सऊदी अरब ने भारत से झींगा मछली और केकड़े के आयात पर रोक लगा दी है. एक नए फैसले में समुद्र से पकड़ी गई झींगा मछली और केकड़ों के भारत से आयात पर प्रतिबंध लगाया गया है. फ्रोजन झींगा की खेप में 'व्हाइट स्पॉट सिंड्रोम वायरस' (WSSV) पाए जाने के बाद सऊदी अरब ने यह कदम उठाया है. भारत से इन दोनों सीफूड का बहुतायत में निर्यात होता है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2022-23 में भारत से आठ अरब डॉलर का सीफूड निर्यात हो सकता है.
पिछले तीन साल से सीफूड के निर्यात में गिरावट थी क्योंकि कोरोना महामारी की मार हर क्षेत्र में देखी जा रही थी. अब हालात सामान्य हुए हैं तो सीफूड के निर्यात में भी तेजी देखी जा रही है. साल 2021-22 में भारत से 13,69,264 टन का सीफूड निर्यात किया गया था जो कि एक्सपोर्ट के लिहाज से रिकॉर्ड था. यह रिकॉर्ड इस साल टूटने की संभावना है क्योंकि सीफूड के एक्सपोर्ट में बड़ी तेजी देखी जा रही है.
इस बीच सऊदी अरब ने एक चौंकाने वाला फैसला लेते हुए भारत से झींगा मछली और केकड़े के आयात पर रोक लगा दी. सऊदी फूड एंड ड्रग्स अथॉरिटी ने इसका आदेश दिया है. यह प्रतिबंध तब तक जारी रहेगा जब तक भारत इन दोनों सीफूड की सेफ्टी की गारंटी नहीं देता. भारत को यह आश्वस्त करना होगा कि उसके सीफू़ड सऊदी की फिशरीज को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. भारत के इस आश्वासन के बाद ही सऊदी सीफूड का आयात शुरू करेगा. अगर भारत इस शर्त को पूरा करता है तो झींगा और केकड़े का निर्यात शुरू हो जाएगा.
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अब से पहले भी सऊदी झींगा मछली के आयात पर प्रतिबंध लगा चुका है. जनवरी 2017 में यह कदम उठाया गया था. हालांकि 2017 का प्रतिबंध केवल एक ही वेरायटी एल.वन्नामेई पर लगाया गया था. वन्नामेई व्हाइट लेग झींगा मछली है जिसकी बहुतायत में मांग रहती है. उस वक्त फ्रेश, चिल्ड और फ्रोजन झींगा मछली के आयात पर रोक लगाई गई थी. उस समय भी भारत के इन फूड प्रोडक्ट में व्हाइट स्पॉट सिंड्रोम वायरस पाया गया था. सूत्रों ने 'बिजनेसलाइन' को बताया कि एल. वन्नामेई पर प्रतिबंध अब भी जारी है.
सऊदी के इस प्रतिबंध का भारत के निर्यात पर क्या असर होगा? इसका जवाब देते हुए सीफूड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश फोफंदी कहते हैं, सऊदी अरब का बाजार मध्यम दर्जे का है और वह भारत के लिए सबसे बड़े बाजारों में शामिल नहीं है जहां सीफूड का निर्यात किया जाता है. इसलिए झींगा और केकड़े के आयात पर लगे प्रतिबंध का बहुत बड़ा असर नहीं होगा. अभी भारत और सऊदी की कुछ ही कंपनियां इस बिजनेस में शामिल हैं.
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एक्सपर्ट मानते हैं कि आगे चलकर भारत, सऊदी के लिए सीफूड के क्षेत्र में बड़ा बाजार हो सकता है अगर वह अपने मार्केट पूरी तरह से खोल दे. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि सऊदी में सीफूड के निर्यात के लिए बहुत कम और आसान प्रक्रियाओं का पालन करना होता है. इससे बिजनेस में आसानी होती है.
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