लातूर में गन्ना किसानों का आंदोलन, बढ़ी हुई कीमतों पर भुगतान की मांग के साथ 3 मिलों के सामने जोरदार प्रदर्शन

लातूर में गन्ना किसानों का आंदोलन, बढ़ी हुई कीमतों पर भुगतान की मांग के साथ 3 मिलों के सामने जोरदार प्रदर्शन

गुस्साए किसानों का कहना है कि हमने हजारों रुपये देकर इस मिल के शेयर्स खरीद लिए हैं और इसलिए हम इस मिल के मालिक हैं. फिर भी हमें मिल के अंदर जाने से रोका जा रहा है. इस दौरान किसानों ने गेट पर खूब नारेबाजी की. हालांकि, मौके पर पहुंची पुलिस ने समझा-बुझाकर किसानों को शांत कराया.

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लातूर में गन्ना किसानों का आंदोलन, बढ़ी हुई कीमतों पर भुगतान की मांग के साथ 3 मिलों के सामने जोरदार प्रदर्शनआंदोलन करते किसान फोटोः किसान तक

महाराष्ट्र के लातूर जिले में गन्ना किसान आंदोलन कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि उन्होंने शुगर मिलों को गन्ना बेचा था पर अभी तक मिल की तरफ से उनके गन्ने का भुगतान नहीं किया गया है, इससे नाराज होकर किसानों से संगठन के साथ मिलकर आंदोलन का रास्ता अपनाया है. गन्ने का बकाया भुगतान की मांग लेकर लातूर ग्रामीण क्षेत्र के मांजरा, विकास और 21 शुगर, इन तीन चीनी फैक्ट्रीयों के गेट के सामने विरोध प्रर्शन किया गया. इतना ही नहीं आंदोलन के दौरान विरोध कर रहे किसानों ने मांजरा शुगर मिल के अंदर जाने की भी कोशिश की. हालांकि, सुरक्षाकर्मियों ने किसानों को मेन गेट के अंदर जाने नहीं दिया. 

गुस्साए किसानों का कहना था कि हमने हजारों रुपये देकर इस मिल के शेयर्स खरीद लिए हैं और इसलिए हम इस मिल के मालिक हैं. फिर भी हमें मिल के अंदर जाने से रोका जा रहा है. इस दौरान किसानों ने गेट पर खूब नारेबाजी की. हालांकि मौके पर पहुंची पुलिस ने समझा-बुझाकर किसानों को शांत कराया. इसके बाद शुगर मिल प्रबंधन ने आकर आंदोलनकारी किसानों से मुलाकात की और किसानों के मांग को स्वीकार करने का आश्वासन दिया. आंदोलन में शामिल किसान संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष विजयकुमार जाधव ने कहा कि किसानों ने लातूर ग्रामीण क्षेत्र में पड़ने वाले तीन शुगर मिल 21 शुगर, विकास और मांजरा मिल के गेट पर प्रर्दशन किया.

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बढ़ी हुई कीमतों के आधार पर भुगतान की मांग

सभी किसान गन्ने की फसल की पहली किस्त 3500 रुपये प्रति क्विंटल देने की मांग कर रहे थे. आंदोलन में किसानों के साथ उन तीनो फैक्ट्रियों के सभासद भी शामिल रहे, जिन्होंने पिछले साल का हिसाब देने की मांग को लेकर मिल के मैनेजमेंट को आवेदन दिया है. विजयकुमार जाधव ने यह भी कहा कि अगर उन्हें गन्ने की बढ़ी हुई कीमतों के दर से भुगतान नहीं किया गया गया तो आगे और उग्र आंदोलन किया जाएगा. साथ की किसानों के इस आंदोलन की जिम्मेदारी शुगर मिल के मैनजमेंट की होगी. 

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बारिश के कारण उत्पादन पर पड़ा है असर

उल्लेखनीय है कि इस साल लातूर जिले में मानसून के दौरान अच्छी बारिश नहीं हुई है, इसके कारण इसका असर खरीफ फसलों की खेती पर पड़ा है. इस साल कम बारिश की कमी के  कारण खरीफ फसलों के उत्पादन में 20 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है. बता दे की गन्ना खरीफ की एक ऐसी फसल है जिसकी खेती के लिए दूसरे खरीफ फसलों की तुलना में तीन गुणा अधिक पानी की जरूरत पड़ती है. इसके कारण इस बार गन्ने के उत्पादन में 15 फीसदी की कमी होने का अंदेशा लगाया जा रहा है क्योंकि अधिकांश किसानों के पास सिंचाई की व्यवस्था नहीं थी. इन सबसे बावजूद शुगर मिल गन्ना किसानों को बढ़ी हुई कीमत देने के लिए तैयार नहीं हैं.  

 

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