उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में ठंड का प्रकोप लगातार जारी है. ठंड की चपेट में आए लोगों की मौतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. यहां 24 घंटे के अंदर ठंड ने पीआरवी के सिपाही सहित चार लोगों की जान ले ली है. इनमें तीन किसान हैं जो खेतों में पानी लगा रहे थे. अचानक तबियत बिगड़ने से इन किसानों की मौत हो गई. अभी कड़ाके की ठंड पड़ रही है. कोहरा भी बहुत अधिक है. इन दोनों खतरों के बीच किसानों को फसलों में पानी देने और रखवाली करने की जरूरत पड़ रही है. इसी दौरान तीन किसान और एक पुलिसकर्मी की जान चली गई.
फतेहपुर जिले के तीनों तहसीलों में ठंड के कारण तीन किसानों सहित चार लोगों की मौत हुई है. पहला मामला यूपी पुलिस में तैनात पीआरवी के जवान 38 वर्षीय राजेंद्र सोनकर की है. सोनकर रायबरेली जिले के रघुनाथगंज के रहने वाले थे. उनकी तैनाती फतेहपुर जिले के खागा कोतवाली क्षेत्र में पीआरवी 1181 में थी. मंगलवार सुबह वे अपने सहकर्मियों के साथ ड्यूटी पर थे जहां अचानक सीने में दर्द हुआ. इसके बाद सहकर्मियों ने इलाज के लिए हरदो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया, लेकिन डॉक्टरों ने हालत नाजुक देखते हुए जिला अस्पताल में रेफर कर दिया. जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने सोनकर को मृत घोषित कर दिया.
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दूसरा मामला हथगाम थाना क्षेत्र के देवकली निवासी राम सुमेर का है जो सुबह के समय खेत में गए थे. तभी अचानक तबियत बिगड़ गई. उसके बाद उन्हें इलाज के लिए घर वाले अस्पताल ले जा रहे थे. इसी दौरान रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया. तीसरा मामला जिले के बकेवर थाना क्षेत्र के भेसौली के रहने वाले 40 वर्षीय अनिल कुमार का है. वे खेत में पानी लगाने के लिए गए थे जहां उनकी मौत हो गई. जब घर वाले खेत में खाना देने के लिए गए तो देखा कि उनकी मौत हो चुकी है. मृतक के परिजन बृज नंदकिशोर ने बताया कि खेतों में पानी लगाने के दौरान ठंड लगने से अनिल कुमार की मौत हो गई.
चौथा मामला कल्यानपुर थाना क्षेत्र के कचरौली गांव के रहने वाले 42 वर्षीय उदयराज पासवान का है जो खेत में पानी लगाने के लिए गए थे. खेत में उनकी अचानक तबियत बिगड़ गई. परिजन इलाज के लिए उन्हें अस्पताल ले जा रहे थे. इसी दौरान रास्ते में उनकी मौत हो गई. मृतक के भाई दिलीप ने बताया कि उदयराज सुबह खेत में पानी लगाने गए थे. शाम तक वे वापस नहीं आए तो घरवालों ने उन्हें देखने के लिए बच्चों को भेजा. बच्चों ने तुरंत खबर दी कि उदयराज की तबीयत खेत में बिगड़ी हुई है. उनकी नाजुक हालत देख इलाज के लिए अस्पताल ले जा जाया रहा था, तभी रास्ते में मौत हो गई.
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उदयराज के भाई दिलीप ने बताया कि सुबह 10 बजे खेत में सिंचाई करने के लिए उनका भाई गया था. दिन में बच्चों से खाना भेजा था, तब तक सबकुछ ठीक था. शाम पांच बजे तक भाई नहीं लौटा तो घरवालों ने बच्चों को देखने के लिए भेजा. वहां बच्चों ने देखा कि उदयराज की तबीयत बिगड़ी हुई थी और वे खेत में पड़े हुए थे. बच्चों ने तुरंत घरवालों की खबर दी जिसके बाद चारपहिया गाड़ी से उन्हें अस्पताल ले पहुंचाया जा रहा था. लेकिन अस्पताल जाते-जाते रास्ते में ही उनकी मौत हो गई.(नितेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट)
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