लोक आस्था का महापर्व छठ शुक्रवार से नहाय खाय के साथ शुरू हो गया है. इस दिन जहां व्रती लौकी की सब्जी, चावल और चना से बने दाल के साथ व्रत की शुरुआत करती है. छठ को लेकर लौकी की इस कदर मांग बढ़ी है कि सूबे की सबसे बड़ी सब्जी मंडी में लौकी छत्तीसगढ़ से मंगवानी पड़ी. व्यापारियों का कहना है कि वैसे लौकी एक दो ही गाड़ी बाहर से आती है. लेकिन छठ में मांग अधिक होने की वजह से बड़े पैमाने पर लौकी मंगवानी पड़ी है. वहीं देहात की लौकी लोकल में ही बट जा रही है. इसके साथ ही छठ पर्व की वजह से प्याज, लहसुन के अलावा अन्य सब्जियों के दाम में कमी देखने को मिल रही है. जो छठ तक इसी तरह रहने की उम्मीद है.
आपको बता दें कि सब्जी उत्पादन में बिहार देश के शीर्ष राज्यों में से एक है. इसके बावजूद राज्य में बड़े पैमाने पर बाहर से सब्जियां लायी जाती हैं. त्योहारों के दौरान मांग अधिक होने पर वाहनों की संख्या बढ़ जाती है. ऐसी ही स्थिति छठ के दौरान लौकी की वजह से देखने को मिल रही है. दूसरे राज्यों की लौकी थोक में पंद्रह से बीस रुपये की कीमत पर बिक रही है. जबकि राज्य की लौकी आठ से बारह रुपये की कीमत पर बिक रही है.
पटना के मीठापुर मंडी में लौकी के व्यापारी कौशल कुमार कहते हैं कि वैसे मीठापुर मंडी में छत्तीसगढ़ की लौकी कम आती है. लेकिन छठ के दौरान आठ से दस गाड़िया छत्तीसगढ़ के रायपुर, अंबिकापुर सहित आसपास के जिलों से लौकी मंडी पहुंची है. वहीं बिहार में होने वाली लौकी लोकल के बाजारों में ही जरूरत को पूरा करने में लगी हुई है. छठ पर्व के नहाय खाय के एक दिन पहले ही लोग बाजारों से लौकी की खरीदी शुरू कर दी है. जो फूटकर बाजरों में तीस से चालीस रुपये प्रति किलो तक बिक रही है.
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सब्जी के दुकानदार अजय कुमार कहते हैं कि छठ की वजह से सब्जियों के दाम कम हुए हैं. जिसमें होलसेल में बैंगन, मूली, गोभी, पत्ता गोभी दस रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रहे हैं. वहीं मध्य प्रदेश के जबलपुर से आए मटर का दाम साठ रुपये प्रति किलो फूटकर बाजारों में बिक रहा है. जिसकी कीमत इस समय सौ रुपये के आसपास होना चाहिए थी . आगे अजय कुमार कहते हैं कि प्याज और लहसुन की पूछ बहुत कम है. जो अभी अपने पुराने वाले दाम पर बिक रही है.
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