MSP पर धान और मोटे अनाज की खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन की डेडलाइन बढ़ी, ये है नई तारीख

MSP पर धान और मोटे अनाज की खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन की डेडलाइन बढ़ी, ये है नई तारीख

खरीफ मार्केटिंग सीजन 2025-26 के तहत धान, मक्का, ज्वार और रागी की सरकारी खरीद के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की समय सीमा बढ़ाने का फैसला.

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MSP पर धान और मोटे अनाज की खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन की डेडलाइन बढ़ी, ये है नई तारीखमहाराष्ट्र में धान खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन की तारीख बढ़ी

महाराष्ट्र के किसानों के लिए खुशखबरी है. प्रदेश सरकार ने खरीफ मार्केटिंग सीजन 2025-26 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) योजना के तहत धान और मोटे अनाज की खरीद के लिए किसानों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की समय सीमा 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है. खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग की ओर से जारी एक सरकारी प्रस्ताव (GR) में कहा गया है कि डेडलाइन बढ़ाने का फैसला धान के साथ-साथ मक्का, ज्वार और रागी जैसे मोटे अनाज की खरीद पर भी लागू होता है.

यह फैसला कई किसानों के तकनीकी दिक्कतों, दस्तावेजों में देरी और अन्य कारणों से तय समय में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी न कर पाने के बाद लिया गया. महाराष्ट्र राज्य सहकारी विपणन महासंघ, आदिवासी विकास निगम और जिला-स्तरीय एजेंसियों ने समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया था.

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य

अधिकारियों ने बताया कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री छगन भुजबल ने तारीख बढ़ाने को मंजूरी दे दी है.

गाइडलाइंस के अनुसार, MSP के तहत अपनी फसल सरकार को बेचने वाले किसानों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है, और खरीद केवल उन्हीं योग्य किसानों से की जाएगी जिन्होंने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी कर ली है.

अधिकारियों ने कहा कि इस कदम से राज्य में बड़ी संख्या में धान और मोटे अनाज उगाने वाले किसानों को फायदा होगा और उन्होंने किसानों से संशोधित समय सीमा के भीतर जरूरी दस्तावेजों के साथ अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पूरा करने का आग्रह किया.

पिछले साल भी बढ़ी थी तारीख

विधायक, सांसद और प्रोक्योरमेंट एजेंसियों की तरफ से भी डेडलाइन बढ़ाने की रिक्वेस्ट आई थी. धान की खरीद महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन और महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव ट्राइबल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन करती है.

धान खरीद की डेडलाइन बढ़ाना लगभग हर साल होता है. पिछले साल भी डेडलाइन बढ़ाई गई थी. पहली डेडलाइन खत्म होने के बाद अक्सर राजनीतिक नेता, एक्टिविस्ट और किसानों की तरफ से डेडलाइन बढ़ाने की मांग होती है, और राज्य सरकार मान लेती है.

धान उगाने वाले किसान अपनी फसल बेचने के लिए मुख्य रूप से सरकारी खरीद पर निर्भर रहते हैं. MSP 2,300 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा है, जबकि प्राइवेट वेंडर धान 1,800 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदते हैं. राज्य सरकार MSP के ऊपर बोनस भी देती है.

कैसे रजिस्ट्रेशन कराएं किसान

हर किसान को MSP पर धान बेचने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होता है. इसमें फसल और जमीन की तस्वीर जैसी डिटेल्स अपलोड करनी होती हैं. किसी खास इलाके के लिए औसत पैदावार के हिसाब से लिमिट तय की जाती है.

विदर्भ में, भंडारा, गोंदिया, गढ़चिरौली, चंद्रपुर और नागपुर के कुछ हिस्सों जैसे पूर्वी जिलों में धान उगाया जाता है. विदर्भ के साथ-साथ कोंकण क्षेत्र में भी धान एक मुख्य फसल है.

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