झींगा तालाब का प्रतीकात्मक फोटो.Fish Care in Winter बदलते मौसम और ठंडे पानी से मछलियां भी बीमार होती हैं. बेशक आपको ये सुनने में कुछ अजीब लग रहा हो कि मछलियां तो रहती ही पानी में हैं तो वो पानी से कैसे बीमार हो सकती हैं. लेकिन ये सौ फीसद सच है कि पानी के बदलते तापमान और बदलते मौसम की वजह से मछलियां बीमार होती हैं. जैसे अब गर्मी के बाद ठंड का मौसम आ रहा है. दो दिन से मौसम में बहुत ज्यादा बदलाव दिखाई देने लगा है. हवा के साथ-साथ पानी भी ठंडा हो होने लगा है.
खासतौर पर सुबह-शाम के मौसम ने ठंड का अहसास कराना शुरू कर दिया है. इसलिए जरूरी है कि तालाब में पलने वाली मछलियों के रखरखाव पर भी खास ध्यान दिया जाए. तालाब के पानी को सामान्य किया जाए. वहीं मौसम के मुताबिक मछलियों की खुराक में भी बदलाव किया जाए. नवंबर से लेकर जनवरी तक मछलियों को ज्यादा ठंड लगती है. खास बात ये है कि मछलियां खुद भी ठंड से बचने के लिए अपनी रहने की जगह बदल लेती हैं.
फिशरीज एक्सपर्ट एमडी खान की मानें तो नवंबर की शुरुआत से ही तालाब का पानी ठंडा होना शुरू हो जाता है. खासतौर पर सुबह और शाम के वक्त पानी कुछ ज्यादा ही ठंडा हो जाता है. जबकि तालाब की मछलियों को आराम से रहने के लिए कम से कम 25 डिग्री और अधिकतम 30 डिग्री तापमान वाले पानी की जरूरत होती है. इसलिए जैसे ही पानी का तापमान 25 डिग्री से नीचे जाने लगता है तो मछलियों को गर्माहाट की जरूरत होती है. इसलिए ऐसे में जरूरी है कि उन्हें गर्म पानी से नहलाना शुरू कर दिया जाए. इसके लिए सुबह-शाम मछलियों को पम्प की मदद से अंडर ग्राउंड वॉटर से नहला सकते हैं. क्योंकि जमीन से निकला हुआ पानी गुनगुना होता है, इसलिए तालाब के ठंडे पानी में मिलकर यह पूरे पानी को सामान्य कर देता है. लेकिन ये सिर्फ छोटे साइज के तालाब के साथ ही मुमकिन है. बड़े साइज के तालाब में ऐसा करना मुमकिन नहीं है.
एक्सपर्ट का कहना है कि जब मछलियों को लगता है कि तालाब का पानी ठंडा हो गया है या होने लगा है तो वो अपनी रहने की जगह बदल देती हैं. प्रजाति के हिसाब से मछलियों की तालाब में अपनी रहने की अलग जगह होती है. कोई सतह पर रहना पसंद करती है तो कोई तली में. कुछ ऐसी भी हैं जो पानी के बीच में रहती हैं. यही वजह है कि पानी ठंडा होते ही सतह और बीच में रहने वाली मछलियां तालाब की तली में चली जाती हैं. क्योंकि तालाब के नीचे का पानी सतह के मुकाबले सामान्य रहता है.
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