
Ongole Cow Dairy Farming: ओंगोल गाय भारतीय मवेशियों की एक शुद्ध नस्ल है, जो आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले के ओंगोल गांव से उत्पन्न हुई है. वहीं ओंगोल नस्ल के मवेशी ज्यादातर आंध्र प्रदेश के चित्तूर, कुरनूल, चड्डाफ, अनंतपुर, नलगोंडा, महबूबनगर और खम्मम जिले में पाए जाते हैं. यह प्रजाति एक समय तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में बहुत लोकप्रिय थी. इस प्रजाति के बैलों का उपयोग विशेष रूप से जल्लीकट्टू खेल के लिए किया जाता था. वहीं इस नस्ल का नाम उस स्थान से लिया गया है जहां से इसकी उत्पत्ति हुई है. ओंगोल मवेशी अपने बैलों के लिए प्रसिद्ध हैं. परंपरागत रूप से, ओंगोल नस्ल की गाय और बैल को स्थानीय किसानों द्वारा पाला जाता है. इस नस्ल के मवेशी सफेद रंग के होते हैं. बैल व सांड गाय से बड़े और मोटे होते हैं. इस गाय की गर्दन गहरे भूरे रंग की होती है और सिर बड़ा होता है.
इस नस्ल की गायों का माथा बड़ा, चौड़ा और मोटा होता है और आंखें बड़ी और काली होती हैं. इस नस्ल के कान बड़े और नुकीले और अंदर से गहरे भूरे रंग के होते हैं. इस नस्ल के सींग आधार पर मध्यम से मोटे और मोटे होते हैं. सींग पीछे की ओर मुड़े हुए और सिरे पर नुकीले होते हैं. गाय के सींग पतले होते हैं और अक्सर सिरे पर थोड़े अंदर की ओर मुड़े होते हैं. सींगों का रंग काला होता है. मवेशियों की इस नस्ल का उपयोग भारत के बाहर पूर्वी अफ्रीका और मैक्सिको में सांडों की लड़ाई के लिए व्यापक रूप से किया जाता है. अगर दूध देने की क्षमता की बात करें तो इस नस्ल की गाय एक ब्यांत में औसतन 800 लीटर तक दूध देती है. ऐसे में आइए ओंगोल गाय की पहचान और विशेषताएं जानते हैं-
• ओंगोल नस्ल के मवेशी बड़े आकार के होते हैं.
• मवेशियों की इस नस्ल के पैर लंबे होते हैं और खुर काले रंग के होते हैं.
• मवेशियों के घुटने भी काले होते हैं.
• पूंछ मध्यम लंबाई की और सिरा लंबा, काला और गुच्छेदार होता है.
• बैलों का वजन 400-500 किलोग्राम तक होता है और गायों का वजन 350 से 400 किलोग्राम तक होता है. लोकप्रिय रंग सफेद है. नर के सिर और गर्दन पर गहरे भूरे रंग के निशान होते हैं.
• गायों में शरीर की औसत लंबाई 140 सेमी होती है.
• गायें अच्छी दूध देने वाली होती हैं.
• प्रथम ब्यांत की औसत आयु 3.5-4 वर्ष होती है.
• इस नस्ल के बैल आमतौर पर विनम्र होते हैं और भारी काम यानी जुताई और गाड़ी चलाने के लिए उपयुक्त होते हैं.
• गाय के दूध में औसतन 3.79 प्रतिशत फैट पाया जाता है.
अगर ओंगोल नस्ल की गाय को होने वाली बीमारियों की बात करें तो पाचन प्रणाली की बीमारियां, जैसे- सादी बदहजमी, तेजाबी बदहजमी, खारी बदहजमी, कब्ज, अफारे, मोक/मरोड़/खूनी दस्त और पीलिया आदि होने की आशंका रहती है. रोगों की बात करें तो तिल्ली का रोग (एंथ्रैक्स), एनाप्लाज़मोसिस, अनीमिया, मुंह-खुर रोग, मैगनीशियम की कमी, सिक्के का जहर, रिंडरपेस्ट (शीतला माता), ब्लैक क्वार्टर, निमोनिया, डायरिया, थनैला रोग, पैरों का गलना, और दाद आदि होने की आशंका होती है.
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