Paddy Farming: कश्‍मीर में सिंचाई नहरों के बंद होने से सूख रहे धान के खेत, किसान परेशान 

Paddy Farming: कश्‍मीर में सिंचाई नहरों के बंद होने से सूख रहे धान के खेत, किसान परेशान 

Paddy Farming: किसानों का कहना है बिना किसी जांच के सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण चल रहा है. गमरू गांव के लोगों ने हाल ही में 8,000 रुपये जमा करके खुद ही जाम हुई नहर को साफ करने के लिए एक खुदाई मशीन किराए पर ली है. उन्होंने डीसी बांदीपोरा और सिंचाई विभाग से मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है. 

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Paddy Farming: कश्‍मीर में सिंचाई नहरों के बंद होने से सूख रहे धान के खेत, किसान परेशान Kashmir Farming: नहर के ब्‍लॉक होने से परेशान घाटी के किसान (सांकेतिक तस्‍वीर)

उत्‍तरी कश्मीर के बांदीपुरा जिले के कई गांव गंभीर जल संकट का सामना करने को मजबूर हैं. सिंचाई के लिए बनीं नहरें जाम हो गई हैं और बड़े स्‍तर पर अतिक्रमण की वजह से धान की रोपाई का मौसम खतरे में पड़ गया है. बांदीपुरा डिवीजन के गमरू, गुंडपोरा, अरागाम, गरुरा, चिट्टेबांडी, विजहरा, लोदारा और आसपास के इलाकों के किसानों ने कहा कि सिंचाई नेटवर्क पिछले कई सालों से पूरी तरह से नजरअंदाज होता आ रहा है. 

नहर के किनारों पर अतिक्रमण 

ग्रेटर कश्‍मीर ने किसानों के हवाले से लिखा है कि नहर में कचरे के ढेर और अनधिकृत निर्माण ने स्थिति को और खराब कर दिया है. किसान इश्फाक अहमद ने बताया कि गमरू में नहर की लंबे समय से सफाई नहीं हुई है. इसके किनारों पर अतिक्रमण कर लिया गया है जिससे उनके हमारे खेत सूखे रह गए हैं. जबकि उन्‍हें धान की रोपाई के लिए पानी की सबसे ज्यादा जरूरत है. गमरू से कुछ ही किलोमीटर दूर लोदरा गांव में भी इसी तरह की समस्या सामने आई है. 

16 फीट का नाला हुआ डेढ़ फीट का 

यहां किसानों ने आरोप लगाया है कि कुछ लोगों ने नागरत नहर और ग्राट कौल पर 'आधिकारिक संरक्षण' के तहत अनियंत्रित अतिक्रमण कर लिया है. इसकी वजह से सिंचाई की प्रक्रिया कई सालों से खराब हो गई है. स्थानीय निवासी गुलाम हसन ने कहा कि नागरत नाला 16 फीट चौड़ा था, लेकिन अब यह घटकर मात्र डेढ़ फीट रह गया है. इसी तरह, ग्राट कौल जो पहले 28 फीट चौड़ा था, अब आधा यानी 7 फीट से भी कम रह गया है.  

गांववालों पर जमात 'सरकारी' धौंस 

एक और स्थानीय शख्‍स जिसके धान के खेतों की सिंचाई लोदरा में नहर से होती है उसने भी कुछ इसी तरह की बात कही. उन्‍होंने कहा कि कई विभागों के साथ मुद्दों को उठाने की कोशिश करने के बावजूद कुछ भी नहीं हुआ है. साथ ही लोग बेपरवाह हैं और कुछ तो सचिवालय तक में कनेक्शन होने का दावा करते हैं. उनका कहना था कि इस मुद्दे के अलावा, बिना किसी जांच के सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण चल रहा है. गमरू गांव के लोगों ने हाल ही में 8,000 रुपये जमा करके खुद ही जाम हुई नहर को साफ करने के लिए एक खुदाई मशीन किराए पर ली है. उन्होंने डीसी बांदीपोरा और सिंचाई विभाग से मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है. 

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