Goat Breed: दूध और बच्चों के लिए खूब डिमांड में रहती हैं बकरियों की ये दो खास नस्ल 

Goat Breed: दूध और बच्चों के लिए खूब डिमांड में रहती हैं बकरियों की ये दो खास नस्ल 

यूपी और राजस्थान की दो खास नस्ल की बकरियां जखराना और जमनापरी को खासतौर पर नॉर्थ इंडिया के किसी भी राज्य में पाला जा सकता है. जमनापारी की अपनी पहचान ज्यादा दूध के लिए है तो जखराना नस्ल ज्यादा बच्चे देने के लिए जानी जाती है. 

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Goat Breed: दूध और बच्चों के लिए खूब डिमांड में रहती हैं बकरियों की ये दो खास नस्ल बाजार में जमनापारी और जखराना बकरे-बकरियों की डिमांड बढ़ गई है. फोटो क्रेडिट-किसान तक

बेशक अभी बकरियों के दूध का संगठित बाजार नहीं है, लेकिन धीरे-धीरे दूध की डिमांड बढ़ने लगी है. हालांकि बकरी पालन दूध और मीट दोनों के लिए होता है. और दोनों के लिए ही जरूरी है कि बाड़े में जितने बकरे-बकरी होंगे उतना ही मुनाफा ज्यादा होगा. इसीलिए बकरी पालकों की चाहत होती है कि एक बार में ज्यादा बच्चे और ज्यादा दूध देने वाली बकरी उनके बाड़े में हो. ऐसी ही बकरियों की दो खास नस्ल हैं जो ज्यादा बच्चे और दूध देने के लिए जानी जाती हैं. 

ये दोनों नस्ल खासतौर पर नॉर्थ इंडिया में ही पाली जाती हैं. इनके नाम हैं जखराना और जमनापारी. हालांकि ज्यादा दूध देने के मामले में बीटल नस्ल की बकरी नंबर वन मानी जाती है, , लेकिन खास पंजाब की ये नस्ल पंजाब के बाद हरियाणा तक ही बिना किसी परेशानी के पाली जा सकती है. पंजाब-हरियाणा के अलावा और दूसरे राज्यों में इसे पालना बहुत ही मुश्कि‍ल काम है. 

जमनापारी बकरे-बकरियों की ये खूबी इन्हें बनाती है खास

केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा के सीनियर साइंटिस्ट और जमनापारी नस्ल के एक्सपर्ट डॉ. एमके सिंह की मानें तो दूसरे देश भारत से जमनापारी नस्ल के बकरों की डिमांड अपने यहां कि बकरियों की नस्ल सुधार के लिए करते हैं. क्योंकि जमनापारी नस्ल की बकरी रोजाना चार से पांच लीटर तक दूध देती है. इसका दुग्ध काल 175 से 200 दिन का होता है. एक दुग्ध काल में 500 लीटर तक दूध देती है. इस नस्ल में दो बच्चे देने की दर 50 फीसद तक है. इस नस्ल का वजन रोजाना 120 से 125 ग्राम तक बढ़ता है. शारीरिक बनावट और सफेद रंग का होने के चलते इनकी खूबसूरती देखते ही बनती है. अपनी खूबसूरती के चलते जमनापारी बकरे ईद पर जल्दी बिक जाते हैं.

एक साथ तीन खूबियों के लिए जानी जाती है जखराना 

सीआईआरजी के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. गोपाल दास का कहना है कि बकरी की पहचान उसके दूध, मीट और बच्चे देने की क्षमता से आंकी जाती है. जखराना एक ऐसी नस्ल है जिसके बकरे और बकरी 25 से 30 किलो वजन तक पर आ जाते हैं. इसके अलावा इस नस्ल की बकरी रोजाना एक से डेढ़ लीटर तक दूध देती है. सीआईआरजी खुद जखराना के दूध को रिकॉर्ड कर चुका है. एक बकरी ने 90 दिन में 172 लीटर दूध दिया था. यह नस्ल एक यील्ड में पांच महीने तक दूध देती है. अब रहा सवाल बच्चे देने की क्षमता के बारे में तो 60 फीसद जखराना बकरी दो या तीन बच्चे‍ तक देती हैं. किसी और दूसरी नस्ल की बकरी में यह तीनों खूबी एक साथ नहीं मिलेंगी.

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