Feed-Fodder: भैंस को दाना-चारा खिलाते वक्त रखें इन 16 बातों का ख्याल, पढ़ें CIRB की रिपोर्ट

Feed-Fodder: भैंस को दाना-चारा खिलाते वक्त रखें इन 16 बातों का ख्याल, पढ़ें CIRB की रिपोर्ट

सेंट्रल इंस्टी्ट्यूट ऑफ बफैलो रिसर्च सेंटर (सीआईआरबी), हिसार, हरियाणा ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि भैंस को कब और क्या खाने को देना चाहिए. भैंस की खुराक में हरा और सूखा चारा कितना हो. अगर दाना खिलाया जा रहा है तो उसकी मात्रा कितनी होनी चाहिए. साथ ही दाने को हरे और सूखे चारे के साथ मिलाकर कैसे खिलाया जा सकता है. 

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Feed-Fodder: भैंस को दाना-चारा खिलाते वक्त रखें इन 16 बातों का ख्याल, पढ़ें CIRB की रिपोर्टगर्भवती गाय-भैंस को क्या खिलाएं

जानकारों की मानें तो खुराक से ही हैल्थ बनती है और खुराक से ही उत्पादन या कह लें कि कार्य क्षमता बढ़ती है. और ये बात इंसान ही नहीं पशुओं पर भी लागू होती है. शायद इसी को ध्यान में रखते हुए सेंट्रल इंस्टी्ट्यूट ऑफ बफैलो रिसर्च सेंटर (सीआईआरबी), हिसार, हरियाणा समय-समय पर भैंसों के खानपान से जुड़ी रिपोर्ट जारी करता रहता है. सीआईआरबी का कहना है कि भैंस को अच्छी  खुराक देने के साथ-साथ ये भी मालूम होना चाहिए कि कब एक भैंस को कितना दाना और चारा खिलाना है. 

खासतौर पर गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए. हालांकि बहुत सारे ऐसे लोग भी हैं जो ये मानते हैं कि पशुओं का क्या है, उन्हें तो कभी भी और कुछ भी खिला दो. लेकिन ये सोच सही नहीं है. पशुओं के लिए भी वक्त से संतुलित खुराक बताई गई है. ना कोई चीज कम और ना कोई दूसरी चीज ज्यादा. क्योंकि उल्टा-सीधा खा लेने से पशुओं का पेट भी बहुत जल्दी खराब होता है. 

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ये हैं भैंस को दाना और चारा खिलाने के तरीके 

भैंसों की खुराक संतुलित होनी चाहिए. 

भैंस की खुराक स्वादिष्ट और पौष्टिक होनी चाहिए. 

पशु की खुराक में बदबू नहीं आनी चाहिए.

पेट पूरा भरने पर ही भैंस को संतुष्टि मिलती है. 

भैंस की उम्र के हिसाब से उसकी खुराक तय करनी चाहिए. 

भैंस की खुराक को अचानक नहीं बदलना चाहिए. 

भैंस को चारा खिलाने का वक्त तय करके रखें. उस वक्त में बार-बार बदलाव न करें. 

भैंस को चारा खिलाने का समय ऐसा रखें जिससे भैंस ज्यादा वक्त तक भूखी न रहे.

भैंस की खुराक ऐसी होनी चाहिए जो कब्ज‍ और दस्त करने वाली ना हो. 

भैंस का पेट काफी बड़ा होता है इसलिए उसे भरपेट चारा खिलाना चाहिए. 

भैंस के दाना मिश्रण में ज्यालदा से ज्यादा तरह के दाने और खल को शामिल करना चाहिये. 

ज्यादा दाने और खल होने से मिक्सचर की क्वालिटी और स्वाद दोनों में बढ़ोतरी होती है.

पेट अगर खाली रह जाए तो भैंस मिट्टी, चिथड़े और दूसरी गन्दी चीजें खाना शुरू कर देती है.

अगर भैंस को कोई नई चीज खिलानी हो तो पहले वाले आहार के साथ मिलाकर धीरे-धीरे बदलाव करें.

भैंस की खुराक में शामिल दाना मिक्सचर प्रोटीन और ऊर्जा के स्रोत वाला होना चाहिए.

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ये है चारा और दाना मिक्सचर खिलाने का तरीका

सीआईआरबी के साइंटिस्ट की मानें तो दाना मिक्सचर को चारे के साथ अच्छी तरह मिलाकर खिलाने से कम गुणवत्ता और कम स्वाद वाले चारे की भी खपत बढ़ जाती है. इसके कारण चारे की बरबादी भी नहीं होती है. क्योंकि भैंस चुन-चुन कर खाने की आदत के कारण बहुत सारा चारा बरबाद करती है.

इसलिए जरूरी है पीसकर दाना खिलाना 

भैंस की खुराक में शामिल दाना मिक्सचर को अच्छी तरह से पीसना चाहिए. अगर साबुत दाना या उसके कण भैंस के गोबर में दिखार्इ दें तो समझ जाएं कि दाना मिक्सचर ठीक प्रकार से पिसा नहीं है. खराब तरह से पिसा दाना मिक्सचर भैंस को पचता भी नहीं है. लेकिन दाना मिक्सचर बहुत बारीक भी न पिसा हो. खिलाने से पहले दाना मिक्सचर को भिगोने से वह स्वादिष्ट  और पाचक हो जाता है.

 

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