हरियाणा में खरीफ खरीद सीजन शुरू, लेकिन मंडियों में MSP पर नहीं हो रही खरीद, किसान सड़क पर

हरियाणा में खरीफ खरीद सीजन शुरू, लेकिन मंडियों में MSP पर नहीं हो रही खरीद, किसान सड़क पर

MSP से कम कीमत पर मजबूरन बेच रहे किसान, निजी व्यापारी उठा रहे फायदा. करनाल मंडी में तीन दिन से धान लेकर बैठे हैं किसान, सरकारी एजेंसियों का अता-पता नहीं. मौसम विभाग की चेतावनी के बीच खुले में पड़ा अनाज, किसानों में गहरी चिंता. BKU और विपक्ष का सरकार पर आरोप – मिलर्स को जानबूझकर दूर रखा जा रहा है.

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हरियाणा में खरीफ खरीद सीजन शुरू, लेकिन मंडियों में MSP पर नहीं हो रही खरीद, किसान सड़क परहरियाणा में धान की खरीद जारी

हरियाणा में खरीफ सीजन की शुरुआत को पखवाड़ा बीत चुका है, लेकिन किसानों की मुश्किलें खत्म नहीं हो रही हैं. मंडियों में सरकारी खरीद प्रक्रिया लगभग ठप पड़ी है, जिससे किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से काफी कम दरों पर अपनी फसल बेचनी पड़ रही है.

करनाल की नई अनाज मंडी में 62 वर्षीय किसान कंवर पाल रविवार सुबह से ही अपने धान की बिक्री के इंतजार में बैठे थे. उन्होंने 'हिंदुस्तान टाइम्स' को बताया, “मैंने 10 में से सिर्फ 5 एकड़ की फसल काटी है. बाकी की कटाई बारिश की चेतावनी के कारण टाल दी. मंडी में सरकारी खरीद नहीं हो रही और निजी व्यापारी ₹1,800 प्रति क्विंटल दे रहे हैं जबकि MSP ₹2,369 है. यह सरासर अन्याय है.”

इसी तरह किसान मान सिंह ने कहा कि यह उनका तीसरा दिन है, लेकिन अब तक कोई खरीद एजेंसी सामने नहीं आई है.

हरियाणा की कई मंडियों में भीगा अनाज

हरियाणा के कई जिलों में 5 से 7 अक्टूबर के बीच हल्की से भारी बारिश हुई है, जिससे मंडियों में खुले में पड़ा अनाज और ज्यादा खराब होने का खतरा बढ़ गया है. यमुनानगर, सिरसा, अंबाला, कैथल और नारनौल में किसानों ने अनाज को भीगने से बचाने के लिए हाथों से समेटते देखा गया.

कमीशन एजेंटों और किसान संगठनों ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है. स्थानीय एजेंट पवन कुमार ने बताया कि मिलर्स की भागीदारी तय न होने से खरीद प्रभावित है. वहीं भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता बहादुर महला ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर मिलर्स की भागीदारी रोक रही है ताकि MSP से बचा जा सके.

उन्होंने कहा, “डिजिटल कांटे अब तक नहीं लगे. नमी के बहाने किसानों को ₹500–600 प्रति क्विंटल कम पर फसल बेचने को मजबूर किया जा रहा है.” हालांकि बाजार समिति की सचिव आशा रानी ने दावा किया कि खरीद प्रक्रिया सुचारू है और डिजिटल कांटे दो दिन में लग जाएंगे.

किसानों के खाते में गए 1,014 करोड़ रुपये

सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि अब तक ₹1,014.19 करोड़ सीधे किसानों के खातों में MSP के रूप में भेजे गए हैं, और 81,410 किसानों ने पारदर्शी तरीके से अपनी फसल बेची है. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, "हरियाणा ने किसानों के बैंक खातों में सीधे ₹1,014.19 करोड़ रुपये ट्रांसफर करके समय पर एमएसपी भुगतान सुनिश्चित किया है. अब तक 81,410 किसानों ने पारदर्शी और परेशानी मुक्त प्रक्रिया के माध्यम से अपना धान बेचा है."

अंबाला और यमुनानगर के किसानों ने कहा कि वे पहले से ही भारी मॉनसूनी बारिश और कम उपज से जूझ रहे हैं. यमुनानगर की अनाज मंडी में, कई किसान बारिश के पानी से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए जल्दी-जल्दी अपना अनाज हाथ से इकट्ठा करते देखे गए.

रविवार को भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान के नेतृत्व में किसानों ने करनाल मंडी के मुख्य गेट पर धरना दिया, जिससे नेशनल हाईवे-44 पर ट्रैक्टर-ट्रेलरों की लंबी कतारें लग गईं. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और JJP अध्यक्ष अजय चौटाला ने भी धरना स्थल पर पहुंचकर किसानों का समर्थन किया.

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