Kisan Diwas: जब किसान नेता के लिए भेजा गया चार्टर्ड प्लेन, और बच गई जान 

Kisan Diwas: जब किसान नेता के लिए भेजा गया चार्टर्ड प्लेन, और बच गई जान 

Kisan Diwas पब्लिक और प्राइवेट मीटिंग में पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह सत्ता  पक्ष के लिए बेशक कुछ भी बोलते हों, लेकिन जरूरत पड़ने पर दोनों एक-दूसरे की मदद करने या बात मानने से पीछे नहीं रहते थे. ऐसे एक नहीं कई किस्सेद आज भी दिल्लीी के गलियारों में सुने और सुनाए जाते हैं. किसान दिवस के मौके पर ऐसा ही एक किस्सा आपको बता रहे हैं.

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Kisan Diwas: जब किसान नेता के लिए भेजा गया चार्टर्ड प्लेन, और बच गई जान 

Kisan Diwas सड़क पर किसानों का धरना-प्रदर्शन करना कोई नई बात नहीं है. प्रदर्शन के दौरान सत्ता से टकराव भी होते रहे हैं. एक-दूसरे के खि‍लाफ तंज भी कसे जाते रहे हैं. लेकिन जरूरत पड़ने पर एक-दूसरे की मदद भी की है. ऐसे ही एक किसान नेता थे जिनके लिए जरूरत पड़ने पर चार्टर्ड प्लेन भेजा गया था. और इस चार्टर्ड प्लेन की सुविधा मिलने से ही उनकी जान भी बची थी. ये किसान नेता थे चौधरी चरण सिंह. जो किसानों के हक में सरकारों के खि‍लाफ मोर्चा खोल देते थे. चार्टर्ड प्लेन का किस्सा सुनते हुए एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. केएस राना बताते हैं कि चौधरी चरण सिंह परिवारवाद, जातिवाद के घोर खिलाफ थे. 

परिवारवाद के विरोध में वो अपने बेटे अजित सिंह पर भी तंज करने से पीछे नहीं रहते थे. जातिवाद का विरोध करने के चलते उन्हें  पढ़ाई के दौरान मेस में एक महीने का बहिष्काथर झेलना पड़ा था. लेकिन अपने विचार और उसूलों पर कायम रहने वाले थे, जो कह देते थे उसे पूरा करके ही मानते थे.     

हॉर्ट अटैक आने पर भिजवाया था प्लेन 

चरण सिंह के करीबी रहे और वाइस चांसलर डॉ. केएस राना बताते हैं कि साल 1985 में चरण सिंह को हॉर्ट अटैक आया था. उनके दामाद अमेरिका के एक अस्प ताल में डॉक्टलर थे. उन्होंंने चौधरी साहब को अमेरिका लाने की सलाह दी. लेकिन ऐसी हालत में उन्हेंे अमेरिका कैसे ले जाएं, इसके लिए एयर एम्बूीलेंस की जरूरत होती है. चॉर्टर्ड प्लेंन का इंतजाम करना उनके परिवार के लिए मुमिकन नहीं था. ऐसे में यह बात उस वक्तै पीएम राजीव गांधी के पास तक पहुंच गई. उन्होंथने फौरन ही चॉर्टर्ड प्लेसन का इंतजाम करा दिया. उसी प्लेनन से चौधरी साहब और उनके परिवार को अमेरिका भेजा गया. और इस तरह से उन्हेंस वक्तं पर इलाज मिल गया. 

जानें चरण सिंह को नाना क्यों कहते थे राजीव गांधी 

डॉ. राना ने बताया कि चौधरी साहब ने हमेशा से परिवारवाद को लेकर पंडित जवाहरलाल नेहरू का विरोध किया. इंदिरा गांधी का भी विरोध किया. किसानों के सामने वो किसी को नहीं बख्तेन    थे. जब तब मौका मिलते ही राजीव गांधी पर भी तंज कस देते थे. कहते थे कि विदेश से पढ़कर आया और हवाई जहाज उड़ाने वाला क्यां देश चलाएगा. इतना ही नहीं विदेश से पढ़कर और नौकरी कर लौटे अपने बेटे को भी नहीं छोड़ते थे. लेकिन इस सब के बावजूद गांधी परिवार से उनके संबंध अच्छेन थे. यही वजह थी कि राजीव गांधी भी उन्हेंब पूरा सम्मा न देते थे. जवाहरलाल नेहरू के दोस्त  होने के चलते राजीव गांधी उन्हेंज नाना कहते थे. बैठकों के दौरान उनके पैर छूते थे.      

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