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दुधारू पशुओं को ज्यादा न खिलाएं धान के पुआल की कुट्टी, घट सकती है दूध की मात्रा

दुधारू पशुओं को ज्यादा न खिलाएं धान के पुआल की कुट्टी, घट सकती है दूध की मात्रा

धान का पुआल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. लेकिन यह काफी कड़ा, बेस्वाद, अपचनीय और कम प्रोटीन वाला होता है. इसमें ऑक्सलेट भी अधिक मात्रा में मौजूद होता है. जो शरीर के कैल्शियम के साथ मिलकर कैल्शियम ऑक्सालेट बनाता है और शरीर से बाहर निकल जाता है जिसके कारण पशुओं में कैल्शियम की कमी हो जाती है और पशु कई बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं.

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पशुओं को न खिलाएं धान का पुआल! पशुओं को न खिलाएं धान का पुआल!

पशुओं से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए हरे चारे और पशु आहार की आवश्यकता होती है. लेकिन हरा चारा हमेशा उपलब्ध नहीं होता है और पशु आहार की कीमत अधिक होने के कारण हर किसान इसका उपयोग नहीं कर पाता है. ऐसे में धान का पुआल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. लेकिन यह काफी कड़ा, बेस्वाद, अपचनीय और कम प्रोटीन वाला होता है. इसमें ऑक्सलेट भी अधिक मात्रा में मौजूद होता है. जो शरीर के कैल्शियम के साथ मिलकर कैल्शियम ऑक्सालेट बनाता है और शरीर से बाहर निकल जाता है जिसके कारण पशुओं में कैल्शियम की कमी हो जाती है और पशु कई बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं. ऐसे में पशुओं को धान के पुआल को खिलाने से पहले उसे यूरिया से उपचरित करना बहुत जरूरी है. 

पुआल को यूरिया से करें उपचारित

उपचार से पुआल की पौष्टिकता बढ़ जाती है और पुआल नरम, स्वादिष्ट के साथ प्रोटीन से भरपूर हो जाता है. साथ ही ऑक्सालेट की मात्रा भी कम हो जाती है. आइए जानते हैं इसको उपचारित करने का तरीका. 

  • 1 क्विंटल पुआल को 6 इंच की परत में जमीन पर फैला दें.
  • 4 किलो यूरिया को 50 लीटर पानी में अच्छी तरह घोल लें और छलनी की सहायता से पुआल के ऊपर डालें.
  • छिड़काव.
  • इसके बाद पहले से बिछाए गए पुआल पर 1 क्विंटल पुआल को भार के रूप में डालें और फिर से 4 किलो यूरिया को 50 लीटर पानी में घोलकर छलनी से छानकर छिड़काव करें.
  • इस प्रकार यूरिया के घोल का छिड़काव करके एक बार में 5-10 क्विंटल पुआल तैयार हो जाता है.
  • इस पुआल के ढेर को किसी पॉलिथीन शीट से अच्छी तरह ढक दें ताकि अंदर की गैस बाहर न निकले. इसे 20 दिनों के लिए छोड़ दें.
  • 20 दिनों के बाद यह पुआल जानवरों को खिलाने के लिए तैयार हो जाता है.

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उपचारित पुआल खिलाने के लाभ

  • उपचारित पुआल को पशु बड़े चाव से खाते हैं.
  • उपचारित पुआल खिलाने से पशुओं का विकास तेजी से होता है.
  • उपचारित पुआल खिलाने से पशु के आहार में अनाज की मात्रा कम की जा सकती है, जिससे किसान के पैसे की बचत होगी.
  • उपचारित पुआल को एक बार तैयार करने के बाद लंबे समय तक भंडारित किया जा सकता है.

पुआल खिलाने वक्त रखें सावधानी

  • उपचार के बाद पुआल के ढेर को पॉलिथीन से अच्छी तरह ढक देना चाहिए ताकि अंदर की गैसें बाहर न निकल सकें.
  • खिलाने से पहले भूसे को 10 मिनट तक खुली हवा में फैला देना चाहिए ताकि उसकी गैस निकल जाए.