Number-1 Bull: यमुना की बाढ़ में फंसने के बाद मशहूर हुआ नोएडा का प्रीतम नंदी, जानें क्यों इसे कहा गया है देश का नंबर-1 बुल

Number-1 Bull: यमुना की बाढ़ में फंसने के बाद मशहूर हुआ नोएडा का प्रीतम नंदी, जानें क्यों इसे कहा गया है देश का नंबर-1 बुल

बुफैलो और काऊ रिसर्च सेंटर हिसार, हरियाणा और मेरठ यूपी में बड़ी संख्या में ऐसे बुल हैं जिनका सीमेन देश के अलग-अलग राज्यों  में भेजा जाता है. पशु नस्ल सुधार कार्यक्रम के तहत सीधे किसानों को भी सीमेन की एक स्ट्रा 30 रुपये की दी जाती है. इसे आर्टिफिशल इंसेमीनेशन भी कहा जाता है. 

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Number-1 Bull: यमुना की बाढ़ में फंसने के बाद मशहूर हुआ नोएडा का प्रीतम नंदी, जानें क्यों इसे कहा गया है देश का नंबर-1 बुलजब पानी में फंसा नंदी प्रीतम. फोटो क्रेडिट-एनडीआरएफ.

हाल ही में यमुना के पानी में एक नंदी (बुल) फंस गया था. ये नंदी नोएडा की हिंड राइज गौशाला का था. किसी तरह से NDRF की टीम ने इस नंदी को पानी के बीच से रेस्क्यू किया था. इस नंदी का नाम प्रीतम बताया गया है. गौशाला के संचालक नरेन्द्र कुमार का दावा है कि प्रीतम देश का नंबर बुल है. इसकी कीमत एक करोड़ रुपये तक लग चुकी है. अब सवाल ये है कि आखिर प्रीतम को देश का नंबर वन बुल क्यों कहा जा रहा है. क्यों प्रीतम की कीमत एक करोड़ रुपये तक लग चुकी है. इस बारे में किसान तक ने एनीमल एक्सपर्ट से बात की तो उन्होंने बताया कि किस आधार पर एक बैल को या फिर भैंस को नंबर वन और नंबर दो घोषित किया जाता है. 

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नरेन्द्र इसलिए बता रहे हैं प्रीतम को नंबर वन एक करोड़ी 

नरेन्द्र कुमार ने किसान तक से बात करते हुए बताया कि नंदी प्रीतम गुजरात के एक अच्छे परिवार से है. इसके दादा गुजरात के जाने-पहचाने गोंडालियो बुल के नाम से मशहूर थे. इसकी मां ने भी तीसरी ब्यात (बच्चा् देना) में कुल दुग्धमकाल में 57 सौ लीटर दूध दिया था. प्रीतम की एक सबसे बड़ी खासियत ये भी है कि इसके संपर्क से जितने भी बच्चे पैदा होते हैं उसमे से 80 फीसद बछिया होती हैं. जबकि दूसरे बुल में ये अनुपात बहुत ही कम है. हमारे प्रीतम का एक करोड़ दाम लग चुका है. हम दूसरे गोपालकों को प्रीतम की सेवाएं फ्री देते हैं. उसका हम कोई चार्ज नहीं लेते हैं. 

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एनीमल एक्सपर्ट बोले, पशु का ये रिकॉर्ड बनाता है उसे नंबर वन

एनीमल साइंटिस्ट डॉ. गोपाल दास ने किसान तक को बताया कि पशु गाय-भैंस हो या फिर भेड़-बकरी उसका एक रिकॉर्ड रखा जाता है. यही रिकॉर्ड बताता है कि वो किस नस्ल और परिवार से है. परिवार की हिस्ट्री ही बताती है कि सामने खड़े पशु की क्वालिटी की है. रिकॉर्ड कुछ इस तरह से तैयार किया जाता है, जैसे हमारे सामने खड़े पशु की मां, दादी, पिता और भाई कौन है. मां-बाप किस नस्ल  के थे. मां की हैल्थ कैसी थी. उसका वजन कितना था. पहली बार किस उम्र में बच्चा दिया था. उसने कितने बछड़े और कितनी बछिया दी थीं. पहली, दूसरी और तीसरी ब्यात के बाद दूध कितना दिया था. 

अगर उसके पिता की बात करें तो उसके संपर्क से कितनी बछिया पैदा हुईं. उसकी हैल्थ और उसका वजन कैसा था. उसकी खुराक कैसी थी. अगर बछड़ा पैदा हुआ तो एक से दो साल की उम्र पर उसका वजन कितना रहा. ये वो मानक हैं जो तय करते हैं कि पशु फिर वो चाहें मेल हो या फीमेल वो किस स्तर का है. 

 

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