पिछले कुछ सालों से हमारे देश में डेयरी फार्मिंग करने वाले लोग खूब हो गए हैं. आर्थिक आय को मजबूत करने के लिए भी डेयरी को अच्छा कारोबार माना जाता है. वहीं कुछ ऐसे भी लोग मिले जिन्होंने बताया कि डेयरी फार्मिंग करके भी उनकी अच्छी कमाई नहीं हो पाई है. दरअसल किसी भी व्यापार को करने से पहले उसके बारे में अच्छी रिसर्च कर लेनी चाहिए. अगर आपको डेयरी फार्मिंग कर अच्छा पैसा कमाना है तो क्या करना है के साथ ये भी जानना चाहिए कि क्या नहीं करना चाहिए. अगर पिछले कई सालों से डेयरी खोलने के बावजूद भी अच्छी कमाई नहीं कर पाए हैं तो ये खबर आपके काम की है.
डेयरी से अच्छा पैसा कमाने के लिए उसके बारे में अच्छी जानकारी लेनी चाहिए. कुछ लोग शेड बनाते हैं. नया बच्चा देने वाली गाय-भैंस खरीदते हैं और दूध का व्यापार करने लगते हैं. कुछ समय तक पैसा भी कमा लेते हैं लेकिन एक वक्त के बाद लाभ मिलना बंद हो जाता है. अगर आप पहले से ही डेयरी फार्मिंग करते आए हैं तो फौरन डेयरी में तीन बदलाव करें.
डेयरी खोलते हुए कोई भी पशु नहीं पालना चाहिए. गाय या भैंस पालने से पहले अच्छे दुधारू नस्ल के गाय भैंस के बारे में जानना चाहिए. डेयरी में हमेशा अच्छे और दुधारू पशु ही पालना चाहिए. भैंसों के लिए मुर्रा, जाफराबादी, मेहसाणा और सुरती नस्ल तो वहीं गायों के लिए गिर और साहिवाल नस्ल पालने की सलाह दी जाती है. इन नस्लों के अलावा जो भी पशु हैं उन्हें बदल दें.
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कुछ लोगों का मानना है कि पशुओं को जितना अधिक खिलाएंगे उतना ही अधिक दूध देंगी. बात भी कुछ हद तक सही है लेकिन खाना देने का तरीका जान लेते हैं. पशुओं को संतुलित आहार और सही समय पर ही भोजन दें तभी फायदा होगा. पशुओं को हरा चारा, सूखा चारा, सरसों या मूंगफली की खली दें. प्रति पशु 2-4 किलो अनाज देना भी जरूरी है. दलिया, चूनी या चोकर के रूप में अनाज दें. खाना देने का रोज का टाइम सेम होना चाहिए. 23 घंटे में तीन बार खाना दें. साफ और ताजा पानी भरपूर पिलाएं.
लंबे समय से डेयरी खोलकर पैसे ना कमाने वाले पशुओं के स्वास्थ्य की भी जानकारी लें. समय-समय पर पशु चिकित्सकों से जांच कराएं और जरूरी टीके लगवाते रहें. इन सब के साथ ही अगर आपका पशु बीमार है तो उसको अलग बांधने की भी व्यवस्था करें. इन सब के अलावा पशुओं की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए महीने में कम से कम 2 बार सरसों का तेल पिलाएं.
पशु खरीदते समय अच्छी नस्ल चुनें. खानपान के बारे में जानें और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं. इन सब के साथ पशुओं का रखरखाव भी बहुत जरूरी है. पशुओं को बांधने वाले बाड़े की साफ-सफाई बहुत जरूरी है. उसमें किसी भी तरह का गंदा पानी या गोबर नहीं जमा होना चाहिए. पशुओं को ठंड के दिनों में सर्द हवाओं से बचाने के लिए शेड की मरम्मत करना भी जरूरी है.
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