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Dairy Milk: आने वाले वक्त में सरप्लस होगा 10 करोड़ टन दूध, फायदा उठाने को करने होंगे ये 13 काम

Dairy Milk: आने वाले वक्त में सरप्लस होगा 10 करोड़ टन दूध, फायदा उठाने को करने होंगे ये 13 काम

दूध उत्पादन के मामले में भारत दुनिया में नंबर वन पर है. लगातार दूध उत्पादन बढ़ रहा है. डेयरी एक्सपर्ट का कहना है कि आने वाले वक्त में दूध सरप्लस हो जाएगा. ये एक परेशानी है तो दूसरी ओर मौका भी है. लेकिन इस मौके का फायदा तभी उठाया जा सकता है जब हम डेयरी प्रोडक्ट के एक्सपोर्ट पर ध्यान दें. 

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डेयरी उद्योग (सांकेतिक तस्वीर) डेयरी उद्योग (सांकेतिक तस्वीर)

हाल ही में मुम्बई में हुए एक कार्यक्रम के दौरान डेयरी एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने और इंटरनेशनल मार्केट में जगह बनाने के टारगेट को ध्यान में रखते हुए रणनीतिक प्राथमिकताओं और सिफारिशों पर चर्चा की गई. डेयरी प्रोडक्ट एक्सपोर्ट कैसे बढ़ेगा इस संबंध में इंडियन डेयरी एसोसिएशन (IDA) के प्रेसिडेंट डॉ. आरएस सोढ़ी ने कई अहम बिन्दुओं पर जानकारी साझा की. उनका कहना है कि आने वाला वक्त डेयरी सेक्टर के लिए चुनौतियों से भरा हुआ भी है और एक तरह से मौके लेकर भी आ रहा है. जरूरत है इस वक्त को हम किस नजर से देखते हैं. 

आज हम दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादक देश हैं. भारत दुनिया के कुल दूध उत्पादन में 24 फीसद का हिस्सेदार है. लेकिन अफसोस की बात ये है कि विश्व डेयरी निर्यात में हमारी हिस्सेदारी सिर्फ 0.25 फीसद है. जबकि देश का अकेला डेयरी सेक्टर लगातार लाखों लोगों रोजगार दे रहा है. पोषण को बढ़ावा दे रहा है. देश की कृषि अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन अभी भी जरूरत है कि डेयरी एक्सपोर्ट को बढ़ाया जाए. 

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25 साल में 10 करोड़ टन दूध होगा सरप्लस

डॉ. आरएस सोढ़ी का कहना है कि एक अनुमान के मुताबिक आने वाले 25 साल में करीब 10 करोड़ टन दूध देश में सरप्लस होगा. जिसकी कीमत करीब चार से पांच हजार करोड़ डॉलर होगी. लेकिन ये हमारे लिए चुनौती के साथ ही मार्केट को और बढ़ाने का अच्छा मौका है. लेकिन डेयरी प्रोडक्ट की अच्छी कीमत पाने और इस मौके का फायदा उठाने के लिए जरूरी है कि हम एक्सपोर्ट को बढ़ाने वाली रणनीतियों पर काम करें. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि कुछ चीजों पर हमे अभी से काम करना होगा. 

ये काम किए तो बढ़ेगा डेयरी प्रोडक्ट एक्सपोर्ट

  • डेयरी प्लांट के उच्च मानकों को बनाए रखना. 
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्रों की कमी को दूर करना. 
  • यूरोपीय संघ और यूएसडीए से प्रमाण पत्र लेने में कुछ रुकावटें बनी हुई हैं. 
  • प्रमाण पत्र हासिल करने की प्रक्रिया में तेजी लाने से यूरोप, उत्तरी अमेरिका और उससे आगे के प्रीमियम बाजारों तक पहुंच हो जाएगी. 
  • डेयरी निर्यात को बढ़ाने के लिए भारत की कोल्ड चेन लॉजिस्टिक्स में बड़े बदलाव की जरूरत है. 
  • रेफ्रिजरेटेट ट्रांसपोर्ट, कुशल सीपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम तैयार करना होगा. 
  •  सीमा शुल्क प्रक्रियाओं में निवेश से लागत कम करने और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी. 
  • डेयरी निर्यात में सिर्फ कच्चे दूध पाउडर की निभर्रता से  काम नहीं होगा. 
  • पनीर, दही और लैक्टोज फ्री दूध जैसे वैल्यू एडेड प्रोडक्ट पर फोकस करना होगा. 
  • भैंस के दूध से बने घी, मोजेरेला चीज इंडियन डेयरी को प्रीमियम वैश्विक ब्रांड के रूप में स्थापित कर सकते हैं. 
  • डेयरी आयातक देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) टैरिफ को कम कर नए बाजार खोल सकते हैं.
  • नए बाजार के लिए मध्य पूर्व, अफ्रीका और आसियान जैसे क्षेत्रों में बहुत मौके हैं. 
  • डेयरी क्षेत्र के लिए ब्याज सब्सिडी, कर छूट और निर्यात प्रोत्साहन योजनाएं एक्सपोर्ट को बढ़ावा दे सकते हैं. 

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ये है डेयरी का फ्यूचर 

डॉ. आरएस सोढ़ी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत का डेयरी एक्सपोर्ट 67580 मीट्रिक टन रहा था. इसकी कुल कीमत 2300 करोड़ रुपये थी. यह वैश्विक डेयरी निर्यात बाजार का एक हिस्सा है. लेकिन इसी वक्त में डेयरी एक्सपोर्ट 1007 अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया. भविष्य को देखते हुए, वैश्विक डेयरी साल 2030 तक 30 फीसद और 2047 तक 45 फीसद बढ़ने का अनुमान है.