दुनियाभर के लोगों के बीच कॉफी एक लोकप्रिय पेय पदार्थ है. भारत में भी कॉफी खूब पसंद की जाती है. साथ ही देश में कॉफी का उत्पादन भी बड़े पैमाने में किया जाता है. बीते साल देश के कई हिस्सों में हुई बेमौसम बारिश से फसलों को नुकसान हुआ है. जिसमें कॉपी की फसल भी है. बैमौसम बारिश की मार कॉफी की फसल पर पड़ी है. जिसके बाद कॉफी बोर्ड ने वर्ष 20022-23 के लिए भारतीय कॉफी फसल के उत्पादन के अनुमान को घटाकर 3.6 लाख टन कर दिया है. जो कि पहले 3.93 लाख टन के अनुमान से 8. 36 फीसदी कम है.
हालांकि 2021-22 की तुलना में अभी भी 2022-23 का उत्पाद अधिक रहने की संभावना है. मानसून के बाद से कॉफी उत्पादन के अनुमान में काफी गिरावट देखी गई है. आइए जानते हैं कहां कितना नुकसान आंका गया
भारत में कॉफी की प्रचलित किस्में अरेबिका उत्पादन 1.015 लाख टन होने की उम्मीद है,जो कि पहले 1.164 लाख टन होने की उम्मीद जताई जा रही थी. इसके अलावा रोबस्टा का उत्पादन 2.77 लाख टन के पहले के अनुमान से 6.50 प्रतिशत कम होकर 2.59 लाख टन रहने की उम्मीद है.
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कॉफी बोर्ड के सचिव और सीईओ केजी जगदीश ने कहा कि अंतिम अनुमान में अभी संशोधन हो सकता है क्योंकि बेमौसम बारिश ने कर्नाटक के कुछ प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में फसल को प्रभावित किया है. कर्नाटक में, अरेबिका का उत्पादन 15 प्रतिशत घटकर 72,945 टन रहने का अनुमान है. इसी तरह कर्नाटक में रोबस्टा उत्पादन में भी 9 प्रतिशत उत्पादन के कमी की आशंका है. वही बात करें कर्नाटक के कुल उत्पादन की तो वहां 2.85 लाख टन उत्पादन की संभावना थी जो कि लगभग 11 फीसदी की कमी होने के साथ कुल उत्पादन 2.54 लाख टन होने की संभावना जताई है.
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इसके साथ- साथ केरल में भी मानसून का प्रभाव पड़ने से कॉफी के उत्पादन के अनुमान में कमी देखी जा सकती है. केरल में, अरेबिका की फसल 2,060 टन का अनुमान था. जिसमें 3 प्रतिशत की कमी के साथ 2000 टन होने की संभावना है. तो वहीं रोबस्टास 71,750 टन के साथ मामूली गिरावट देखी गई है. इसके अलावा तमिलनाडु में भी कॉफी उत्पादन में कमी आंकी गई है. जहां तमिलनाडु में अरेबिका का उत्पादन में 4.15 प्रतिशत की कमी है तो वहीं रोबस्टा के उत्पादन में भी मामूली कमी देखी गई है.
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