हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसान संगठनों और खापों की एंट्री हो गई है. किसान संघटनों और खापों ने मिलकर जींद की उचाना विधानसभा से पंचायती उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है. पंचायती उम्मीदवार के तौर पर आज़ाद पालवा यहां से चुनाव लड़ेंगे. उचाना में विधानसभा के सभी 66 गांवों के प्रतिनिधियों की हुई बैठक में लिया यह फैसला लिया गया. उचाना विधानसभा सीट हरियाणा विधानसभा की सबसे हॉट सीट मानी जाती है. दुष्यंत चौटाला भी उचाना से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं.
इसकी जानकारी खुद पालवा ने दी. उचाना में हुई बैठक के बाद पालवा ने बताया कि आज की मीटिंग में सभी पंयाचत के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई गई और उसमें फैसला लिया गया कि सर्वसम्मति से उचाना विधानसभा क्षेत्र से साझा और पंचायती उम्मीदवार खड़ा करेंगे. इसके बाद उन्हें चुनाव लड़ने की जिम्मेदारी दी गई. पालवा ने कहा कि वे पूरी निष्ठा से इस काम को निभाएंगे. अगर विधानसभा में गए तो क्षेत्र के कार्यों को पूरा कराने का प्रयास करेंगे.
पालवा ने कहा कि कमेटी की मीटिंग में यह फैसला लिया गया कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मांग की गई है कि वह टिकट में किसानों को हिस्सेदारी दे. कांग्रेस के प्रभारी भी पूर्व में बोल चुके हैं कि टिकटों में किसानों को हिस्सा दिया जाएगा. अगर कांग्रेस किसानों को मौका देती है तो ठीक है, वरना आज किसान संगठन, मजदूर संगठन और खाप के प्रतिनिधियों ने मिलकर साझा पंचायती उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर दिया है.
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मीटिंग में पालवा ने बताया कि हमारा एक ही नारा है कि राजघराना को भगाना है-उचाना को बचाना है. राजघराना लोगों को शोषण करता है, लोगों का काम नहीं करता. दूसरी ओर यहां से दुष्यंत चौटाला 22 महीने से डिप्टी सीएम की कुर्सी पर थे, लेकिन कई महीनों से किसानों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है. हमारी समस्या का समाधान निकाला जाना चाहिए और खुरकुर खेड़ा को इंडस्ट्रियल एरिया बनाया जाना चाहिए. किसानों की कई मांगें हैं जिन्हें पूरा कराने का जिम्मा लिया है.
उचाना में आज की बैठक में 66 गांवों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और सर्वसम्मति से अपना उम्मीदवार उतारने का फैसला किया. इससे पहले 1 अगस्त को इसी तरह की पंचायत हुई थी जिसमें 37 गांवो के लोगों ने भाग लिया था. उसी समय फैसला लिया गया था कि किसानों को चुनावों के लिए जागरूक करने का काम करेंगे. उसके बाद आज 66 गांवों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और सर्वसम्मति से खाप उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया. आज की मीटिंग में फैसला लिया गया कि चुनाव पर जो खर्च आएगा, उसे किसान और मजदूर मिलकर उठाएंगे.
किसान संगठनों ने बताया कि पालवा को पंचायती उम्मीदवार इसलिए उतारा क्योंकि पिछ्ले 52 साल से बिरेंद्र सिंह और चौटाला ही लगातार राजनीति में हैं जिनको देखकर सभी हल्के के लोग नाराज हैं. ये लोग दल बदल की राजनीति करते हैं. एडवोकेट ईश्वर छात्र ने कहा कि हम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का विरोध नहीं कर रहे हैं. हम यहां के जो नेता लोग हैं, उनका विरोध कर रहे हैं.
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सर्व जातीय खेड़ा खाप सचिव रामेहर ने कहा कि उचाना हल्के के 66 गावों के लोगों को बुलाया गया था. सभी ने फैसला लिया कि जो यहां पुराने समय से राजनीति कर रहे हैं उससे कैसे पीछा छुड़ाएं. इसलिए हमने आज अपने पंचायती उम्मीदवार को उतारा है क्योंकि पिछ्ले 20 महीने से आजाद पालवा हमारी किसानों की लड़ाई सड़क पर लड़ रहे थे. रामेहर ने कहा कि राहुल गांधी और संगठनों से मिला जाएगा.(सुनील कुमार की रिपोर्ट)
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