भैंस और कुत्ते का प्रतीकात्मक फोटो.Rabies Case भरुच, गुजरात के एक गांव से चौंकाने वाला मामला सामने आया है. हुआ ये है कि एक भैंस की मौत के बाद से गांव में हड़कंप मच गया है. ये वो लोग हैं जिन्होंने उस भैंस का दूध पिया है. अभी तक गांव के 38 लोग डॉक्टर के पास जा चुके हैं. डॉक्टर से वैक्सीन लगवा रहे हैं. गांव वालों का कहना है कि एक कुत्ते के काटने के बाद इस भैंस की मौत हुई है. भैंस को रेबीज हो गया था. अब सभी गांव वाले डरे हुए हैं.
इस बारे में जब किसान तक ने एनिमल एक्सपर्ट से बात की तो उन्होंने कई ऐसी बातें बताई हैं जिससे ऐसी घटनाओं का रोका जा सकता है. एक्सपर्ट का कहना है कि कुत्ते काटने की घटना के बाद इलाज के साथ ही जागरुकता भी बहुत जरूरी है. एक आंकड़े के मुताबिक दुनिया में रेबीज से होने वाली कुल मौत के आंकड़े में से 35 फीसद मौत भारत में होती हैं.
डॉ. अधिराज मिश्रा, असिस्टेंट कमिश्नर, एनिमल हसबेंडरी ने किसान तक को बताया कि रेबीज होने की सबसे ज्यादा आशंका संक्रमित पशु के स्लाइवा (लार) से होती है. लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि उस संक्रमित पशु के प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से रेबीज नहीं होगा. जैसे गाय-भैंस का दूध, भेड़-बकरी का दूध और मीट आदि. हालांकि कुछ लोग ये सलाह देते हैं कि दूध को अच्छी तरह से उबाल कर पिएं, मीट है तो उसे तेज आंच पर अच्छी तरह से पका लें. हालांकि ऐसा करने से वैक्टीरिया के खत्म हो जाने की ज्यादा उम्मीद रहती है. लेकिन इसमे भी वैक्टीरिया के रह जाने की गुंजाइश से इंकार नहीं किया जा सकता है.
और रेबीज जिस तरह की बीमारी है तो उसमे रिस्क लेने की रत्तीभर की भी गूंजाइश नहीं है. क्योंकि एक तो ये कि संक्रमित पशु का प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से दूध-मीट पीने और खाने वाला इंसान भी संक्रमित हो चुका है इसका पता छह महीने से लेकर डेढ़ साल में जाकर पता चलता है. अगर किसी को ये पता चल जाता है कि उसने जिस पशु का दूध-मीट इस्तेमाल किया है और वो रेबीज संक्रमित है तो फौरन डॉ. से मशविरा कर वैक्सीन लगवाए.
डॉ. अधिराज मिश्रा ने बताया कि जिस पशु को कुत्ते ने काटा है उसे फौरन दूसरे पशुओं से अलग रखना शुरू कर दें. पशु की डॉक्टर से जांच करवा लें. जब ये पता चल जाएं कि पशु रेबीज से संक्रमित हो चुका है तो उसके नजदीक न जाएं. खाना-पीना भी दूर से ही दें. पशु को एंटी रेबीज की वैक्सीन लगवाएं.
ये भी पढ़ें- Poultry Feed: पोल्ट्री फार्मर का बड़ा सवाल, विकसित भारत में मुर्गियों को फीड कैसे मिलेगा
ये भी पढ़ें- Poultry Board: पशुपालन मंत्री और PFI ने पोल्ट्री फार्मर के लिए की दो बड़ी घोषणाएं, पढ़ें डिटेल
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today