Makhana Crop: मखाना के दाम में बंपर उछाल, बिहार के किसानों में खुशी की लहर

Makhana Crop: मखाना के दाम में बंपर उछाल, बिहार के किसानों में खुशी की लहर

मखाना के दाम बढ़ने से किसान काफी खुश हैं. रेट देखें तो अब तक के सबसे अधिक मूल्य पर मखाना का गुरिया बिक रहा है. अभी बाजार में 35 से 40 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक मखाना का बीज बिक रहा है जिससे किसानों में खुशी की लहर है. 

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Makhana Crop: मखाना के दाम में बंपर उछाल, बिहार के किसानों में खुशी की लहरमखाना के दाम बढ़ने से किसान खुश

पोषक तत्वों से भरपूर मखाना की पहुंच करीब हर घर के किचन तक है. यह स्वास्थ्यवर्धक है, वहीं इसकी खेती भी किसानों के लिए कमाई का बेहतर जरिया बनती जा रही है. बीते कुछ सालों पर नजर डालें तो इस साल मखाना के दाम में काफी उछाल देखने को मिला है. मखाना का गुरिया (बीज) पिछले साल की तुलना में इस साल डबल दाम पर बिक रहा है. मखाना के किसान महेश मुखिया कहते हैं कि अब तक के इतिहास में मखाना के गुरिया का दाम सबसे अधिक है. बीज 35 से 40 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा है. पिछले साल इसका दाम 16 से 18 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक था. 

बिहार में मखाना का उत्पादन पूरे देश का करीब 90 फीसदी अकेले मिथिला क्षेत्रों में होता है. वहीं दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, पूर्णिया, सुपौल जैसे जिलों में मखाने की खेती के प्रति लोगों का लगाव बहुत है. यहां के मखाने की बेहतर क्वालिटी को देखते हुए उसे GI Tag दिया गया है. आज यहां के मखाने को मखाना नहीं बल्कि मिथिला मखाने के नाम से पहचाना जाता है. आम लोगों की बोलचाल में काला सोना, काला हीरा के तौर पर भी जाना जाता है. 

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मखाना प्रोसेसिंग में बेहतर मशीन की कमी 

दरभंगा जिले के रहने वाले किसान धीरेंद्र कुमार कहते हैं कि मखाना की खेती करना जितना कठिन है, उतना ही इसके बीज गुरिया से लावा तैयार करना भी काफी कठिन काम है. अभी तक गुरिया से लावा तैयार करने के लिए कोई मशीन सही रूप से नहीं बनी है. इसकी वजह से आज भी लावा पुरानी विधि से ही तैयार किया जाता है. इसको लेकर कृषि विभाग को गंभीरता से सोचने की जरूरत है.

दाम बढ़ने की ये है वजह 

किसान महेश मुखिया किसान तक को मखाना के बीज का दाम बढ़ने की वजह बताते हुए कहते हैं कि इस साल मौसम की मार के कारण उत्पादन पर असर पड़ा है. वहीं लोगों ने खेती भी कुछ कम किया है. जहां पिछले साल एक एकड़ में कम से कम 10 से 11 क्विंटल तक उत्पादन होता था. वहीं इस साल प्रति एकड़ सात से आठ क्विंटल तक गुरिया का उत्पादन हुआ है. इसकी वजह से दाम में बढ़ोतरी हुई है. आगे वह कहते हैं कि मखाने की खेती के दौरान बारिश की कमी और सुखाड़ जैसी स्थिति होने से मखाना की खेती प्रभावित हुई है.

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इस भाव में मखाना बेच रहे किसान 

महेश मुखिया करीब अस्सी एकड़ में मखाना की खेती किए हुए हैं. वह बताते हैं कि किसान व्यापारियों को चार सूता साइज का मखाना 750 रुपये, पांच सूता 1150 रुपये, छह सूता 1300 रुपये प्रति किलो, सात सूता साइज का मखाना 1400 रुपये किलो बेच रहे है. अगर इसी तरह से मखाना के दाम में बढ़ोतरी हुई तो किसान इसकी खेती की ओर तेजी से बढ़ेंगे.

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