A2 Ghee Issue: सोशल मीडिया पर बढ़ रही है A1-A2 दूध-घी की बहस, फैट नहीं पाचन से जुड़ा है मामला

A2 Ghee Issue: सोशल मीडिया पर बढ़ रही है A1-A2 दूध-घी की बहस, फैट नहीं पाचन से जुड़ा है मामला

A2 Ghee Issue सोशल मीडिया से लेकर ई-कॉमर्स प्लेटफार्म तक A2 दूध से बने घी की खूब चर्चा हो रही है. ब्रांड छोटा हो या बड़ा सभी अपने घी को A2 दूध से बना बताकर बेच रहे हैं. बीते कुछ वक्त से देश ही नहीं विदेशी बाजार में भी Al-A2 दूध को लेकर बहस जारी है. फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) भी इस मामले में आदेश जारी कर उसे वापस ले चुके हैं.  

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A2 Ghee Issue: सोशल मीडिया पर बढ़ रही है A1-A2 दूध-घी की बहस, फैट नहीं पाचन से जुड़ा है मामलाएफएसएसएआई ने ए2 और ए2 के नाम से घी-मक्खन बेचने पर रोक लगा दी है.

अगर आपने सोशल मीडिया पर देखा और पढ़ा हो तो आजकल A1-A2 के नाम से दूध-घी बेचा जा रहा है. खास बात ये है कि इस नाम वाले घी को सामान्य घी के मुकाबले ऊंचे दाम पर बेचा जा रहा है. वहीं कुछ लोग इसे लेकर लम्बी-चौड़ी बहस भी कर रहे हैं. उनका दावा है कि ये सिर्फ एक भ्रामक प्रचार है. जबकि A2 के नाम से दूध-घी बेचने वाले इसके फायदे गिनाते हैं. फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) खुद साल 2024 में A2 नाम से घी बेचने पर रोक लगा चुकी है. हालांकि कुछ दिनों बाद ही अपने ही आदेश को FSSAI ने वापस ले लिया था. 

इंडियन डेयरी एसोसिएशन (IDA) के प्रेसिडेंट और अमूल के पूर्व एमडी डॉ. आरएस सोढ़ी भी इस इश्यू को साफ कर चुके हैं. डेयरी एक्सपर्ट का कहना है कि Al और A2 बीटा-केसिन दोनों गाय के दूध में पाया जाता है. A2 दूध खासतौर पर देसी नस्ल की गायों का होता है. लेकिन Al और A2 दूध सिर्फ पाचन क्रिया से जुड़ा हुआ है. A2 दूध पचाने में आसान माना जाता है. इसीलिए A2 का घी से कोई संबंध नहीं है.  

Al-A2 दूध-घी की बहस के ये हैं फैक्ट 

  • ई-कॉमर्स प्लेटफार्म और सोशल मीडिया पर A2 के नाम से घी-मक्खन बेचा जा रहा है.
  • बेचने वाले लोग दावा करते हैं कि ये देसी गाय के A2 दूध से बना है. 
  • ऐसे घी का रेट दो हजार रुपये किलो से तीन हजार रुपये किलो तक होता है. 
  • घी ही नहीं और भी डेयरी प्रोडक्ट A2 दूध से बने होने का दावा कर बेचे जा रहे हैं. 
  • 2024 में फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने A2 के प्रचार पर रोक लगा दी थी. 
  • FSSAI प्रमाणपत्र के आधार पर A1 और A2 के नाम से दूध और दूध से बने प्रोडक्ट बेचे जा रहे हैं.
  •  A2 के नाम से बाजार में घी, मक्खन, दही आदि की बिक्री की जा रही है. 
  • एक्सपर्ट का कहना है कि A1 और A2 दूध का संबंध प्रोटीन (बीटा केसिन) से है. 
  • दूध और दूध से बने फैट वाले उत्पादों पर A2 का दावा भ्रामक (गलत) है. 
  • ये FSSAI अधिनियम, 2006 और उसके तहत बनाए गए रेग्यूलेशन के प्रावधानों के अनुरूप नहीं है.
  • FSSAI की ओर से दूध के मानकों में A1-A2 दूध में कोई भी भेदभाव नहीं किया है और ना मान्यता दी है.

A2 बीटा केसिन का फैट नहीं प्रोटीन से है संबंध 

  1. गाय और भैंस के दूध में मौजूद प्रोटीन में कुछ हिस्सा बीटा केसिन होता है. 
  2. दूध में मौजूद बीटा केसिन दो तरह का होता है. 
  3. जो बीटा केसिन गाय के दूध में होता है वो आसानी से हजम (पच) हो जाता है. 
  4. भैंस का दूध हजम करने में कुछ लोगों को परेशानी हो सकती है. 
  5. आसानी से हजम होने वाला बीटा केसिन खासतौर पर देसी नस्ल की गाय में होता है.
  6. साहीवाल, गिर, राठी आदि गाय में आसानी से हजम होने वाला बीटा केसिन पाया जाता है. 

निष्कर्ष- 

IDA A2 दूध से जुड़े स्वास्थ्य दावों को मान्य करने के लिए साइंटीफिक रिसर्च का समर्थन करती है. उपभोक्ताओं को स्पष्ट, तथ्यात्मक जानकारी दी जानी चाहिए, जिससे वो प्रचार के बजाय विश्वसनीय वैज्ञानिक आधार पर विकल्प बना सकें.

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