1 फरवरी 2024 को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करने जा रही हैं. बजट से जीडीपी का सीधा संबंध है और इसे समझाने से पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर जीडीपी होती क्या है.
देश में उत्पादन होने वाले सभी सामानों और उपलब्ध कराई जाने वाली सेवाओं की वैल्यू को जीडीपी ग्रॉस डॉमेस्टिक प्रोडक्ट यानी सकल घरेलू उत्पाद कहते हैं. जीडीपी देश की अर्थव्यवस्था और विकास दर के आंकड़ों को स्पष्ट करती है.
आप जीडीपी को ऐसे समझिए जैसे किसी स्टूडेंट की मार्कशीट उसके परफॉर्मेंस के बारे में बताती है. कि किस सब्जेक्ट में उसने कैसी परफॉर्मेंस दी है और कहां वह कमजोर या मजबूत रहा है.
ठीक इसी तरह जीडीपी देश की आर्थिक गतिविधियों को दर्शाती है और बताती है कि किन सेक्टर्स में कमजोरी रही और कौन से सेक्टर मजबूत रहे.
जीडीपी यह साफ करती है कि सालभर में देश की अर्थव्यवस्था ने कितना अच्छा या खराब प्रदर्शन किया है. अगर जीडीपी आंकडे़ सुस्ती दिखाते हैं तो इसका मतलब है कि पर्याप्त सामान का उत्पादन नहीं किया गया और सर्विस सेक्टर में गिरावट रही.
केंद्रीय सांख्यिकी विभाग साल में 4 बार यानी हर तिमाही में जीडीपी आंकड़े जारी करता है. जीडीपी आंकलन में 8 कोर सेक्टर्स का मूल्यांकन किया जाता है.
अगर देश की जीडीपी बढ़ रही है तो इसका मतलब है कि आर्थिक गतिविधियों के मामले में देश अच्छा काम कर रहा है और सरकारी नीतियां जमीनी स्तर पर प्रभावी साबित हो रही हैं और देश सही दिशा में जा रहा है.
वहीं, अगर जीडीपी सुस्त हो रही या निगेटिव दायरे में जा रही है तो इसका मतलब है कि सरकार को अपनी नीतियों पर फिर से विचार करने की जरूरत है ताकि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जा सके.
सरकार हर साल बजट पेश करने से 1 दिन पहले यानी 31 जनवरी को देश का लेखाजोखा पेश करती है यानी इकनॉमिक सर्वे के आंकड़े सामने रखती है. यह सर्वे बेहद महत्वपूर्ण होता है और यह स्पष्ट करता है कि देश की सेहत कैसी है.
सर्वेक्षण में सरकार ग्रोथ ट्रेंड और किस सेक्टर से कितनी कमाई हुई और योजनाओं पर कितना खर्च हुआ और उन्हें कैसे लागू किया गया. आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर यह अनुमान लगा लिया जाता है कि देश का बजट कैसा होने वाला है.
यानी संतुलित बजट आने वाला है या सरप्लस बजट.
इस तरह जीडीपी से बजट का संबध होता है.
जून 2023 के आंकड़े बताते हैं कि भारत की जीडीपी में एग्रीकल्चर सेक्टर का योगदान 20 फीसदी के करीब है. और देश की 40 फीसदी से अधिक आबादी किसी न किसी तरह से कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई है. सालाना आधार पर एग्रीकल्चर ग्रोथ औसतन 4 फीसदी के करीब दर्ज की गई है.
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