मध्य प्रदेश सरकार पशुपालन को फायदे का सौदा बनाने जा रही है. इसके लिए प्रदेश में देशी नस्लों की गाय और भैंसों का कुनबा बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार एक विशेष तकनीक के जरिये प्रदेश में देशी भैंसों का कुनबा बढ़ाने जा रही है. जिससे सिर्फ फीमेल बफेलो कॉफ (मादा संतान) ही पैदा होगी. आइये जानते हैं कि ये तकनीक क्या है और मध्य प्रदेश सरकार की ये योजना क्या है.
मवेशियों की नर संतान को पैदा होने से रोकने के लिए सेक्स साॅर्टेड सीमन तकनीक का सहारा लिया जाएगा. खास तकनीक के इस्तेमाल राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम की तरफ से किया जाएगा. जिसके तहत निगम मदर बुल फार्म भोपाल में गायों के बाद भैंसों पर भी सेक्स साॅर्टेड सीमन तकनीक का परीक्षण करेगा. इससे भैंसों का कृत्रिम गर्भाधान किया जाएगा जिससे भैंस केवल मादा प्रजाति की पडिया (फीमेल बफेलो कॉक) को ही जन्म देंगी और नर संतान के पैदा होने पर रोक लगाया जा सकेगा.
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कुक्कुट विभाग के डॉक्टर एसवीएस भदौरिया ने बताया कि इस तरह के प्रयोग से पशुओं की नस्ल में सुधार देखा जाएगा. इससे नर संतानों के पैदा होने पर रोक लगाने के साथ साथ अपग्रेड नस्ल की भैंसों के दूध देने की क्षमता में खूब वृद्धि होगी. ये भैंसें दिन में 20 लीटर तक दूध दे सकेंगी. जिससे किसानों और दूध व्यापारियों की आर्थिक स्थिति के साथ साथ प्रदेश में श्वेत क्रांति को बढ़ावा मिलेगा.
डॉ भदौरिया ने आगे कहा कि ब्राजील ने भारत से देसी पशुओं की नस्ल को अपग्रेड करने के बाद उनसे 20-54 लीटर तक दूध निकालने का रिकार्ड बनाया है.
डॉ भदौरिया ने बताया कि ब्राजील की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी पशुओं के नस्ल सुधार की तैयारी शुरू हो गई है इसमें से सबसे पहले मुर्रा भैंस की नस्ल को अपग्रेड किया जाएगा. इसमें से दिन में लगभग 10 लीटर दूध देने वाली भैंसे 18-20 लीटर तक दूध देंगी इससे पशुपालन और दूध व्यापारियों की स्थिति में बड़ा बदलाव देखे जाने की उम्मीद जताई जा रही है.
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