Dairy Business: सिर्फ दो भैंसों से कर सकते हैं डेयरी की शुरुआत, बेहतर नस्ल और कमाई का तरीका जानिए

Dairy Business: सिर्फ दो भैंसों से कर सकते हैं डेयरी की शुरुआत, बेहतर नस्ल और कमाई का तरीका जानिए

अधिकांश पशु पालकों के पास डेयरी से पैसे कमाने के बहुत से प्लान तो होते हैं लेकिन पूंजी की कमी के चलते शुरुआत नहीं कर पाते. ऐसे पशुपालक दो भैंसों से डेयरी फार्मिंग कर सकते हैं. इस खबर में भैंसों की अच्छी नस्ल और दो भैंस पालने पर आने वाले खर्च और कमाई की पूरी जानकारी पा सकते हैं.

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सिर्फ दो भैंसों से कर सकते हैं डेयरी की शुरुआत, बेहतर नस्ल और कमाई का तरीका जानिएडेयरी फार्म के लिए भैंस की अच्छी नस्ल

बीते कुछ सालों से हमारे देश में पशुपालन काफी फायदे का सौदा बन गया है. नए-नए लोग भी दुधारू पशु पालकर डेयरी बिजनेस से जुड़ कर अच्छी कमाई कर रहे हैं. अधिकांश पशु पालकों के पास डेयरी से पैसे कमाने के बहुत से प्लान तो होते हैं लेकिन पूंजी की कमी के चलते शुरुआत नहीं कर पाते. ऐसे पशुपालकों को बता दें कि आप केवल दो भैंसों से भी डेयरी की शुरुआत कर अच्छी कमाई कर सकते हैं लेकिन कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है. आइए जान लेते हैं कि दो भैंसों से डेयरी फार्म की शुरुआत कर कैसे अच्छी कमाई की जा सकती है. 

इन खास नस्ल की भैंस ही पालें

अगर आप केवल दो भैंसों से डेयरी फार्मिंग करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको खास नस्ल की जानकारी होनी चाहिए. आपको अधिक दूध देने वाली नस्लों के साथ ही उनके रोग प्रतिरोधक क्षमता और स्वभाव को भी ध्यान में रखकर काम करना होगा. इसके लिए पशुपालकों को मेहसाणा और सुरती जैसी नस्लों को पालना फायदेमंद बताया जाता है. आइए इन नस्लों की खासियत भी जान लेते हैं. 

सुरती नस्ल की खासियत

सुरती नस्ल की भैंस खासतौर पर गुजरात के बड़ौदा और कैरा जिले में पाई जाती है. सुरती नस्ल की भैंस की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी मानी जाती है. अच्छी देखभाल के बाद ये भैंस एक ब्यांत में 900-1300 लीटर दूध देती है. वहीं इसके दूध में वसा की मात्रा 8-12 प्रतिशत होती है. 

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मेहसाणा नस्ल की खासियत

मेहसाणा नस्ल की भैंसें गुजरात के मेहसाणा के अलावा साबरकांठा, बनासकांठा, अहमदाबाद और गांधीनगर जैसे जिलों में पाई जाती हैं. इनकी सींग हंसिए की तरह मुड़ी हुई होती है. इन भैंसों के ब्यांत का औसत समय 42-48 महीने का होता है. ये भैंस रोजाना 10 लीटर तक दूध दे सकती है.

दो भैंसों को पालने का खर्च 

हमने भैंसों की दो अच्छी नस्लों के बारे में जान लिया. इन्ही में से किसी एक को चुनकर आप डेयरी की शुरुआत कर सकते हैं. इन दोनों ही भैंसों की कीमत 50 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक हो सकती है. इनके खान पान की बात करें तो रोजाना प्रति भैंस औसतन ढाई किलो अनाज या दाना खिलाना भी जरूरी होता है. इन्हें जौ, बाजरा, ज्वार या मक्का खिला रहे हैं तो ढाई किलो रोजाना के हिसाब से औसतन 100 रुपये रोज का मान कर चलें तो तीन हजार रुपये महीने का खर्च आता है. इसके अलावा हरा चारा, सूखा चारा, सरसों, अलसी या मूंगफली की खली, ज्वार, बाजरा या मक्के की चूनी भी पशुओं को खिला सकते हैं, जिसका खर्च भी महीने का लगभग दो से तीन हजार रुपये आ सकता है.

अधिक कमाई का तरीका

आप सिर्फ भैंसों का दूध बेचते हैं तो मनमुताबिक कमाई शायद ना कर पाएं. डेयरी से कमाई करने के लिए डेयरी प्रोडक्ट बेचना अधिक फायदेमंद माना जाता है. भैंसों के दूध में गाय के मुकाबले अधिक फैट होता जिसके कारण उसमें से डेयरी प्रोडक्ट्स बनाना आसान होता है. आप दूध से मक्खन, पनीर, खोया और छेना जैसी चीजें बना कर बेचते हैं तो अधिक मुनाफा हो सकता है. 

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