राजस्थान में हाल ही में आई बाढ़ के कारण फसल को हुए नुकसान के मुआवजे और विभिन्न मांगों को लेकर किसान धरना दे रहे थे. झालावाड़ जिले में दो दिनों से चल रहा सैकड़ों किसानों का ये धरना खत्म कर दिया गया है. अधिकारियों ने धरना दे रहे किसानों को मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के साथ इसी सप्ताह बैठक का आश्वासन दिया,जिसके बाद किसानों ने अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त करने का ऐलान किया. झालावाड़ के जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौर ने मीडिया को बताया कि मंगलवार देर रात किसान नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच तीन दौर की बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया.
आयोजकों के अनुसार, लगभग 1465 गांवों के हजारों किसान सोमवार को भारतीय किसान संघ-चित्तौड़ प्रांत के बैनर तले झालावाड़ में मिनी सचिवालय के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर एकत्रित हुए थे. राठौड़ ने बताया कि कोटा संभागीय आयुक्त पीयूष समारिया के नेतृत्व में राज्य सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल ने किसान नेताओं को आश्वासन दिया कि वे 13 या 14 सितंबर को जयपुर में राज्य के मुख्यमंत्री के साथ उनकी बैठक आयोजित करेंगे ताकि उनके "राज्य स्तरीय" मुद्दों पर चर्चा की जा सके. किसानों के प्रतिनिधिमंडल में भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साई रेड्डी और अन्य पदाधिकारी शामिल थे.
अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें तीन स्तरों पर हैं: तहसील, जिला और राज्य स्तर. जिला प्रशासन के साथ बातचीत के बाद तहसील और जिला स्तर की मांगों पर सहमति बन गई है. अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री के साथ बैठक में राज्य स्तरीय मांगों पर विचार-विमर्श किया जाएगा. हालांकि, संघ नेताओं ने जोर देकर कहा कि विरोध प्रदर्शन को केवल मुख्यमंत्री के साथ होने वाली संभावित बैठक तक के लिए स्थगित किया गया है.
गौरतलब है कि झालावाड़ में चल रहे विरोध प्रदर्शन में महिलाओं समेत हजारों किसान शामिल हुए और दिन-रात झालावाड़ कलेक्ट्रेट के बाहर डेरा जमाए रहे. धरने के दौरान किराने का सामान लेकर आए किसान धरना स्थल पर खाना बना रहे थे और लोकगीत व नृत्य प्रस्तुत कर रहे थे. भारतीय किसान संघ (बीकेएस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साई रेड्डी ने कहा कि क्षेत्र में भारी बारिश के कारण लाखों एकड़ भूमि पर किसानों की फसल को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन सरकार ने अभी तक उनके लिए मुआवजे और राहत की घोषणा नहीं की है. उन्होंने कहा कि किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत भी कोई लाभ नहीं मिल रहा है और वे गंभीर बिजली संकट का सामना कर रहे हैं. (सोर्स- PTI)
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