रांची में युवा आक्रोश रैली में जमकर हुआ बवाल, बेरोजगारी को मुद्दा बनाने में जुटी बीजेपी

रांची में युवा आक्रोश रैली में जमकर हुआ बवाल, बेरोजगारी को मुद्दा बनाने में जुटी बीजेपी

दरअसल, 2019 में जब चुनाव हुए थे उस वक्त हेमंत सोरेन ने अपने चुनावी घोषणापत्र में यह वादा किया था कि वे पांच लाख युवाओं को राज्य में नौकरी देंगे. दावे में कहा था कि जिन्हें रोजगार नहीं मिलेगा, उन्हें प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा. युवा इसी बात को लेकर विरोध में उतरे हैं.

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रांची में युवा आक्रोश रैली में जमकर हुआ बवाल, बेरोजगारी को मुद्दा बनाने में जुटी बीजेपीविरोध करते बीजेपी के कार्यकर्ता

झारखंड की राजधानी रांची में आज जमकर बवाल हुआ. भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा की तरफ से आज राजधानी रांची में युवा आक्रोश रैली की गई. रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित इस रैली में राज्य भर के बीजेपी युवा मोर्चा के नेता और कार्यकर्ता आए. इस रैली को केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी संबोधित किया. हालांकि इस रैली को रोकने के लिए राज्य सरकार की तरफ से पहले से ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. सुबह में रैली में शामिल होने आ रहे बीजेपी के कार्यकर्ताओं को शहर के बाहर ही रोकने का प्रयास किया गया था. लेकिन बीजेपी कार्यकर्ता मोरहाबादी मैदान तक पहुंचने में कामयाब रहे.     

रैली समाप्त होने के बाद बीजेपी कार्यकर्ता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास को घेरने की नीयत से आगे बढ़ रहे थे. उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने पहले से ही कंटीले तारों की बैरिकेडिंग कर रखी थी. सभी को शिबू सोरेन के आवास के पास ही रोकने की व्यवस्था की गई थी. पर बीजेपी के कार्यकर्ता नहीं माने और आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे. इसके बाद उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का प्रयोग किया. आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठी चार्ज भी किया. पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच हुई इस झड़प में बीजेपी के कई कार्यकर्ता और नेताओं के घायल होने की खबर है. वहीं एक पुलिस के जवान को भी चोट आई है. 

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राज्य सरकार पर अमर बाउरी का निशाना

पुलिस की कार्रवाई की तुलना नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने जनरल डायर से की है. उन्होंने कहा कि आज राज्य सरकार ने मोरहाबादी को जलियावाला बाग बना दिया. सभी तरफ से कंटीले तारों से घेरकर दमन की कार्रवाई की गई. उन्होंने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार अब बहुत दिनों तक नहीं चलने वाली है. जिस तरह से राज्य के युवाओं को रोजगार देने के नाम पर हेमंत सरकार ने ठगने का काम किया है. राज्य की जनता बहुत जल्द इस सरकार को राज्य से उखाड़ फेंकने का काम करेगी. उन्होंने कहा कि जिन बीजेपी कार्यकर्ताओं का आज लहू बहा है, उसी लहू से इतिहास लिखा जाएगा. 

बेरोजगारी को मुद्दा बनाने की कोशिश

दरअसल 2019 में जब चुनाव हुए थे, उस वक्त हेमंत सोरेन से अपने चुनावी घोषणापत्र में यह वादा किया था कि वो पांच लाख युवाओं को राज्य में नौकरी देंगे और जिन्हें रोजगार नहीं मिलेगा उन्हें प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा. हेमंत सरकार उसके बाद सत्ता में आई पर अपना वादा निभाने में असफल रही. बीजेपी ने हेमंत सोरेन द्वारा किए गए इसी वादे को याद दिलाने के लिए और जनता को बताने के लिए युवा आक्रोश रैली का आयोजन किया. इसमें राज्य भर के युवा आए. दरअसल इस रैली के बहाने राज्य में बेरोजगारी को भाजपा ने एक मुद्दा बना दिया है जिसमें वो काफी हद तक सफल होती दिखाई दे रही है. 

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संथाल में बदल रही डेमोग्राफी

इसके अलावा बीजेपी संथाल में के छह जिलों में बदल रही डमोग्राफी को भी एक बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है. बता दें कि बांग्लादेशी घुसपैठ के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने गंभीर टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि संथाल में आदिवासियों की संख्या घट रही है. इस मामले में प्रार्थी ने कोर्ट में बताया है कि बांग्लादेशी घुसपैठिए संथाल के जिलों में आकर आदिवासी युवतियों से शादी कर रहे हैं और उनकी जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं. पर सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. बता दें कि बीजेपी इस मुद्दे को भी जोर शोर से उठा रही है. इसकी शिकायत बीजेपी ने आयोग से भी की है. हालांकि यह अलग बात है कि हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र से भी जवाब मांगा है पर केंद्र ने जवाब दाखिल नहीं किया है. 

 

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