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Jammu Kashmir Assembly Election: कांग्रेस ने फिर दोहराया पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा 

Jammu Kashmir Assembly Election: कांग्रेस ने फिर दोहराया पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा 

अगस्त 2019 में  भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 को खत्‍म कर दिया था. इससे जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्‍म हो गया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) - जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में पुनर्गठित किया गया. बुधवार को केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले बुधवार को कांग्रेस ने 'क्या खोया, क्या पाया जम्मू-कश्मीर चार्जशीट सब कुछ खोया, कुछ नहीं पाया' जारी किया.

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जम्‍मू कश्‍मीर पर कांग्रेस ने दोहराया अपना वादा जम्‍मू कश्‍मीर पर कांग्रेस ने दोहराया अपना वादा

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस राज्य में सत्ता में आने के बाद जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा वापस लाएगी. इसके साथ ही एक बार फिर कांग्रेस ने अनुच्‍छेद 370 की बहाली का जिक्र छेड़ दिया है. इसी तरह की बात कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी अपनी रामबन की रैली में कही थी.  कांग्रेस की सरकार बनने पर स्टेटहुड लौटाने की बात भी कही, लेकिन एक बार फिर अनुच्छेद 370 के मसले पर कोई बयान नहीं दिया. हालांकि उनकी चुप्‍पी पर बीजेपी सवाल उठा रही है. 

वापस लाएंगे राज्‍य का दर्जा 

कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा, 'हमारे नेता ने वादा किया है कि जैसे ही हमें मौका मिलेगा, हम जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा वापस लाएंगे और नेशनल कॉन्फ्रेंस इसमें हमारे साथ है.' प्रमोद तिवारी जो कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेताओं में शामिल हैं, उन्‍होंने कहा कि यह काफी चौंकाने वाला है कि देश की सीमा पर एक संवेदनशील राज्य का दर्जा राज्य से घटाकर केंद्र शासित प्रदेश कर दिया गया है. जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बदलने के बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि यह फैसला बीजेपी की अदूरदर्शिता को दर्शाता है. 

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बीजेपी पर लगाया धोखे का आरोप 

अगस्त 2019 में  भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 को खत्‍म कर दिया था. इससे जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्‍म हो गया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) - जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में पुनर्गठित किया गया. बुधवार को केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले बुधवार को कांग्रेस ने 'क्या खोया, क्या पाया जम्मू-कश्मीर चार्जशीट सब कुछ खोया, कुछ नहीं पाया' जारी किया. इसमें बीजेपी पर बेरोजगारी, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और राज्य के दर्जे जैसे मुद्दों पर विश्वासघात का आरोप लगाया गया. 

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एलजी पर भी साधा निशाना 

कांग्रेस की तरफ से जारी दस्तावेज में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा पर निशाना साधा गया है. इसमें आरोप लगाया गया है कि जम्मू-कश्मीर में लोगों की आवाज दबाई जा रही है. कांग्रेस की मानें तो दिल्ली से नियुक्त एक अनिर्वाचित उपराज्यपाल (एलजी) के पास सारी शक्ति है और वादों के बावजूद, जम्मू-कश्मीर के लोगों को राज्य का दर्जा बहाल करने से वंचित रखा गया है. उन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक माना जा रहा है. बाहरी लोगों को भूमि, संसाधन और नौकरियां दी जा रही हैं. जबकि स्थानीय लोग बढ़ती कीमतों, हाई टैक्‍स, पानी की कमी, शौचालय जैसी समस्‍याओं से जूझ रहे हैं. 

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इससे पहले बीजेपी के राष्‍ट्रीय महासचिव और जम्मू-कश्मीर प्रभारी तरुण चुघ ने कहा था कि कांग्रेस ने पिछले 70 से अधिक वर्षों से इस क्षेत्र में उत्पात मचाया है. चुघ ने यह भी जिक्र किया कि कांग्रेस, एनसीपी और पीडीपी जम्मू-कश्मीर के लोगों को विकास से दूर करने की कोशिशों में लगे हुए हैं.