मध्य प्रदेश के खरगोन से एक चौंकाने वाली खबर आई है. यहां के किसानों ने सोयाबीन की फसल को खरपतवार से बचाने के लिए जिस दवा का प्रयोग किया, अब वही दवा फसल को बर्बाद कर रही है. दरअसल किसानों ने सोयाबीन के खेत में उग आए चारे को खत्म करने के लिए दवाई का छिड़काव किया था. उसी दवाई ने किसानों की 70 एकड़ में लगी सोयाबीन की फसल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया. इस घटना के सामने आते ही कृषि विभाग ने जांच का आदेश जारी कर दिया है. जांच के लिए कृषि विभाग ने एक टीम भी रवाना कर दी है. मामले में कार्रवाई करते हुए उस डीलर का लाइसेंस रद्द किया गया है जो खरपतवार खत्म करने वाली दवाई बेच रहा था.
इस दवा की चपेट में आने से खरगोन के करीब एक दर्जन किसानों की फसल पूरी तरह जलकर नष्ट हो गई. इस घटना के बाद खरगोन के कृषि उप संचालक ने डीलर का लाइसेंस कर दिया है. दवा बनाने वाली कंपनी के खिलाफ एफआईआर कराने के निर्देश दिए गए हैं. खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 16 किमी दूर भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र के बिस्टान, बंहेर, आवली, मुलठान, देवला के करीब दर्जनभर किसानों ने सोयाबीन फसल में खरपतवार मारने के लिए दवा ली थी. इस दवा का छिड़काव फसल को खराब कर रहे चारे यानी कि खरपतवार पर किया गया.
दवा के छिड़काव के पांच दिन बाद किसानों की पांच से 12 एकड़ तक फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई. ऐसा एक-दो नहीं करीब नौ से 10 किसानों के साथ हुआ. किसानों की लहलहाती खड़ी सोया फसल महज दवा के छिड़काव के कारण बर्बाद हो गई. इस मामले की शिकायत किसानों ने खरगोन के कृषि उप संचालक एमएल चौहान से की. अधिकारी ने कृषि विभाग के एसएडीओ, एसडीओ और वैज्ञानिकों का दल किसानों के खेतों पर भेजा. इसके बाद जांच टीम ने उपयोग में लाई गई चारा मार दवा को जप्त किया है. विभाग ने नागझिरी की मां नर्मदा ट्रेडर्स का लाइसेंस निलंबित किया और कंपनी पर एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है.
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क्षेत्र के किसान बद्री जाधव की चार एकड़, प्रवीण राठौड़ की छह एकड़, रामु उर्फ़ फुग्गा राठौड़ की सात एकड़, हेमंत गुप्ता की 10 एकड़, रणछोड़ भिकया की दो एकड़, राजू चौहान की दो एकड़, दिलीप खड़कयाघाट की साढ़े तीन एकड़, हीरालाल एडिया की दो एकड़, राधाकिशन गुप्ता की 12 एकड़ में सोयाबीन की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है. लगभग सभी किसानों के साथ यही स्थिति देखी जा रही है.
कृषि उप संचालक एमएल चौहान का कहना है कि दवाई को लेकर किसान रामनारायण बागुल और पन्नालाल की शिकायत मिली थी. इसके बाद भगवानपुरा क्षेत्र के आसपास के अन्य किसानों की शिकायत भी मिली. इसमें कहा गया कि अडामा कंपनी की साकेत नामक खरपतवार नष्ट करने वाली दवाई इस्तेमाल की गई थी. इस दवा से उनकी फसल खराब हो गई.
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बिस्टान के आसपास के किसानों ने भी इसका उपयोग किया. लगभग 70 एकड़ फसल पर किसानों ने इस दवा का उपयोग किया जिससे उनकी फसल नष्ट हो गई. संबंधित डीलर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मेसर्स मां नर्मदा ट्रेडर्स नागझिरी का लाइसेंस निरस्त किया गया है. कंपनी के खिलाफ एफआईआर की कार्यवाही की जा रही है. कृषि उपसंचालक ने कहा कि एफआईआर लिखने का आदेश दे दिया गया है.
किसान रामनारायण बागुल का कहना है कि उन्होंने खरपतवार नाशक दवा साकेत का छिड़काव किया था. उसका रिजल्ट इस तरह का निकला कि पूरी सोयाबीन जलकर नष्ट हो गई. पड़ोस के खेत में भी इसका असर दिख रहा है. कंपनी के निमाड़ रीजनल मार्केटिंग मैनेजर राकेश पाटीदार का कहना कि यह बन्हेर क्षेत्र का मामला है. यह दवा चौड़ी पत्ती और सकरी पत्ती के खरपतवार नष्ट करने के लिए इस्तेमाल होती है. खेतों में जो खरपतवार के लिए दवाई डाली है, उससे सोयाबीन की फसल भी नष्ट हो गई है. किसानों ने 100 ml दवा उपयोग की है. साढ़े तीन एकड़ में दवा की यह मात्रा कंपनी के रिकमेंडेशन के अनुसार अंडरडोज है. इस तरह नुकसान होने की संभावना नहीं थी. कंपनी के रीजनल मार्केटिंग मैनेजर ने कहा मामले की जांच की जा रही है.(उमेश रेवलिया की रिपोर्ट)
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