उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रदेश का पहला राष्ट्रीय मछली संग्रहालय एवं कोष यानी National Fish Museum की स्थापना हो चुकी है. नेशनल ब्यूरो आफ फिश जेनेटिक रिसोर्सेस के परिसर में इस संग्रहालय की स्थापना की गई है. वर्तमान में देश भर से करीब 1900 मछली की प्रजातियों का संग्रह यहां पर किया गया है. देश में मौजूद सभी पानी, खारे पानी और मोलस्क प्रजातियों का संग्रह यहां पर मौजूद होगा. इस संग्रहालय में मछलियां जिंदा नहीं हैं बल्कि अलग-अलग प्रजातियों को कांच में प्रिजर्व करके रखा गया है. संरक्षित मछली का देश का यह सबसे बड़ा संग्रहालय होगा, जिसमें मीठे पानी, समुद्री और खारी पाने के वातावरण की मछलियों के साथ-साथ सेल्फिश बाउचर के नमूने भी हैं. इस संग्रहालय के माध्यम से शोधकर्ताओं, छात्रों, शिक्षकों और वैज्ञानिकों को काफी सहायता भी मिलेगी.
लखनऊ के तेलीबाग स्थित आईसीएआर के अंतर्गत चल रहे नेशनल ब्यूरो आफ फिश जेनेटिक रिसोर्सेस के परिसर में यह राष्ट्रीय मछली संग्रहालय एवं कोष को स्थापित किया गया है. राज्य का यह एक ऐसा मछली संग्रहालय है जिसमें देश के भीतर पाई जाने वाली मछलियों का सबसे बड़ा संग्रह होगा. संग्रहालय में देश में पाई जाने वाली 1200 फ़िनफिश प्रजातियों और 250 मोलस्क प्रजातियों के नमूने मौजूद हैं. अनुवांशिक जानकारी के साथ-साथ उपयोगी वाणिज्यिक एवं प्राथमिकता वाली मछलियों की प्रजाति से संबंधित 19000 ऊतक प्रविष्टियां भी मौजूद है. संस्थान के निदेशक डॉ उत्तम सरकार ने किसान तक को बताया कि इस संग्रहालय में मछलियों की वर्तमान और दुर्लभ जातियों का भी संग्रह होगा.
ये भी पढ़ें :योगी सरकार का डंका, मनरेगा और अमृत सराेवर निर्माण में यूपी बना देश में अव्वल
राष्ट्रीय मछली संग्रहालय एवं कोष में 31 मछली प्रजातियों के शुक्राणु भी तैयार किए गए हैं, जिनका इस्तेमाल लुप्तप्राय प्रजातियों को दोबारा हासिल करने में किया जा सकता है. एनबीएफजीआर इंस्टिट्यूट में 40 से अधिक नई मछलियों और सेल्फिश प्रजातियों की खोज की है. संस्थान के निदेशक डॉ उत्तम सरकार ने कहा संग्रहालय में बोनी मछली और सेल्फिश के नमूने जैसे झींगा, केकड़ा, सीप भी मौजूद है. मछली और सार्वजनिक स्वास्थ्य अनुसंधान और विकास के लिए महत्वपूर्ण जलीय पशु रोगजनकों को संग्रहित एवं संरक्षित करने के उद्देश्य से संग्रहालय में एक माइक्रोबियल रिपोजिटरी भी स्थापित की गई है. संग्रहालय में ही हर राज्य की एक मछली को भी विशेष रूप से स्थान देकर प्रदर्शित किया गया है.
संस्थान के निदेशक डॉ उत्तम कुमार सरकार ने किसान तक को बताया कि राष्ट्रीय मछली संग्रहालय एवं कोष में देश के कोने-कोने से लाई गई मछलियों को रखा गया है. वहीं इस कोश में आगे भी मछलियों की खोज एवं संग्रह का काम जारी रहेगा. यहां मौजूद सभी मछलियों के बारे में जानकारी के लिए एक क्यूआर कोड भी दिया गया है, जिसके माध्यम से कोई भी मछली के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकता है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today