Goat Farming: जरूरी नहीं गांव में पालें, घर में पालकर भी बकरों से कर सकते हैं मोटी कमाई, जानें तरीका 

Goat Farming: जरूरी नहीं गांव में पालें, घर में पालकर भी बकरों से कर सकते हैं मोटी कमाई, जानें तरीका 

Goat Farming in City बकरीद का महीना वो मौका होता है जब बकरे आम दिनों के मुकाबले काफी अच्छे रेट पर बिक जाते हैं. लेकिन कुछ लोगों को लगता है कि पशु पालन सिर्फ गांव-देहात में ही किया जा सकता है. क्योंकि शहर में तो पशुओं को चराने के लिए जगह ही नहीं है. अगर बकरीद के लिए बकरा पाला तो बिना हरे चारे के वो पल ही नहीं पाएगा. 

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Goat Farming: जरूरी नहीं गांव में पालें, घर में पालकर भी बकरों से कर सकते हैं मोटी कमाई, जानें तरीका सीआईआरजी में चारा खाते ब्रीडर बकरे. फोटो क्रेडिट-किसान तक

Goat Farming in City वैसे तो ऐसा कोई महीना या दिन नहीं है जब बाजारों में बकरों की या बकरों के मीट की बिक्री नहीं होती है. लेकिन बकरीद के मौके पर बकरों की बहुत डिमांड रहती है. आम दिनों के मुकाबले बकरों के दाम भी कुछ ज्यादा ही मिलते हैं. एक ठीक-ठाक बकरे पर सात से आठ हजार रुपये तक का मुनाफा हो जाता है. अगर आप भी बकरीद पर बेचने के लिए बकरे पालने की सोच रहे हैं तो फिर शुरू कर दिजिए. इसके लिए ये कोई जरूरी नहीं है कि बकरे सिर्फ गांवों की वातावरण में ही पलते हैं. 

आज बकरों की कई ऐसी नस्ल हैं जिन्हें आप शहरों के घर में और छत पर पाल सकते हैं. और तो और शहर में उन्हें खि‍लाने के लिए चारा खरीदने को भी नहीं भटकना पड़ेगा. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (CIRG), मथुरा ने खासतौर से शहरों में पलने वाले बकरे-बकरियों के लिए खुराक तैयार की है. ये खास खुराक उन लोगों के लिए है जो कहते हैं कि बकरा शहर में पाला तो बिना हरे चारे के पल ही नहीं पाएगा. बिना मैदान में जाए तो मोटा-ताजा नहीं बनेगा. 

बरबरी नस्ल को कहा जाता है शहरी बकरी

बरबरी नस्ल के एक्सपर्ट बताते हैं कि बरबरी नस्ल को शहरी बकरी भी कहा जाता है. अगर आपके आसपास चराने के लिए जगह नहीं है तो इसे खूंटे पर बांधकर या छत पर भी पाला जा सकता है. अच्छा चारा खिलाने से इसका वजन नौ महीने का होने पर 25 से 30 किलो, एक साल का होने पर 40 किलो तक हो जाता है. अगर सिर्फ मैदान या जंगल में चराई पर ही रखा जाए तब भी एक साल का बकरा 25 से 30 किलो का हो जाता है.

घर के खूंटे पर बांधकर भी पाला जा सकता है बकरा 

गोट एक्सपर्ट के मुताबिक बकरियों में कुछ नस्ल ऐसी हैं जिन्हें फार्म में रखकर भी पाला जा सकता है. जैसे बरबरी, सिरोही और सोजत नस्ल के बकरे और बकरियों को फार्म में पालकर बेहतर रिजल्ट लिए जा सकते हैं. बरबरी नस्ल‍ के बकरे और बकरियों को तो टाउन गोट यानि शहर की बकरी भी कहा जाता है. फार्म में रखकर स्टाल फीड देने से ही तीनों नस्ल के बकरे ज्यादा वजन तक के हो जाते हैं. 

घर में पाल रहे हैं तो खि‍लाएं ये खास चारा 

बकरी पालन में अब तो यह परेशानी भी नहीं रही है कि फार्म और घर में रखकर सूखे, हरे और दानेदार चारे का अलग-अलग इंतजाम करना है. सीआईआरजी ने चारे की फील्ड में ऐसी रिसर्च की है कि जिसके बाद आपको बकरी के लिए तीन तरह के अलग-अलग चारे का इंतजाम करने की जरूरत नहीं है. संस्थान ने हरे, सूखे और दाने वाले चारे को मिलाकर पैलेट्स तैयार किए हैं. जरूरत के हिसाब से बकरे और बकरियों के सामने पैलेट्स रख दिजिए, जब पानी का वक्त हो जाए तो पानी पिला दिजिए. 

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