महाराष्ट्र के अकोला में अक्टूबर हिट की प्रचंड गर्मी से जूझ रहे लोगों को गुरुवार शाम अचानक आई तेज़ बारिश से कुछ राहत मिली. लेकिन किसानों के लिए यह बारिश नुकसानदेह साबित हुई. अकोला और आसपास के इलाकों में तेज़ हवाओं और बिजली की चमक के साथ जमकर बारिश हुई, जिसके कारण सोयाबीन और कपास की फसल को बड़ा नुकसान हुआ है.
कई किसान अपनी सोयाबीन की फसल को खेतों से निकालकर ले जाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया. खेतों में पड़ी फसल गीली हो गई और इसका भारी नुकसान किसानों को उठाना पड़ा. मुरतिजापुर और अकोला तहसील सहित अन्य क्षेत्रों में भी खड़ी फसलें पानी में डूब गई, जिसे किसान अपनी आंखों के सामने बर्बाद होते देख रहे थे.
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किसानों ने प्रशासन से फसल पंचनामा करवाने की मांग की है, ताकि उन्हें उचित मुआवजा मिल सके. पहले ही सोयाबीन की फसल में उत्पादन की कमी का सामना कर रहे किसान अब इस अचानक आई बारिश से और ज्यादा प्रभावित हो गए हैं. इस इलाके में सोयाबीन और कपास की फसल बहुत प्रमुखता से उगाई जाती है और किसानों की आमदनी का यह बड़ा स्रोत भी है. लेकिन इस साल जिस तरह से बारिश का रुख है, उससे किसानों में भारी निराशा है.
हाल की बारिश लौटते मॉनसून का नतीजा है जिससे फसलों का भारी नुकसान होता है. किसानों के लिए यह नुकसान इसलिए भी बड़ा है क्योंकि जिस वक्त उनकी फसल निकलने वाली थी, कटकर बाजार में जाने वाली थी, ठीक उसी वक्त बारिश ने सबकुछ चौपट कर दिया. कपास के फूलों पर भी बारिश की बड़ी मार पड़ी है.
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किसानों के लिए इन दोनों फसलों की क्षति बहुत बड़ी है. ये दोनों फसल नकदी फसल के रूप में जानी जाती हैं क्योंकि किसान इसे बेचकर आगे की तैयारी करता है. अगली खेती के लिए पैसे जोड़ता है और अपनी कई तरह की प्लानिंग करता है. लेकिन किसानों का कहना है कि उनके अरमानों पर इस बारिश ने पानी फेर दिया क्योंकि अब उन्हें चौपट फसल से कोई आमदनी नहीं होगी. मायूस किसानों ने इसकी भरपाई के लिए प्रशासन से गुहार लगाई है और जल्द पंचनामा करने का आग्र किया है.
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