ओडिशा में मॉनसून की शुरुआत में सुस्ती के बाद बारिश ने रफ्तार पकड़ी और राज्य के कई जिलों में अच्छी बारिश हुई है. इससे किसान जोर-शोर से कृषि कार्य में जुटे हुए हैं. पर इन सबके बीच कई जिलों में हुई जोरदार बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात हो गई हैं इसके कारण बड़े पैमाने पर फसलों को नुकसान हुआ है. कोरापुट में, पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण जोपोर सब डिविजन में बड़े क्षेत्र में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है. जेपोर, कोटपाड, बोरीगुम्मा और कुंद्रा प्रखंड में लगभग 300 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जिससे निचली जमीन में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. नुकसान इसलिए भी अधिक हुआ है क्योंकि जानकारी मिल रही है कि इन इलाकों में किसानों ने हाल ही में धान की रोपाई की थी.
इधर मीडिया रिपोर्टस के अनुसार जानकारी मिल रही है कि इंद्रावती, कोलाब और मुरान नदियों के पास धान के खेतों में बाढ़ आ गई है. अब यहां के किसानों को इस बात का डर सता रहा है कि अगर आने वाले दो दिनों में बारिश नहीं रुकती है तो पूरी की पूरी खड़ी फसल बर्बाद हो जाएगी. सूत्रो बताया कि बारिश रुकने के बाद कोरापुट जिले में किसानों के फसलों को हुए नुकसान का आकलन किया जाएगा. वहीं गंजम में, बारिश के बाद रुशिकुल्या, लोहारखंडी और बदनदी नदियों का बाढ़ का पानी कृषि भूमि में प्रवेश कर गया है. इसके कारण फिर जब शुक्रवार को पानी कम होना शुरू हो गया और खेतों पर रेत के ढेर लग गए हैं.
भद्रक जिले में भी भारी बारिश के कारण बैतरणी नदी में बाढ़ आ गई है इसके चलते जिले की 3,200 हेक्टेयर कृषि योग्य जमीन पानी में डूब गई है. वहीं जगतसिंहपुर में हजारों हेक्टेयर भूमि पर धान की फसल बाढ़ के पानी में पूरी तरह डूब गई है. केंद्रपाड़ा जिले में भी यही हालात है. बाढ़ के कारण बड़े पैमाने पर सब्जियों की फसल को नुकसान हुआ है. सबसे बुरी मार मूली, भिंडी, सेम, बैंगन और परवल जैसी मौसमी सब्जियों की फसलों पर पड़ी है.
किसान नेता उमेश चंद्र सिंह ने कहा कि बाढ़ के पानी में खेत डूब जाने से सब्जी की फसल सड़ने लगी है. हर साल जिले के किसानों को बाढ़ के कारण फसल की क्षति का सामना करना पड़ता है. उन्होंने अधिकारियों पर हमला बोलते हुए कहा कि अधिकारी किसानों की समस्याओं के नाम पर सिर्फ दिखावा करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि बालासोर में कृषि योग्य जमीन खारा पानी घुस जा रहा है, जो बहनागा प्रखंड के किसानों के लिए एक नई परेशानी के तौर पर उभर रहा है. यहा पर किसान पहले से ही भारी बारिश के कारण खेतों में जलभराव की समस्या का सामना कर रहे थे. फिर पिछले दिनों समुद्र में उच्च ज्वार के कारण खारा पानी खेतो में घुस गया. इससे लगभग 3000 एकड़ जमीन बर्बाद हो गई और 400 से अधिक किसान प्रभावित हुए हैं.
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