Egg Production in UP यूपी में अंडों की अच्छी खासी खपत है. सीजन के अलावा रोजाना की जरूरत के लिए भी बड़ी संख्या में अंडों की खपत है. और अगर सर्दियों की बात करें तो ये डिमांड डबल ही हो जाती है. और ये कहानी किसी एक-दो साल की नहीं है. हर साल ही यूपी को बड़ी संख्या में अंडों की जरूरत होती है. लेकिन बावजूद इसके यूपी में अंडों का उत्पादन नहीं बढ़ पाया है. अंडों की अपनी ज्यादातर डिमांड यूपी दूसरे राज्यों से पूरी करता है. इसमे दक्षिण भारत के भी कई राज्य हैं.
हरियाणा और राजस्थान से भी अंडे आते हैं. ऐसा नहीं है कि यूपी सरकार पोल्ट्री को बढ़ावा नहीं देती है. अंडा उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने नई पोल्ट्री पॉलिसी भी लागू कर दी है. बावजूद इसके यूपी में खासतौर से अंडा उत्पादन वाले नए लेअर पोल्ट्री फार्म नहीं खुल रहे हैं. यहां तक की यूपी में चिकन की डिमांड पूरी करने के लिए ब्रॉयलर मुर्गा भी दूसरे राज्यों से खरीदना पड़ता है.
यूपी पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन के अध्यक्ष नवाब अली का कहना है कि यूपी को सर्दी के सीजन में हर रोजाना करीब 5.5 से करोड़ अंडा चाहिए. अगर ऑफ सीजन यानि गर्मी की बात करें तो डिमांड घटकर 3 से 3.5 करोड़ पर आ जाती है. जबकि यूपी में अंडा उत्पादन 1.50 करोड़ से लेकर 1.70 करोड़ तक ही होता है. हालांकि बीच-बीच में अंडे का उत्पा्दन 2 करोड़ तक भी पहुंच जाता है. लेकिन इसके पीछे वजह यह है कि नए-नए पोल्ट्री फार्मर बाजार में आते हैं, एक-दो सीजन काम करने के बाद घाटा होने पर बंद करके चले जाते हैं. ऐसे में जब अंडे की कमी होती है तो ट्रेडर्स बरवाला, हरियाणा के अलावा तेलंगाना, आंध्रा प्रदेश, चैन्नई और बंगाल आदि से अंडा मंगाकर डिमांड को पूरा किया जाता है.
नवाब अली ने किसान तक को बताया कि 150 किमी या उससे ज्यादा दूरी से अंडा अगर यूपी में आएगा तो उसे एसी वाहन से लाना होगा. अंडे की गाड़ी एसी होगी तभी उसको यूपी में एंट्री मिलेगी. इतना ही नहीं कोल्ड स्टोरेज में अंडा रखने और निकालने के लिए भी नियम बनाए गए. इसके दो बड़े फायदे ये हैं कि इसके चलते यूपी के पोल्ट्री फार्मर को अंडे का सही दाम मिलेगा. साथ ही ग्राहकों को हेल्दी अंडा खाने को मिलेगा. लेकिन अभी तक सरकार की बनाई इस पॉलिसी का अफसर पालन नहीं करा रहे हैं. जिसके चलते हर तरह का अंडा यूपी में आ रहा है.
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