राजस्थान के बाड़मेर में सूअरों के आतंक से परेशान किसानों का मुद्दा जिला परिषद की साधारण सभा में जबरदस्त तरीके से उठा. धनाऊ प्रधान शम्मा बानो ने जब इस मुद्दे को बैठक में उठाया तो हर किसी ने उनकी बात का समर्थन किया कि सूअर किसानों के खेत बर्बाद करने के साथ मवेशियों और लोगों पर हमला भी कर रहे हैं. किसानों को इन सूअरों से कैसे निजात मिलेगी. इस पर डीएफओ सविता दहिया ने कहा कि पंजाब और हरियाणा से सूअर यहां छोड़ देते हैं. हम यहां से पकड़कर पाकिस्तान छोड़ सकते हैं और क्या कर सकते हैं? इसी बीच जिला कलेक्टर टीना डाबी ने कहा कि सूअरों का हम ऑक्शन करवाएंगे.
दरअसल, जिला परिषद की बैठक में जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी, सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल, शिव विधायक रविंद्रसिंह भाटी समेत जिला परिषद सदस्य, जिला कलक्टर समेत अलग-अलग विभागों के अधिकारी मौजूद थे. इस दौरान धनाऊ प्रधान शम्मा बानो ने सूअरों से परेशान किसानों की बात रखी.
शम्मा बानो ने कहा कि सेड़वा, चौहटन कस्बों समेत पूरे जिले में इन दिनों सूअरों का आतंक है. आलम यह है कि सूअर किसानों के खेतों में खड़ी करोड़ों की फसलों को बर्बाद कर रहे हैं. किसानों के मवेशियों को खा रहे हैं. सूअरों ने कई बार इंसानों पर भी हमला किया है. प्रधान शम्मा बानो ने कहा कि सांसद, जिला प्रमुख, प्रशासन के अधिकारी यहां बैठे हैं. इस समस्या का कुछ समाधान करवाएं. एसएफसी और एफएफसी स्कीम में इसका कोई प्लान तैयार करें जिससे सरपंच अपने स्तर पर इस समस्या का कुछ समाधान कर सकें.
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प्रधान शम्मा बानो के जवाब में डीएफओ सविता दहिया ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के सूअरों की यहां छोड़ दिया जाता है. हम यहां से पकड़कर पाकिस्तान छोड़ सकते हैं और क्या कर सकते हैं? डीएफओ सविता दहिया में प्रधान के जवाब ने कहा कि जवाब सुनकर जिला कलक्टर टीना डाबी ने कमान संभाली. कलेक्टर टीना डाबी ने कहा कि 'मुझे यहां आए करीब एक महीना हुआ है. कई इलाकों के ग्रामीण और किसान आकर मुझसे शिकायत कर चुके हैं. कहीं सूअरों ने मवेशियों के बच्चों तो कहीं लोगों पर अटैक भी किया है. कलेक्टर टीना डाबी ने कहा कि हम इसके लिए अखबार में विज्ञापन देकर कहेंगे कि अगर किसी के हैं तो वो ले जाएं. वरना, सूअरों का ऑक्शन करवा देंगे. यह सब विकास अधिकारी के मार्फत होगा.
राजस्थान की तरह देश के अन्य राज्य भी हैं जहां जंगली जानवर फसलों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं. इसमें नीलगाय, घोड़परास और जंगली सू्अरों के नाम प्रमुख हैं. ये छुट्टा जानवर रात को सुनसान समय में खेतों में हमला बोलते हैं और फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं. ये जानवर फसलों को चरने के अलावा रौंद कर पूरी तरह से नष्ट कर देते हैं. इससे किसानों को भारी नुकसान होता है. इस नुकसान से छुटकारा पाने के लिए प्रशासन स्तर पर कई अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन सब व्यर्थ साबित हो रहे हैं. अब यह मुद्दा राजनीतिक भी बन गया है और यहां तक कि संसद में भी यह सवाल उठ चुका है.(दिनेश बोहरा की रिपोर्ट)
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