पशुओं से अच्छे दूध उत्पादन के लिए करें चारे का यूरिया उपचार, जानें क्या है विधि पशुओं से अच्छे दूध उत्पादन के लिए करें चारे का यूरिया उपचार, जानें क्या है विधि
उपचार से पैरा यानी चारे की पौष्टिकता बढ़ती है और चारा मुलायम, स्वादिष्ट के साथ प्रोटीन से भरपूर हो जाता है. इतना ही नहीं चारे में ऑक्सलेट की मात्रा भी कम हो जाती है.
पशुओं के चारे को ऐसे करें उपचारितप्राची वत्स - Noida,
- Jun 27, 2024,
- Updated Jun 27, 2024, 12:55 PM IST
पशुओं से दूध उत्पादन अच्छा प्राप्त करने के लिए हरे चारे और पशु आहार की आवश्यकता होती है. लेकिन हरा चारा हमेशा उपलब्ध नहीं होता और पशु आहार महंगा होने के कारण हर किसान इसका उपयोग नहीं कर पाते हैं. जिस वजह से दूध उत्पादन में गिरावट देखि जाती है. वहीं धान का भूसा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. लेकिन यह बहुत कठोर, स्वादहीन, अपचनीय और कम प्रोटीन वाला होता है. इसमें ऑक्सालेट भी अधिक मात्रा में होता है. जो शरीर में कैल्शियम के साथ मिलकर कैल्शियम ऑक्सालेट बनाता है और शरीर से बाहर निकल जाता है, जिससे पशुओं में कैल्शियम की कमी हो जाती है और पशु कई बीमारियों से ग्रसित हो जाता है. ऐसे में जरूरी है कि इसे उपचारित कर पशुओं को खिलाया जाए. आइए जानते हैं क्या है चारा को उपचारित करने कि विधि.
चारा को उपचार की जरूरत
उपचार से पैरा यानी चारे की पौष्टिकता बढ़ती है और चारा मुलायम, स्वादिष्ट के साथ प्रोटीन से भरपूर हो जाता है. इतना ही नहीं चारे में ऑक्सलेट की मात्रा भी कम हो जाती है.
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क्या है उपचारित करने की विधि
- 1 क्विंटल चारा को 6 इंच की परत के रूप में जमीन पर फैला दें.
- 4 किलो यूरिया को 50 लीटर पानी में अच्छी तरह घोलकर छलनी की सहायता से चारे के ऊपर छिड़काव करें.
- इसके बाद, फिर से 1 क्विंटल चारा को पहले से फैले चारे के ऊपर परत के रूप में डालें और फिर से 4 किलो यूरिया को 50 लीटर पानी में घोलकर छलनी की सहायता से छिड़काव करें.
- इस प्रकार यूरिया घोल का छिड़काव करने से एक बार में 5-10 क्विंटल पैरा तैयार हो जाता है.
- चारे के इस ढेर को पॉलीथीन शीट से अच्छी तरह ढक दें ताकि अंदर की गैस बाहर न निकले. इसे 20 दिन के लिए छोड़ दें.
- 20 दिन बाद यह चारा पशुओं को खिलाने के लिए तैयार हो जाएगा.
उपचारित भूसा खिलाने के फायदे
- पशु उपचारित भूसा बड़े चाव से खाते हैं.
- उपचारित भूसा खिलाने से पशु तेजी से बढ़ते हैं.
- उपचारित भूसा खिलाने से पशु के आहार में अनाज की मात्रा कम हो जाती है, जिससे किसान का पैसा बचता है.
- एक बार तैयार हो जाने पर उपचारित चारा को लम्बे समय तक भंडारित किया जा सकता है.