कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने किया खेतों का दौरा (फोटो- X@ShilpiNehaTirki)चक्रवात ‘मोंथा’ के असर से झारखंड में खरीफ फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है. राज्य में कई जिलों में धान और सब्जियों की फसलों को भारी नुकसान पहुंंचा है. हालात का जायजा लेने के लिए कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की शनिवार को देवघर जिले के सरवन प्रखंड के रामपुर गांव पहुंचीं और प्रभावित किसानों से मुलाकात की. उन्होंने भरोसा दिलाया कि बीमा योजना में पंजीकृत किसानों को शीघ्र मुआवजा दिया जाएगा, जबकि अपंजीकृत किसान भी आवेदन कर राहत राशि के पात्र बन सकते हैं.
मंत्री तिर्की ने निरीक्षण के बाद कहा कि चक्रवात का असर पूरे राज्य में साफ दिख रहा है. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि शुरुआती आकलन में करीब 25 प्रतिशत फसल क्षति की बात सामने आई थी, लेकिन खेतों का निरीक्षण करने के बाद अनुमान है कि धान की फसल को 40 से 50 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है.
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने ऐसे हालात से निपटने की तैयारी पहले से की हुई थी. बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (B-PMFBY) के तहत पंजीकृत 13 लाख किसानों को मुआवजा दिया जाएगा. जो किसान बीमा योजना में शामिल नहीं हो पाए हैं, वे संबंधित अंचल कार्यालय में आवेदन देकर लाभ ले सकते हैं.
राज्य सरकार ने शुक्रवार को सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे चक्रवात ‘मोंथा’ से हुई फसल क्षति का 72 घंटे के भीतर सर्वेक्षण कर रिपोर्ट सौंपें. कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस दौरान हुई असमय बारिश और तेज हवाओं से धान, दलहन और सब्जियों की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. गढ़वा, पलामू, रांची, पाकुड़, दुमका, हजारीबाग सहित कई जिलों से नुकसान की खबर मिली है.
वहीं, शुक्रवार को पूर्व कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने भी सरकार से नुकसान का तत्काल आकलन कर किसानों को राहत देने की मांग की थी. इस बीच, बीते दिन जब शिल्पी नेहा तिर्की ने खेतों को दौरा किया तो बादल पत्रलेख ने इस पर खुशी जाहिर की. उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, ''धान के फसल में रहस्यमय बीमारी और मोंथा चक्रवात के कारण किसानों को फसलों सब्जी के हुए नुकसान का जायजा लेने आज कृषि मंत्री सुश्री शिल्पी नेहा तिर्की जी द्वारा विभागीय पदाधिकारियों संग देवघर जिले के सारवां प्रखंड का दौरा किया गया, किसानों से मिलकर खुद वस्तुस्थिति का जायजा लिया. अल्पावधि में किसानों के बीच खुद कृषि मंत्री पहुंची, इसके लिए वे धन्यवाद की पात्र हैं, मैं उनका आभार प्रकट करता हूं साथ ही साधुवाद भी देता हूं. आशा है किसान भाइयों को फसल नुकसान का उचित मुआवजा सरकार द्वारा शीघ्र प्रदान किया जाएगा.''
अधिकारियों के मुताबिक, बीमा योजना के संचालन दिशा-निर्देशों के तहत किसानों को फसल नुकसान की सूचना 72 घंटे के भीतर देनी होती है, ताकि उनके दावे को समय पर निपटाया जा सके. (पीटीआई के इनपुट के साथ)
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