Poultry Management: मुर्गियों को बीमारी से बचाने के लिए गर्मियों में शेड-फीड में करें ये बदलाव

Poultry Management: मुर्गियों को बीमारी से बचाने के लिए गर्मियों में शेड-फीड में करें ये बदलाव

एक्सपर्ट के मुताबिक पोल्ट्री बर्ड बहुत ही सेंसेटिव होती हैं. गर्मी-बरसात ही नहीं हर मौसम में मुर्गियों के खाने-पीने, शेड के रखरखाव और हैल्थ के बारे में बहुत ध्यान देने की जरूरत होती है. जरा सी भी अगर लापरवाही बरती तो इसका सीधा असर अंडे-चिकन के उत्पादन पर पड़ता है. हीट स्ट्रैस के चलते कई दिन तक मुर्गियां अंडे नहीं देती हैं. 

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Poultry Management: मुर्गियों को बीमारी से बचाने के लिए गर्मियों में शेड-फीड में करें ये बदलावAmerican companies renting out chickens

मौसम से इंसान ही नहीं पशु-पक्षी भी प्रभावित होते हैं. खासतौर पर मुर्गियों (पोल्ट्री) में तो ये खतरा हमेशा हर मौसम में बना रहता है. खासतौर पर गर्मी और मॉनसून के दौरान तो सबसे ज्यादा बीमारियां अटैक करती हैं. जैसे अभी गर्मी है तो दूसरे ही पल बारिश शुरु हो गई. बारिश के बाद होने वाली उमस के चलते भी बीमारियां पनपती हैं. कई बार इसके चलते मुर्गियों की मौत भी हो जाती है. गर्मियों के चलते तो मुर्गियां हीट स्ट्रैस तक में आ जाती हैं. इसका सबसे बड़ा असर मुर्गियों के उत्पादन यानि और चिकन पर पड़ता है. 

सेंट्रल एवियन रिसर्च इंस्टीट्यूट (CARI), बरेली के साइंटिस्ट का कहना है कि बारिश और गर्मी दोनों ही मौसम में फीडिंग का खास ख्याल रखना चाहिए. शेड मैनेजमेंट पर भी पूरा ध्यान देना चाहिए. अगर हम मौसम पर जाएं तो गर्मी में दिन के बजाए रात एक बजे से सुबह पांच बजे तक दाना देना चाहिए. ये वो वक्त होता है जब मौसम में हल्की सी ठंडक होती है. और ऐसे वक्त मुर्गियों को फीड करने से उनकी ग्रोथ में तेजी आती है. 

गर्मी से बचानी हैं मुर्गियां तो शेड में करें ये इंतजाम 

पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि गर्मी और बरसात के दौरान शेड मैनेजमेंट बहुत जरूरी है. क्योंकि किसी भी बीमारी का इलाज या उसकी रोकथाम में दवाई और वैक्सीन 30 से 40 फीसद ही असर करती है. लेकिन शेड मैनेजमेंट इससे कहीं ज्यादा कारगर साबित होता है. अगर आप ब्रॉयलर (चिकन) और लेयर (अंडे) के केज में हवा का इंतजाम ठीक से रखते हैं तो आधे से ज्यादा बीमारियां तो वैसे ही खत्म हो जाती हैं. इसलिए ये जरूरी है कि जब शेड बनवाएं तो यह भी ध्यान दें कि शेड की दिशा उत्तर और दक्षि‍ण की तरफ रखनी चाहिए.

अगर पूर्व और पश्चि‍म में शेड बनेगा तो सुबह की भी धूप आएगी और जब सूरज डूबने लगेगा तो शाम की धूप भी आएगी. इससे धूप सीधी शेड के अंदर ही आएगी. जिसके चलते मुर्गियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. इसलिए शेड कंस्ट्रक्शन कराते वक्त ये जरूरी है कि शेड के अंदर फैन (पंखा) भी लगाना बेहद जरूरी है. फिर चाहें एग्जॉस्ट फैन, वेंटीलेशन फैन हो या फिर कूलिंग फैन लगवाया हो. 

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