा. इसके अलावा अगर किसानों का खाता साझा है तो मुआवजा इसी अनुसार मिलेगा.
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