यूपी में बेसहारा गाय पालने पर मिल रहा 900 रुपया महीना, छुट्टा पशुओं को सहारा देने की पहल

यूपी में बेसहारा गाय पालने पर मिल रहा 900 रुपया महीना, छुट्टा पशुओं को सहारा देने की पहल

यूपी में गोवंश को पशुपालकों द्वारा आवारा छोड़ने की 'अन्ना कुप्रथा' के कारण गोवंश के संरक्षण की समस्या उपजी है. इससे निपटने के लिए योगी सरकार ने 'मुख्यमंत्री सहभागिता योजना' शुरू की थी. इस योजना की समीक्षा के आधार पर यूपी सरकार का दावा है कि प्रदेश में जन सहयोग के माध्यम से अब तक 1.77 लाख से अधिक गोवंश का संरक्षण किया गया है.

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यूपी में बेसहारा गाय पालने पर मिल रहा 900 रुपया महीना, छुट्टा पशुओं को सहारा देने की पहल  यूपी में निराश्र‍ित गोवंश के संरक्षण की समीक्षा करते सीएम योगी, फोटो :साभार यूपी सरकार

यूपी की योगी सरकार ने सड़कों पर घूमती बेसहारा गायों के संरक्षण के लिए अनूठी योजना शुरू की थी. इसमें बेसहारा गायों को पालने के लिए आगे आए परिवारों को गाय के भरण पोषण के लिए 900 रुपये प्रति माह दिया जाता है. इसके अलावा अन्ना कुप्रथा के कारण बेसहारा हुई गायों के लिए सरकार ने पूरे प्रदेश में 'निराश्रित गोवंश आश्रय स्थल' भी बनाए हैं.

इन योजनाओं के जरिए बेसहारा गोवंश के संरक्षण के उपायों की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में 'निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों' के प्रबंधन और प्रदेश में दुग्ध उत्पादन एवं संग्रह की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने गौशालाओं का इस प्रकार प्रबंधन करने के निर्देश दिए हैं, जिससे कि प्रदेश में एक भी गोवंश निराश्रित नहीं रहे.

यूपी में 'मुख्यमंत्री सहभागिता योजना' के अंतर्गत आमजन को बेसहारा गोवंश पालने के लिए दिया जाता है. इसके तहत गोवंश की सेवा कर रहे परिवार को सरकार 900 रुपये प्रतिमाह देती है. बैठक में पशुपालन विभाग ने बताया कि प्रदेश में जनसहभागिता से 1.77 लाख निराश्र‍ित गोवंश का संरक्षण किया गया है.

बैठक में बताया गया कि 'मुख्यमंत्री सहभागिता योजना' के तहत जन सहयोग से न केवल 01 लाख 77 हजार से अधिक गोवंश का संरक्षण किया गया, बल्कि इन्ही बेसहारा गायों के दूध से बच्चों को कुपोषण से मुक्ति भी दी गई है. इस योजना में कुपोषित बच्चों वाले परिवार को दूध की उपलब्धता के लिए पोषण मिशन के अंतर्गत 3,598 गोवंश दिए गए हैं.

योगी ने पशुपालन विभाग को निर्देश दिया है कि गोवंश का संरक्षण कर रहे परिवारों को दी जाने वाली राशि के भुगतान में कतई विलंब न हो. उन्होंने कहा कि डीबीटी के माध्यम से उक्त धनराशि सीधे गोसेवा कर रहे परिवार को भेजी जाए. उन्होंने गोवंश सत्यापन के लिए स्थानीय स्तर पर उपजिलाधिकारी स्तर के अधिकारी को नामित करने को भी कहा है.

9 जिलों में हुआ बेसहारा गायों का सर्वाध‍िक संरक्षण

समीक्षा बैठक में बताया गया कि बेसहारा गोवंश का संरक्षण करने के लिए राज्य सरकार द्वारा राज्य में 6719 'निराश्रित गोवंश संरक्षण स्थल' संचालित हो रहे हैं. इनमें 11 लाख 33 हजार से अधिक गोवंश संरक्षित हैं. इस साल 20 जनवरी से 31 मार्च तक चलाए गए विशेष अभियान में 1.23 लाख गोवंश संरक्षित किए गए.

सबसे ज्यादा बेसहारा गाय बैलों का संरक्षण संभल, मथुरा, मिर्जापुर, शाहजहांपुर, संतकबीरनगर, अमरोहा, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और फर्रुखाबाद जिलों में किया गया है. सीएम योगी ने चरणबद्ध तरीके से सभी जिलों में निराश्रित गोवंश का बेहतर प्रबंधन करने को कहा. जिससे यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश के सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कोई भी गोवंश निराश्रित न हो.

बन रही हैं बड़ी गौशालाएं

प्रदेश के जिन इलाकों में बेसहारा गोवंश की तादाद ज्यादा हो गई है, उनमें यूपी सरकार 'वृहद गोवंश संरक्षण केंद्र' बना रही है. बैठक में बताया गया कि प्रदेश में अब तक 274 वृहद गोवंश संरक्षण केंद्र संचालित हो रहे हैं. योगी ने निर्देश दिया कि आगामी 6 माह में शेष 75 वृहद गोवंश स्थल तैयार कर लिए जाएं.

उन्होंने गोवंश संरक्षण स्थलों पर गायों की देखभाल के लिए 'केयर टेकर' भी तैनात करने को कहा. केयर टेकर गायों को समय-समय पर घुमाने भी ले जाए और गोवंश के बीमार होने या मृत्यु होने की दशा में वह सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करे. साथ ही सभी 17 नगर निगमों और नगर पालिका वाले जिला मुख्यालयों पर पशु पकड़ने वाले 'कैटल कैचर' वाहन की उपलब्धता सुनिश्चित करने का भी सीएम ने निर्देश दिया है.

उपले की आपूर्ति कर रहे गोवंश

यूपी में श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए इस्तेमाल होने वाले उपलों की आपूर्ति गोवंश संरक्षण स्थलों से की जाती है. योगी ने निर्देश दिया कि अंतिम संस्कार में उपयोग की जाने वाली लकड़ी की मात्रा को आधा करके इसकी भरपाई उपलों से की जाए. इससे होने वाली आय उस गोवंश स्थल के प्रबंधन में उपयोग हो सकेगी.

5 जिलों में बनेंगे डेयरी प्लांट

बैठक में योगी ने डेयरी क्षेत्र की भी समीक्षा करते हुए कहा कि सहकारी डेयरी समितियों से जुड़े पशुपालकों को दूध का लाभकारी मूल्य दिलाने और आम जन को अच्छा दूध और दूध के उत्पाद उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार संकल्पित है. उन्होंने कहा कि इस काम में दुग्ध समितियों ने दूध उत्पादन, संग्रह और विक्रय आदि में अभूतपूर्व काम किया है. इससे पशुपालकों की आय में बढ़ोतरी हुई है.

उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र में संचालित बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर जैसी संस्थाएं इस काम में मील का पत्थर साबित हुई हैं. उन्होंने बलिनी की तर्ज पर सभी जिलों में दुग्ध समितियों के गठन को विस्तार देने और इसमें महिलाओं की भूमिका बढ़ाने को कहा है. योगी ने कहा कि राज्य सरकार ने कानपुर, मुरादाबाद, गोरखपुर, आजमगढ़ और प्रयागराज में निजी क्षेत्र के सहयोग से नए डेयरी प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया है. इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.

डेयरी उत्पादों को बढ़ा ऑनलाइन कारोबार

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में दूध एवं दुग्ध उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए पराग डेयरी का ई कॉमर्स पोर्टल उपयोगी सिद्ध हो रहा है. प्रदेश के शहरी क्षेत्रों मे पराग मित्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों में महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से दुग्ध उत्पादों की बिक्री हो रही है.

यूपी में ई-कामर्स पोर्टल के माध्यम से अब तक 71,068 उपभोक्ता, 89 महिला स्वंय सहायता समूह व 215 पराग मित्र जोड़े जा चुके हैं. इनके माध्यम से लगभग 6 करोड़ रुपये का व्यवसाय किया गया है. सीएम योगी ने कहा कि इस प्लेटफार्म को और मजबूत बनाए जाने के लिए आवश्यक प्रयास किए जाएं. उन्होंने निर्देश दिया कि पशुपालन, दुग्ध उत्पादन, विक्रय, नस्ल सुधार आदि विषयों की विभागीय मंत्री द्वारा साप्ताहिक समीक्षा की जाए.

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