
देश के कई हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है. मई के महीने में इतनी बारिश जहां कुछ लोगों के लिए चिलचिलाती गर्मी से राहत है. वहीं किसानों के लिए यह बारिश आफत से कम नहीं है. मई के महीने में इस बारिश ने मौसम को खुशनुमा बना दिया है क्योंकि बारिश की वजह से तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. साथ ही देश के अलग-अलग राज्यों से लगातार किसानों की फसलों का नुकसान भी देखने को मिल रहा है. इसी तरह की बारिश ने महाराष्ट्र के वाशिम जिले में अपनी दस्तक दे दी है. मंगलवार सुबह से रातभर हुई बारिश के कारण जिले के नदी नालों में बाढ़ जैसे मंजर दिखाई देने लगे हैं.
वाशिम जिले में पिछले छह से सात दिनों से लगातार हो रही बेमौसम मूसलाधार बारिश से सामान्य जन-जीवन काफी प्रभावित हुआ है. वहीं किसानों को इस लगातार बारिश ने कही का नही छोड़ा है. जिले के मालेगांव, कारंजा तहसीलों के किसानों की फसलों को बारिश ने भारी नुकसान पहुंचाया है. मालेगांव तहसील में किसानों ने अपनी मूंग की फसल काटकर रखी थी, जो मूसलाधार बारिश में भीग गई. इसी तरह उड़द और हल्दी की फसल को भी काफी नुकसान होने की जानकारी मिली है.
जिले के मानोरा शहर में पूरी रात हुई तेज बारिश के कारण शहर से बहने वाली अरुणावती नदी में बाढ़ जैसे मंजर देखने को मिले हैं. मानोरा तहसील के किसानों की ज्वार, बाजरा, सब्जियां और पपीते की फसलों में भारी नुकसान हुआ है. वहीं बताया जा रहा है कि इस बेमौसम बारिश से जिले में सबसे ज्यादा नुकसान मानोरा तहसील के किसानों को हुआ है. मानोरा शहर के निचले इलाकों में पानी भर गया है. सड़कें और खेत नदियां बन गई हैं. वहीं बारिश से पीड़ित एक महिला ने बताया कि रातभर बारिश के कारण घर में कमर जितना पानी घुस गया है जिससे वो पूरी रात परेशान रहीं.
मानोरा के किसान गौरव पाटिल ने अपने दो एकड़ खेत में बाजरे की और तीन एकड़ खेत में संतरे की फसल बोई है. लेकिन, इस आफत भरी बारिश और ओलावृष्टि के कारण पूरी फसल बर्बाद हो गई है. इससे उन्हें बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है. इसको लेकर किसान ने कहा कि उसने अपनी फसल के नुकसान के लिए प्रशासन से मुआवजे की मांग की है. साथ ही वाशिम शहर के फ्लाईओवर पर एक छोटा ट्रक पलट गया, हालांकि सौभाग्यवश कोई दुर्घटना नहीं हुई.
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