भेड़ पालन से अच्छी कमाई होती है लेकिन भेड़ पालन के बारे में जानकारी सीमित है. हम सब कभी-कभार ही देख पाते हैं कि हमारे गांव में चरवाहे भेड़ लेकर आए हैं. आपको बता दें कि भेड़ पालन करने वाले लोग एक-दो नहीं बल्कि चार तरीके से लाभ उठा सकते हैं. इस खबर में आपको भेड़ पालन से जुड़ी बारीकियां बता देते हैं. अगर आप एनिमल बिजनेस से जुड़ने का प्लान कर रहे हैं तो भेड़ पालन एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है.
भेड़ पालन हमारे देश में काफी पुराना पेशा रहा है लेकिन ज्यादातर पशुपालकों को अभी भी इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. आपको बता दें कि पशुपालन से जुड़े कारोबार में तगड़ा मुनाफा देने वाले पशुओं में भेड़ खास स्थान में है. इसके फायदे जानने से पहले जान लेते हैं कि भेड़ पालन से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
भेड़ पालन से जुड़ी बारीकियां जानने के बाद ये भी जान लेते हैं कि भेड़ पालने से हमें क्या-क्या फायदे मिल सकते हैं. भेड़ पालने के एक-दो नहीं बल्कि चार-चार फायदे होते हैं. आइए जान लेते हैं.
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भेड़ पालन से कमाई का मुख्य उद्देश्य ऊन ही होता है. आपको बता दें कि भेड़ों के बालों को प्रोसेस करके ऊन बनाए जाते हैं. एक भेड़ से साल में लगभग एक किलो तक ऊन प्राप्त हो जाता है.
भेड़ पालना कमाई के लिहाज से बेहतर माना जाता है इसके लिए ऊन के अलावा भेड़ों दूध भी प्राप्त किया जाता है. आपको बता दें कि एक भेड़ दिन में एक लीटर से डेढ़ लीटर तक दूध दे सकती है.
भेड़ पालन से कमाई का मुख्य जरिया ऊन के बाद मांस को माना जाता है. नॉनवेज खाने वाले लोगों के बीच भेड़ों का मीट काफी लोकप्रिय माना जाता है. इनके मीट की कीमत और बाजार मांग जबरदस्त होती है.
दूध, मीट और ऊन के अलावा भेड़ किसानों के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं. आपको बता दें की भेड़ों की बीट (मल) को बहुत ही उपजाऊ खाद के रूप में देखा जाता है. गांव में कई बार किसान भेड़ पालकों से अपने खेतों में भेड़ ठहराने के लिए बोलते हैं, रातभर भेड़ों के रहने से खेत की मिट्टी में उर्वरक क्षमता बढ़ती है.
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