Fish Farming: गर्मियों में बढ़ते तापमान से बचानी हैं मछलियां तो अपनाएं ये उपाय, नहीं होगा नुकसान

Fish Farming: गर्मियों में बढ़ते तापमान से बचानी हैं मछलियां तो अपनाएं ये उपाय, नहीं होगा नुकसान

फिश एक्सपर्ट गर्मियों में खासतौर पर अप्रैल से लेकर मई-जून तक मछलियों के तालाब को लेकर एहतियात बरतने की सलाह देते हैं. मछलियों की खुराक, तालाब के पानी का तापमान, पानी का लेवल और तालाब की साफ-सफाई पर पूरा ध्यान देने की टिप्स दी जाती हैं. 

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Fish Farming: गर्मियों में बढ़ते तापमान से बचानी हैं मछलियां तो अपनाएं ये उपाय, नहीं होगा नुकसानमछली पालन (फाइल फोटो)

गर्मियों ने दस्तक दे दी है. मौसम में बदलाव आ चुका है. खासतौर से दिन में तापमान भी धीरे-धीरे ऊपर की ओर खि‍सक रहा है. अब वक्त के हिसाब से ये लगातार बढ़ता रहेगा. मछली पालकों को ऐसे में अलर्ट रहने की जरूरत है. क्योंकि अप्रैल के आखि‍र और मई-जून के दौरान तालाब का पानी चाय के पानी जैसा हो जाता है. और फिश एक्सपर्ट बताते हैं कि अगर मछलियों के तालाब के पानी का तापमान 31 डिग्री से ऊपर हो गया है तो ये मछलियों के लिए जानलेवा साबित होता है. 

खासतौर पर अप्रैल के आखि‍री दिन और मई-जून में तो तापमान ज्यादातर 31 डिग्री से ऊपर ही जाता है. बढ़ते तापमान में होता ये है कि तालाब का पानी तेज गर्म होने से उसमे ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. ऑक्सीजन की कमी के चलते बड़ी संख्या में मछलियां मर जाती हैं. ऐसे में खासतौर से यूपी, मध्य‍ प्रदेश, बिहार, झारखंड, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के मछली पालकों को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसी के चलते एक्सपर्ट अप्रैल से जून तक तालाब में कई तरह के बदलाव करने की सलाह देते हैं. 

तालाब के पानी को लेकर दी जाती है ये सलाह  

फिश एक्सपर्ट राजीव जादौन का कहना है कि तालाब में ज्यादातर रोहू, कतला, मृंगाल मछली का पालन किया जाता है. गर्मी के इस मौसम में मछलियों को 26 से 31 डिग्री तापमान वाले पानी की जरूरत होती है. लेकिन अभी तापमान भी बढ़ रहा है. 40 से 42 डिग्री तक तापमान पहुंच रहा है. यह मछलियों के लिए बहुत ही खतरनाक होता है. जब गर्म हवाएं चलती हैं तो हालात और भी खराब हो जाते हैं. होता ये है कि तालाब में फाइटो क्लाइंजम (अल्गी) लगी होती है. पानी के अंदर इसी से झींगा को मुख्य रूप से ऑक्सीजन मिलती है. लेकिन तेज गर्मी और गर्म पानी के चलते यह मुरझा जाती है. अब क्योंकि मछली पालन के लिए बिजली कमर्शियल होने के चलते बहुत महंगी है तो मछली पालक तालाब में पंखे और इरेटर बहुत कम चलाते हैं. 

तालाब में अभी कर लें ये बदलाव, हेल्दी रहेंगी मछलियां 

  • दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक तालाब में पंखे और इरेटर चलाएं. 
  • गर्मियों में मछलियों को सूखा खाने को न दें. 
  • एक लीटर मीठे फ्रेश पानी में 100 ग्राम गुड़ घोलकर दें.
  • पानी में दो से तीन ग्राम विटामिन सी घोलकर दें. 
  • ग्लूकोज पाउडर भी घोलकर पिलाया जा सकता है. 
  • मछलियों को दी जाने वाली दोपहर की खुराक कम कर दें. 
  • सुबह-शाम और रात 30-30 फीसद तक खाने को दें. 
  • तालाब के पानी की हाईट बढ़ा दें. 
  • तालाब में 3.5 फुट पानी है तो उसे पांच से 5.5 फुट कर दें. 
  • ऊपर का पानी गर्म भी हो जाएगा तो 3.5 फुट पानी की सतह सामान्य बनी रहेगी.  

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