Animal Care: दस्तक देने लगा ठंड का मौसम, गाय-भैंस, भेड़-बकरी को बचाना है तो ऐसे करें तैयारी

Animal Care: दस्तक देने लगा ठंड का मौसम, गाय-भैंस, भेड़-बकरी को बचाना है तो ऐसे करें तैयारी

Animal Winter Care सर्दियों के दौरान चारे की कमी ना हो इसके लिए अक्टूबर में ही चारा प्लान बना लेना चाहिए. अक्टूबर तक शेड को भी सर्दियों के हिसाब से तैयार कर लेना चाहिए. इसी तरह से और भी छोटे-बड़े कुछ ऐसे काम होते हैं जो सर्दियों से पहले पूरा कर लेना चाहिए. ऐसा करने से ना तो पशु बीमार पड़ेगा और ना ही उत्पादन घटेगा.  

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Animal Care: दस्तक देने लगा ठंड का मौसम, गाय-भैंस, भेड़-बकरी को बचाना है तो ऐसे करें तैयारीडेयरी फार्म में बंधी गाय

Animal Winter Care थोड़ी देरी से ही सही, लेकिन ठंड ने दस्तक देनी शुरू कर दी है. जैसे इंसान खुद को ठंड से बचाने के लिए वूलन कपड़ों समेत दूसरी तैयारियां करता है, ऐसे ही पशुपालकों को भी अपनी गाय-भैंस और भेड़-बकरियों के लिए भी फिक्रमंद रहते हैं. उन्हें भी ठंड से बचाने के लिए उपाय किए जाते हैं. अगर आप भी पशुपालक हैं और गाय-भैंस और भेड़-बकरियों में से कुछ भी पालते हैं तो आपको अभी से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए. वर्ना सर्दी के मौसम में एक छोटी सी भी लापरवाही पशुओं को बहुत भारी पड़ती है. एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक अगर सभी तरह के मौसम में पशुओं को बीमारी से बचाकर रखा तो पशुपालन में मुनाफा बढ़ जाता है. 

नहीं तो गाय-भैंस हो या भेड़-बकरी पालन, सभी में चारे के बाद सबसे ज्यादा लागत पशुओं के इलाज पर ही आती है. साथ ही पशुओं की जान जोखि‍म में बनी रहती है. मौसम बरसात का हो या गर्मी-सर्दी का, हर एक मौसम पशुओं के लिए बीमारी भी लाता है. इसलिए सर्दी के मौसम में पशुओं के खानपान, रखरखाव और टीकाकरण में जरा सी लापरवाही होने पर पशु बीमार पड़ जाते हैं. 

पशुओं को मौसम से बचाने में सरकार भी करती है मदद 

एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि कुछ लोग पशुओं का बीमा कराना और उनकी टैगिंग (रजिस्ट्रेशन) कराना पशुपालकों को बेकार, बेवजह का काम लगता है. लेकिन किसी भी मौसमी बीमारी के चलते पशु मरते हैं तो बीमा की रकम ही पशुपालक को राहत देती है. और बिना टैगिंग कराए बीमा की रकम मिलती नहीं है. अगर ऐसी ही कुछ योजनाओं का फायदा किसान भाई-बहिन उठा लें तो पशुपालन में आने वाले जोखिम को कम किया जा सकता है. गांव और कस्बों के पशु अस्पताल में भी ये सभी सुविधाएं आसानी से मिल जाती हैं. 

पशुओं के लिए अक्टूबर में जरूर करें ये काम  

  • अक्टूबर से सर्दी शुरू हो जाती है. इसलिए पशुओं को सर्दी से बचाने का इंतजाम कर लें. 
  • सर्दी के मौसम में ज्यादातर भैंस हीट में आती हैं. ऐसा होते ही पशु को गाभिन कराएं. 
  • भैंस को मुर्राह नस्ल के नर से या नजदीकी केन्द्र पर कृत्रिम गर्भाधान कराएं. 
  • भैंस बच्चा देने के 60-70 दिन बाद दोबारा हीट में ना आए तो फौरन ही जांच कराएं. 
  • गाय-भैंस को जल्दी हीट में लाने के लिए मिनरल मिक्च्र जरूर खिलाएं. 
  • पशुओं को बाहरी कीड़ों से बचाने के लिए समय-समय पर दवाई का छिड़काव कराएं. 
  • दुधारू पशुओं को थैनेला रोग से बचाने के लिए डाक्टर की सलाह लें. 
  • पशुओं को पेट के कीड़ों से बचाने के लिए डॉक्टर की सलाह पर दवाई दें.
  • ज्यादा हरे चारे के लिए बरसीम की बीएल10, बीएल22 और बीएल42 की बिजाई अक्टू‍बर में कर दें. 
  • बरसीम का ज्यादा चारा लेने के लिए सरसों की चाइनीज कैबिज या जई मिलाकर बिजाई करें.
  • बरसीम के साथ राई मिलाकर बिजाई करने से चारे की पौष्टिकता और उपज दोनों ही बढ़ती हैं.
  • बरसीम की बिजाई नए खेत में कर रहे हैं तो पहले राइजोबियम कल्चर उपचारित जरूर कर लें.
  • जई का ज्यादा चारा लेने के लिए ओएस6, ओएल9 और कैन्ट की बिजाई अक्टूबर में कर लें.

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