महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक किसान संघ के नेतृत्व में शुक्रवार, 12 सितंबर, 2025 से राज्यव्यापी "फ़ोन हड़ताल" करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है. यह हड़ताल लगातार सात दिनों तक जारी रहेगी और इस दौरान, प्रत्येक प्याज उत्पादक किसान विधायकों, सांसदों, राज्य के मंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, उपमुख्यमंत्रियों और केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रियों को सीधे फोन करके जवाब मांगेगा. महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक किसान संघ के संस्थापक अध्यक्ष भरत दिघोले ने बताया है कि राज्य भर के प्याज संगठन के पदाधिकारी इस काम के लिए बड़ी योजना बनाएंगे.
पिछले पांच-छह महीनों से किसान ग्रीष्मकालीन प्याज बाजार में उत्पादन लागत से काफी कम दाम पर बिक रहा है. किसानों को केवल 800 से 1,200 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिल रहा है, जबकि प्याज उगाने में किसानों की उत्पादन लागत 2,200 से 2,500 रुपये प्रति क्विंटल है. सस्ते दामों पर प्याज बेचने से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है.
प्याज उत्पादक संघ के संस्थापक अध्यक्ष भरत दिघोले ने आरोप लगाया है कि सरकार प्याज की इस विकट स्थिति को नजरअंदाज़ कर रही है. केंद्र सरकार को निर्यात पर सब्सिडी सहित तुरंत उचित कदम उठाने चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा प्याज विदेशों में निर्यात किया जा सके. पिछले कुछ महीनों में कम दामों पर प्याज बेचने वाले किसानों को सरकार 1,500 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी दे. साथ ही, नेफेड और एनसीसीएफ के बफर स्टॉक से सस्ते दामों पर प्याज बाजार में न लाने जैसी प्रमुख मांगों को लेकर राज्यव्यापी फोन आंदोलन किया जाएगा.
1. सीधा संवाद:
किसान सीधे जनप्रतिनिधियों से बात करेंगे और प्याज की बढ़ती कीमतों पर ठोस रुख अपनाने की मांग करेंगे.
2. राज्यव्यापी दायरा:
यह आंदोलन पूरे महाराष्ट्र में चलाया जाएगा और हजारों किसान अपने प्रतिनिधियों से संपर्क करने के लिए प्रतिदिन हजारों फोन करेंगे.
3. सात दिनों का लगातार संघर्ष:
इन सात दिनों के दौरान, किसान लगातार अपने प्रतिनिधियों को फोन करेंगे और उन पर दबाव डालेंगे.
प्याज की बढ़ती कीमतों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए. कीमत ऐसी घोषित की जानी चाहिए जिससे किसानों को उत्पादन लागत पर कम से कम 50% लाभ मिले. किसानों को नुकसान पहुंचाने वाले फैसले, जैसे निर्यात पर प्रतिबंध, जमाखोरी या उपभोक्ताओं को कम कीमत पर प्याज उपलब्ध कराने के लिए बफर स्टॉक बेचना, तुरंत रोके जाने चाहिए.
संगठन के संस्थापक अध्यक्ष भरत दिघोले ने कहा, "किसान कई महीनों से धान के खेतों में प्याज जमा करके सरकार से उचित मूल्य मिलने की उम्मीद कर रहे हैं. लेकिन सरकार प्याज के बाजार मूल्य को नियंत्रित करने के लिए केवल उपभोक्ता-केंद्रित नीतियां ही लागू करती है. लेकिन, किसानों की गाढ़ी कमाई बर्बाद हो जाती है. ऐसे में अब किसान चुप नहीं बैठेंगे. हर किसान फोन पर विरोध प्रदर्शन के ज़रिए सीधे जनप्रतिनिधियों से जवाब मांगेगा. जब तक प्याज का मूल्य नहीं चुकाया जाता, किसान संघर्ष नहीं छोड़ेंगे."
प्याज संगठन के इस राज्यव्यापी फोन विरोध प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य इस प्रकार है:
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