Silage Fodder: बाढ़ और बरसात में पशुओं के लिए काम आ रहा सिर्फ ये चारा, पढ़ें डिटेल 

Silage Fodder: बाढ़ और बरसात में पशुओं के लिए काम आ रहा सिर्फ ये चारा, पढ़ें डिटेल 

Green Fodder Silage एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो किसान और पशुपालक एक छोटी सी ट्रेनिंग के बाद अपने पशुओं को पूरे साल सस्ता हरा चारा खिलाने के साथ ही उसकी बिक्री भी कर सकते हैं. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मथुरा इसकी ट्रेनिंग दे रहा है. इस ट्रेनिंग के बाद हम घर पर ही हे और साइलेज बनाकर चारे की कमी को पूरा कर सकते हैं.

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Silage Fodder: बाढ़ और बरसात में पशुओं के लिए काम आ रहा सिर्फ ये चारा, पढ़ें डिटेल साइलेज चारा

वैसे तो देश में लगातार हरे और सूखे चारे की कमी बनी हुई है. लेकिन बरसात और बाढ़ के दौरान चारे की कमी और बड़ी हो जाती है. इस दौरान हरा चारा होता तो खूब है, लेकिन उसे सीधे तौर पर पशुओं को खि‍लाया नहीं जा सकता है. क्योंकि चारा दूषि‍त हो जाता है. अभी पंजाब में बाढ़ ने हालात को बद से बद्तर बना दिए हैं. ऐसे में पशु यानि गाय-भैंस, भेड़-बकरी भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं. सबसे बड़ा संकट चारे का है. क्योंकि पशुओं के लिए दो वक्त नहीं तो कम से कम एक वक्त तो हरा चारा खाने को चाहिए ही चाहिए. 

ऐसे वक्त में पंजाब के पशुपालकों की परेशानी को काफी हद तक साइलेज दूर कर रहा है. सिर्फ साइलेज ही ऐसा चारा है जो पशुपालकों तक आसानी से पहुंच भी रहा है और पशु उसे आराम से खा रहे हैं. अगर आम दिनों की बात करें तो साइलेज मुनाफा भी खूब करा रहा है. धीरे-धीरे ही सही, लेकिन साइलेज की डिमांड बढ़ रही है. अन्न फसल या चारे की फसल कटाई के दौरान उपज ज्यादा होने पर लोग साइलेज बनाकर रख रहे हैं और बाद में उसे अच्छे मुनाफे के साथ बेच रहे हैं.  

साइलेज बनाने का सही वक्त क्या होता है 

  • सावधानी बरतते हुए साइलेज और हे घर पर तैयार किया जा सकता है. 
  • बिना एक्सपर्ट सलाह-ट्रेनिंग के बनाया गया साइलेज-हे पशुओं को न खि‍लाएं. 
  • साइलेज बनाने के लिए उस हरे चारे की कटाई सुबह के वक्त कर लें जिसे साइलेज बनाना है. 
  • सुबह के वक्त कटाई करने करने से हमे दिन का वक्त उस चारे को सुखाने के लिए मिल जाएगा. साइलेज बनाने से पहले चारे के पत्तों को सुखाना जरूरी है. 
  • चारे को कभी भी जमीन पर सीधे ना सुखाएं. 
  • लोहे का कोई स्टैंड या किसी जाली पर रखकर ही हरे चारे को सुखाएं. 
  • चारे के छोटे-छोटे गठ्ठर बनाकर लटका कर भी चारे को सुखाया जा सकता है. 
  • जमीन पर चारा डालने से उसमे फंगस लगने के चांस ज्यादा रहते हैं. 
  • जब चारे में 15 से 18 फीसद नमी रह जाए तभी उसका साइलेज बनाएं. 
  • किसी भी हाल में पशुओं को फंगस लगा चारा खाने में ना दें. 

साइलेज के लिए किस तरह की फसल लेनी चाहिए 

  • साइलेज बनाने के लिए फसल का चुनाव करना भी बेहद जरूरी है. 
  • साइलेज बनाते वक्त ये देखें कि किस फसल के चारे में फंगस नहीं लगेगा. 
  • साइलेज बनाने के लिए हमेशा पतले तने वाली चारे की फसल का चुनाव करें. 
  • फसल को पकने से पहले ही तने को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें. 
  • उसके बाद उन्हें ऊपर बताए गए तरीके के मुताबिक सुखा लें. 
  • पतले तने वाली फसल जल्दी सूख जाती है. 
  • तने में नमी का पता तने को हाथ से तोड़कर लगाया जा सकता है. 

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